मुंगेली. एक तरफ जहां मुंगेली जिले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका की भर्ती में धांधली का मामला लगातार सामने आ रहा है. वहीं दूसरी तरफ इस मामले को जिले के प्रभारी मंत्री लखनलाल देवांगन ने संज्ञान में लेकर महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को कलेक्टर राहुल देव के मार्गदर्शन में गड़बड़ियों को दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं.बता दें कि महिला एवं बाल विकास विभाग के मुंगेली ब्लॉक परियोजना कार्यालय में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका की भर्ती में गड़बड़ियों की ढेरों शिकायत है. विभाग में उच्च अधिकारी और कलेक्टर के समक्ष गड़बड़ी से जुड़े कई मामले पहुंच चुके हैं. जिसकी जांच तो चल रही है, लेकिन जांच की आंच किसी तक नहीं पहुंच सकी है. जिसका फायदा भर्ती कर रहे विभाग के अफसर मनमानी रवैय्ये पर उतर आए हैं. यहां के कारनामे आए दिन मीडिया में सुर्खियां बटोरती रहते हैं. यही वजह है कि अब मंत्री ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है. दरअसल जिले के प्रभारी मंत्री लखनलाल देवांगन ने अधिकारियों की बैठक लेकर विभागवार केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का समीक्षा किया और अफसरों कोआवश्यक निर्देश भी दिए हैं.
क्या है शिकायत
महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्रालय ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका की भर्ती के लिए जारी गाइडलाइन को दरकिनार कर मुंगेली जिले के जिला मुख्यालय स्थित एकीकृत बाल विकास परियोजना कार्यालय मुंगेली-1 पदस्थ अधिकारी प्रमिला पांडेय के द्वारा खुद से मनमाफिक नियम बनाकर चहेते अभ्यर्थी को लाभ दिलाने अलग-अलग भर्ती नियम बनाकर भर्तियां की जा रही है. यह बात हम नहीं, बल्कि हाल में कांग्रेसियों के द्वारा मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को दिए गए लिखित शिकायत में उल्लेखित है. शिकायत में यह भी कहा गया है पैसे का लेनदेन कर परियोजना कार्यालय के अधिकारियों द्वारा गड़बड़ियों को अंजाम दिया जा रहा है.
कैसे दे रहे है गड़बड़ी को अंजाम समझियए ..?
शिकायतकर्ताओं ने गड़बड़ी की बानगी बताते हुए दस्तावेज उपलब्ध कराया है, जिसमें कैसे गड़बड़ी को अंजाम दिया जा रहा है, खुद ही समझिए.
एकीकृत बाल विकास परियोजना कार्यालय मुंगेली -1 में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के लिए 25 अप्रैल 2023 को विज्ञापन भर्ती निकाली गई, जिसमें विभाग के मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइंस को अनदेखा कर यह कहा गया है कि प्रभावशाली सूची गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार की महिला होने पर सक्षम अधिकारी अथवा सरपंच सचिव संयुक्त हस्ताक्षर द्वारा जारी सर्वे सूची का अतिरिक्त अंक दिया जाएगा, जिसमें भथरी, छतौना,बरदुली, करही,चारभाठा, नवागांव घु,बरेला, केशरूवाडीह ,धनगांव गो.,पीथमपुर, फरहदा, करही,नूनीयकछार,बलौदी पंचायत की भर्ती शामिल है. लेकिन 2 माह बाद इसी परियोजना कार्यालय में 19 जून 2023 को सोढ़ार पंचायत के गांधीनगर के लिए भर्ती विज्ञापन निकाली गई, जिसमें साफ तौर पर लिखा है. ग़रीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले परिवार की महिला होने पर प्रभावशील सूची से सक्षम अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र मान्य किया जाएगा. इसमें सक्षम अधिकारी का कहीं उल्लेख नहीं है.
शिकायतकर्ताओं का कहना है कि एक ही परियोजना एक ही अधिकारी के द्वारा किस तरह से विभाग के गाइडलाइंस को दरकिनार कर न सिर्फ अलग अलग भर्ती नियम बनाकर विज्ञापन निकाली गई, बल्कि अपात्रों का चयन कर दिया गया और पात्र अभ्यर्थी अधिकारियो के मनमाफिक नियम बनाने से वंचित रह गए. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि एक विज्ञापन भर्ती में अभ्यर्थी को सरपंच सचिव का प्रमाण पत्र नहीं होने से अमान्य किया गया. उसी विभाग के एक भर्ती में मान्य कर दिया गया. जबकि जिले के मुंगेली परियोजना 2, लोरमी, पथरिया के परियोजना कार्यालयों में सक्षम अधिकारी द्वारा प्रमाण पत्र पर ही BPL का अतिरिक्त अंक दिया जा रहा है. बल्कि मुंगेली के परियोजना क्रमांक 1 में भी पूर्व में सक्षम अधिकारी के प्रमाणित होने पर 6 अंक दिया जाता रहा है, लेकिन नियमों में फेरबदल कर न सिर्फ गड़बड़ी बल्कि एक बड़े धांधली को अंजाम दिया जा रहा है.
पैसे में लग रही बोली ?
शिकायतकर्ता नागेश्वरी ने यह भी आरोप लगाया है कि विभाग के अधिकारी उसी अभ्यर्थी का चयन कर रहे हैं जो सबसे अधिक पैसा दे रहा, फिर चाहे वह भर्ती के लिए अपात्र ही क्यों न हो, उसका चयन कर दिया जा रहा है.
दरअसल मुंगेली विकासखंड के कंचनपुर निवासी नागेश्वरी ने भी कलेक्टर से लिखित शिकायत कर कहा है कि मुंगेली परियोजना क्रमांक 2 में जो आंगनबाड़ी सहायिका की भर्ती हुई है. उसमें उनका चयन हो रहा था, लेकिन उनका चयन न कर ऐसे अभ्यर्थी का चयन किया गया है जो वर्तमान में कंचनपुर गांव की निवासी ही नहीं है. दो साल पहले शादी होकर गांव से चली गई है. उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि विभाग की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका की भर्ती में खुलेआम बोली लग रही है जो ज्यादा पैसा दे रहा है उसका चयन हो रहा है. इस मामले में अब देखने वाली बात यह है कि विभागीय मंत्री के निर्देश के बाद आगे क्या कार्रवाई की जाएगी.