गरियाबंद. भाजपा ने बिंद्रानवागढ़ में विधायक डमरूधर पुजारी का टिकट काटकर पूर्व विधायक गोवर्धन मांझी को प्रत्याशी बनाया है. कांग्रेस भी पेशोपेश में है, क्योंकि गोवर्धन ने जनक को रिकार्ड मतों से हराया था. ऐसे ये दिलचस्प होगा कि कांग्रेस गोवर्धन मांझी के काट में किसको चुनावी मैदान में उतारेगी.भाजपा ने बिन्द्रानवागड़ विधानसभा के लिए गोवर्धन मांझी पर तीसरी बार भरोसा जताया है. 2003 में हार हुई थी, लेकिन 2013 में गोवर्धन मांझी ने कांग्रेस के जनक ध्रुव को 30536 मतों से इस सीट पर जीत का नया कीर्तिमान रचा था. पार्टी के आंतरिक सर्वे में मांझी का ग्राफ सिटिंग विधायक डमरूधर पुजारी से ऊपर था. यही प्रमुख वजह रही कि, पिछले चुनाव जीतने वाले प्रत्याशी को रिपीट करने के ऐलान के बावजूद वर्तमान विधायक का टिकट काट दिया गया. जीत वाले 15 सीटों में यह पहली सीट है, जहां भाजपा ने विधायक का टिकट काटा है. टिकट के ऐलान के बाद गोवर्धन मांझी के गृह ग्राम में समर्थकों की भीड़ जुट गई और जमकर आतिशबाजी हुई. मांझी ने दोबारा विश्वास जताने के लिए संगठन के प्रति आभार जताया है.
टिकट काटने के 2 बड़ी वजह
वर्तमान विधायक पर मद के काम को गिने चुने पंचायत में ही देने का बड़ा आरोप भाजपा समर्थक सरपंच लगा चुके थे. संगठन और ग्राम स्तर के कई कार्यक्रम में पुजारी खुद दूरी बनाकर भाजपा के कट्टर कार्यकर्ताओं से लगातार दूरी बनाना उनके लिए नुकसानदेह साबित हो गया.
गोवर्धन मांझी को टिकट मिलने के 2 बड़ी वजह
2013 में इस सीट पर सर्वाधिक मत से जीतने के बावजूद, मांझी का 2018 में टिकट काटा गया. इन 5 साल में मांझी ने पार्टी और कार्यकर्ताओं के प्रति निष्ठा बनाए रखी. संगठन के हर काम में भाग लेते रहे. दूसरी बड़ी वजह उनका सतत जन संपर्क जिसके कारण पार्टी सर्वे में लोकप्रियता बरकरार रहा.
कांग्रेस मंथन को मजबूर
गोवर्धन मांझी के नाम पर मुहर लगने के बाद कांग्रेस अब अपने प्रत्याशियों के नाम पर मंथन शुरू कर दिया है. दावेदारों में सबसे ऊपर नाम जनक ध्रुव का माना जा रहा है, लेकिन गोवर्धन माझी ने जनक ध्रुव को 2013 में 30536 मतों से मात दिया था. दूसरा नाम संजय नेताम का है. इस नाम पर विचार करने से पहले पार्टी जातिगत समीकरण की टोह ले सकती है.
3 का संजोग और पदर कायम रहा
गोवर्धन मांझी के साथ वर्ष के अंत में 3 संजोग कायम रहा. उन्हे पार्टी ने 2003 में फिर 2013 में अब 2023 में प्रत्याशी बनाकर उतारा है. इस सीट में हुए 13 चुनाव में 9 बार भाजपा ने विधायक बनाया है, जिसमें से 7 बार के विधायक पदर वाले गांव से थे. यह संयोग भी कायम रहा, गोवर्धन मांझी का गृह ग्राम गोहरा पदर है.