मुंह फट

‘रवि शुक्ला’

बाबा अउ पंचायती.

छत्तीसगढ़ कांग्रेस में एक बार फिर बाबा को लेकर पंचायती शुरू हो गई है(या कहे पंचायती की जा रही है) दिवाली से पहले दिवाला की आतिशबाजी शुरू हो गई है। बाबा ठहर नहीं रहे हैं। एक-एक कर फटाखा छोड़ रहे हैं कहने को तो बहुत कुछ है मगर एक लाइन में सार बात यह है कि सीनियर बाबा की पंचायती से पार्टी को कोई फर्क तो पड़ता नजर नही आ रहा है।

लोग कह रहे हैं कि अभी पंचायती छोड़ी है हो सकता है कल सेहत बिगाड़ दे सरकार पर खग्रास ग्रहण न लग जाए,लेकिन कका भी मझे हुए खिलाड़ी है प्रदेश की सियासत में उनके कामकाज का लोहा माना जा रहा है सब को साथ लेकर चलना तो उनकी पुरानी आदत में शुमार है, कका के रहते किसी की सेहत बिगड़ जाए न बाबा न.

शाबास मैडम हेल्थ.

एक सर्वे आया है आठ साल के बच्चे भी हेल्थ के प्रति जागरूक हो रहे हैं यानी इंसानों में हेल्थ के प्रति जागरूकता लगातार बढ़ रही है। ऐसे में सरकारों को भी हेल्थ पर ज्यादा ध्यान देना होता है। ऐसे में छत्तीसगढ़ सरकार ने हेल्थ महकमा सीनियर महिला आईएएस को दे दिया है ।

पूरे प्रदेश की सेहत का जिम्मा संभालने वाली मैडम हेल्थ धीर गंभीर और मसलों को समझने वाली है। जैसे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए हर एक कौर की महत्वता को ध्यान में रखा जाता है। बस उसी तर्ज पर स्वास्थ महकमे की महती जिम्मेदारी को मैडम हेल्थ ने बारीकी से अपनी निगरानी में रखा है।
वैसे भी महिलाओं से बेहतर परिवार के स्वास्थ्य का ध्यान रखने वाला दूसरा कोई नहीं हो सकता लिहाजा सरकार ने जो किया बहुत बढ़िया किया है, उम्मीद करते हैं कि नतीजे भी सकारात्मक आएंगे।

कल्याण और खुशी.

आईपीएस अफसरों की ट्रांसफर पोस्टिंग एक तरह से जी का जंजाल है। कई बार तो किसी का चाह कर भी कल्याण नहीं हो पाता,जैसे मुख्यालय के वन परिक्षेत्र और पिकनिक स्पॉट से लदे पड़ोसी जिला, तीन थानों का एक जिला इतने को तो डीएसपी स्तर का अफसर भी संभाल सकता है। ऐसे मैं काबिल कप्तान को भेजना एक तरह से अन्याय ही माना जाएगा बड़ी मुश्किल से तो जिला मिला उस पर भी कल्याण नहीं और कोई खुशी नहीं।

हमर जिला पुलिस.

जिला मा एक मिठलबरा थानेदार आए हे, दिन रात जुगाली करत बस ऐति-ओती करथ रहिथे,कही ले आए बस माल सकेलो,थाना ला त पूरा पंचायत बना दिए हे आन तान मामला के सारा निपटारा थाना मा ही करथे, जइसे कोर्ट जाए अउ लिखा पढ़ी के कोई नियम ही नई हो आज के युग मा.

आने अउ सियान मन ले रोज भेंट करथे मगर पता नई थाना के कुर्सी म बईठते कोन से सुरूर चढ़ जाथे की कोनो ला चिन्थे नही,वसूली के कहानी भी बड़ा अति उत्तम तरीका ले सुनाथे अउ कहा ले तोड़ी-बोड़ी होही ओला भी जाने कोने ले पूछे मा पीछे नई.

अरे लोहा के नगरी मा जतका सकेल लिए ओमा संतुष्ट हो जा,बिलासा मा ज्यादा आए ताए करबे त लोहा भारी पड़ जाहि,अपन पद के मान मरियादा ला भी बनाए रख,फोकट के सलाह हे बाकी ऊपर वाला मेहरबान त…के कहावत त सबो मन जानत हे.

पार्ट टू.

हद हो गे जी,नगर के गाड़ी-घोड़ा त संभलत नई हे अउ चले मुरारी हीरो बने, कोई बतात रहिस की साहूकारी सर में चढ़ गे हे, हाय पइसा हाय पइसा करथ रहिथे साहब हा, आदत स्वभाव ले अब्बड़ मिलन सार हे, सियान हो या मितान सब के सुनथे अउ जतका बन सके ओतका कर भी देथे। कभी कभी बस जिला के नम्बर एक अऊ पांच साहब के फिरगी दे अपन दामन ला पाक साफ बताए मा भी नई चुके।

आखिर साहूकारी के पूरा गुण जो हे, जाए दे नगर के गाड़ी -तांगा के लिए ता बड़े साहब हा ओला हड़का चुके हे कि विभाग के चालानी हिसाब किताब ठीक से करव कह के,पइसा-पइसा के चक्कर मा एक दिन त अइसे बवाल खड़ा हो गे की एक सिपाही वट्सप संगी ग्रुप मा साहब अउ ओखर इंतजाम अली एक महाराज मुंशी के नाम लिख कंझा के दुनू पर प्रताड़ित करें के आरोप थोप फांसी लगाए के कोशिश करिस, भागे दौड़े पहुंचे ओला मनाए बर, भगवान भला करे बच के सिपाही, अब बारी मेडम के पेशी के पूरा माल मसाला ले पहुचे मेडम के दरबार अपन सफाई दिस अउ राधे हरि,कोनो ला कानोकान खबर मत होए ता सिपाही के मान मनौव्वल कर पांच दिन के छुट्टी, मामला सेट, एखर बाद संगी मन कहत हे अतका हो गे साहब अब सुधर जा परेशान झन कर.

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