बिलासपुर. महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जेल रोड स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में आयोजित वजन त्यौहार कार्यक्रम में नगर विधायक शैलेश पांडेय शामिल हुए। यहां वजन त्यौहार उत्साह के रूप में मनाया जा रहा है और शिशुवती माताओं को पौष्टिक आहार की जानकारी भी प्रदान की जा रही है वजन त्यौहार पर 5 वर्ष तक की आयु के बच्चों का वजन किया जा रहा है 11 से 18 वर्ष की सभी किशोरी बालिकाओं का हीमोग्लोबिन टेस्ट भी कराया जा रहा है।
नगर विधायक पाण्डेय ने कहा.
कार्यक्रम में पहुंचे नगर विधायक शैलेष पाण्डेय ने कहा कि जिले में उत्साह पूर्वक वजन त्यौहार मनाया जा रहा है, और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका बच्चों का वजन करने के साथ ही शिशुवति माताओं को पौष्टिक आहार की जानकारी दे रही है। बच्चों को सुपोषित करने के लिए उनके वजन की जानकारी होना बहुत जरूरी है ताकि कुपोषण होने की स्थिति में उन्हें सुपोषण की श्रेणी में लाने के लिए पौष्टिक आहार दिया जा सके। उल्लेखनीय है कि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जिले के विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों में वजन त्यौहार कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
कुपोषित बच्चों और माताओं का चिन्हांकन कर शत प्रतिशत कुपोषण मुक्त करने का लक्ष्य.
मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान और वजन त्यौहार की महत्ता के बारे में माताओं और बहनों को विभाग द्वारा जागरूक करने का भी कार्य किया जा रहा है ताकि वह अपने बच्चों की सेहत और उनके खानपान का विशेष रूप से ध्यान रखें कार्यक्रम के माध्यम से वह महिलाओं को इस बात के लिए भी जागरूक कर रहे हैं कि वजन कराते समय यदि वजन मशीन का कांटा लाल रंग पर आकर ठहर जाता है तो इस बात का संकेत है कि बच्चा गंभीर रूप से कुपोषित है कुपोषण दूर करने के लिए उसके खान-पान पर विशेष रूप से ध्यान दिए जाने की जरूरत है
7 से 16 जुलाई तक मनाया जाएगा वजन त्यौहार.
महिला एवं बाल विकास अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में 7 से 16 जुलाई तक वजन त्यौहार मनाया जाएगा। 5 वर्ष तक के उम्र के बच्चों के पोषण का स्तर की जांच करने के लिए उनका वजन लिया जा रहा है वजन मशीन में बच्चों का वजन लेने से सुपोषण अथवा कुपोषण के स्तर का पता चलता है इसके आधार पर बच्चों को चिन्हित कर विशेष पोषण आहार आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका की देखरेख में दिया जाता है वजन मशीन में वजन लेते समय हरा रंग सुपोषित होने का प्रतीक है जबकि पीला रंग मध्यम को पोषण तथा लाल रंग गंभीर कुपोषण का संकेत है योजना के माध्यम से कुपोषण मुक्त करने का कार्य किया जा रहा है।