बिलासपुर.मस्तूरी विधायक व उप नेता प्रतिपक्ष डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी मीडिया से मुखातिब हुए इस दौरान उन्होंने प्रदेश की सत्ता पर काबिज कांग्रेस सरकार को जमकर हमला किया। उन्होंने प्रेसवार्ता के दौरान किसानों का साथ देते हुए कांग्रेस सरकार को किसान विरोधी करार दिया और कहा की-धान का कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार ने धान खरीदी के नाम पर उठापटक मचा रखी है। धान खरीदी के नाम पर प्रदेश में किसानों को प्रताड़ित किया जा रहा है स्वयं को किसान हितैषी बताने वाली कांग्रेस सरकार धान खरीदी के नाम पर प्रदेश में अन्य दाताओं को प्रताड़ित करने व 2500 रुपए प्रति क्विंटल खरीद कर भी हर साल नए नियम लेकर आ रही है।
जिससे किसान भाई प्रताड़ित है साथ ही उनके रकबा की कटौती में धांधली , टोकन देने में भृष्टाचार , बारदाने की कमी और बारदाने को अधिक रेट में खरीदने के कारण किसान भाई को परता नही पड़ रहा है। किसान भाई को 2500 रु लेकर भी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस सरकार 2500 रुपये प्रति क्विंटल धान खरीदने का ढोल पीटकर कमीशन का खेल खेल रही है किसानों को कंगाल बनाने के षड्यंत्रों में लगी हुई है जिससे किसान भाई अपनी समस्याओं को लेकर काफी परेशान है । किसान भाइयों की इन्हीं परेशानी को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी के मस्तूरी विधायक उप नेता प्रतिपक्ष डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी ने मोर्चा खोल दिया है और किसानों की समस्याओ को लेकर उनके नेतृत्व में मस्तूरी क्षेत्र के किसान अपनी अपनी समस्याओं को लेकर पुलिंदा 11 दिसंबर को मस्तूरी एसडीएम को ज्ञापन सौपेंगे मस्तूरी विधायक ने सभी किसान भाइयों से अपनी समस्या से जुड़ा आवेदन लेकर एसडीएम कार्यालय पहुंचने की अपील की है साथ ही यह भी कहा है कि यदि जल्द ही किसानों की समस्याओं का निराकरण नहीं किया गया वह जल्द ही बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा।
किसानों को नहीं मिल रहा उनकी मेहनत का मोल: बीपी सिंह
तो वही प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य किसान मोर्चा के बी पी सिंह ने कहा कि किसान छत्तीसगढ़ की पहचान है और किसानों की मेहनत के कारण ही छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है भाजपा के शासनकाल में अन्नदाता को कभी किसी किस्म की परेशानी नहीं हुई परंतु जब से प्रदेश में कांग्रेस सरकार सत्ता में आई है तब से अन्नदाताओं को उनकी मेहनत का मोल भी सरकार नहीं दे पा रही है तो वही भूरा महो बीमारी के कारण भी 3 से 4 बार कीटनाशक का छिड़काव करने के कारण किसान पहले से ही आर्थिक नुकसान में है ऊपर से बारदाने में 25 % सरकार मांग रही है जो पूर्णतया गलत है किसान लगातार आर्थिक परेशानी से जूझ रहा है साथ ही टोकन देने में भी भ्रस्टाचार व्यापत है।