बिलासपुर. शहर में हुए परिसीमन को लेकर अब विरोध की लहर उठने लगी हैं जिला प्रशासन के गुपचुप रवैये से नाराज कांग्रेसी पार्षद आग उगल रहे हैं तो वही जल्द इसके विरोध स्वरूप अपनी आपत्ति दर्ज कराने की तैयारी में लगे है इधर कांग्रेसी पार्षदो और पदाधिकारियो की नाराजगी को देखते हुए विधायक ने भी अपना कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है जल्द ही इस गोपनीय परिसीमन की नीति को लेकर विधायक सीएम से मिलने के मूड में है।
हाल ही में प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के सभी जिलों में नगर निगम की सीमाओं का परिसीमन किया गया है वही बिलासपुर के 66 वार्डो के परिसीमन में गड़बड़झाला सामने आने लगा है शहर के कांग्रेसी पार्षदों का आरोप है कि गुपचुप तरीके से जिला प्रशासन ने बिना उनकी राय लिए कुछ लोगों के कहने पर परिसीमन की प्रक्रिया को अमलीजामा पहनाया जिसे लेकर अब विरोध के स्वर उठने लगे। इसी मसले पर चर्चा करने बुधवार की दोपहर शहर के कांग्रेसी पार्षद और पदाधिकारी गण नगर विधायक शैलेश पांडे से मिलने पहुंचे पार्षदों विधायक को परिसीमन में उनसे चर्चा किए बिना किए जाने की अपनी व्यथा सुनाई वहीं विधायक श्री पांडे ने भी पार्षदों और कांग्रेस पदाधिकारियों की बातें सुन सरासर गलत बताया है विधायक का का भी कहना है कि जिला प्रशासन ने बंद बंद कमरे में परिसीमन की कहानी का डाली और बगैर कांग्रेसी पार्षदों से राय लिए शहर का विस्तार आनन-फानन में कर दिया है।
कांग्रेसी पार्षद करेंगे आपत्ति दर्ज..
शहर के परिसीमन में कांग्रेसी पार्षदों की गैरमौजूदगी के बाद गुस्साए पार्षद गण अब राज्य सरकार के इस फैसले को लेकर जल्द ही आपत्ति दर्ज कराने के मूड में है जिससे आगामी नगरी निगम निकाय चुनाव में दूसरों को मौका ना मिल सके और पार्षद अपनी सीमा में रहकर जनता के बीच एक बार फिर नगर निगम चुनाव में अपनी जीत सुनिश्चित कर सके वही यह भी चर्चा है कि अगर परिसीमन की स्थिति सुधारी नही गई तो इस बार कांग्रेस को नगर निगम चुनाव से हाथ धोना ना पड़ जाए।
विपक्षी पार्टी भी निशाने पर..
कांग्रेसी पार्षदों और पदाधिकारियों के बीच यह भी चर्चा है कि जिला प्रशासन ने बंद कमरे में कुछ बीजेपी नेताओं के बोलने पर परिसीमन किया है जिसमें कांग्रेस पार्टी के विरोधी ग्रुप के कुछ लोग शामिल हो सकते हैं।