‘रवि शुक्ला’
बनते बिगड़ते समीकरण.
भाजपा की रणनीति के हिसाब से छत्तीसगढ़ में बीजेपी चीफ बदल दिया गया है। लेकिन बिलासपुर से नया चीफ साव को बनाकर शहर का समीकरण अलग-थलग हो गया है। इससे अमर खेमा ज्यादा छटपटाया हुआ है क्योंकि शहर में ना चाहते हुए भी पार्टी का दूसरा छत्रप तैयार हो गया है।
जाहिर सी बात है जिसको अमर खेमे में भाव नहीं मिलेगा वह जाएगा साव की देहरी नापेगा और क्या
लेकिन इससे नगर के हंसमुख पाण्डेय का भी भला होता नजर नही आ रहा है। कोई बता रहा था कि पहले तो अमर खेमे से लटपट में एक बार सक पाए अब साव की छवि और उनकी ताकत से भी लड़ना पड़ेगा। कांग्रेस में भीतर से भी उनकी मुश्किलें तो पहले से ही कम नहीं थी अब बीजेपी ने और बड़ी मुश्किल खड़ा कर दिया है।
मीठे सीनियर आईपीएस.
अफसरों की जन्मकुंडली खोलने वाले राज्य के सीनियर आईपीएस अफसर का जलवा बरकरार है। सरकार ने उनकी सुलझी हुई कार्यप्रणाली पर भरोसा किया है,नहीं तो प्रदेश की पुलिसिंग का सब से अहम (टॉप सीक्रेट) जैसा डिपार्टमेंट संभाल पाना आसान बात नहीं है।
ऐसे अफसरों को सावधान हो जाना चाहिए खासकर अपनी कमाई धमाई को लेकर कि कहीं इनकी नजर न पड़ी तो गई भैंस पानी में और सही भी है सरकार ने इसी का तो जिम्मा सीनियर आईपीएस को दिया है। खैर जैसा नाम वैसा स्वभाव, परिचित- जानकार, जिनको जानते है उनसे खुलेदिल से मिठास के साथ मिलते हैं। कुछ पूछने पर शिक्षक की तरह समझाते हैं और विभाग और अपने नाम के अनुरूप, प्रमुख की तरह कोशिश करते हैं कि जिसकी जितनी मदद हो जाए। सब से खास बात की कुंडली के ज्ञाता है ब्यूरोक्रेट्स हो या राजनीति नही तो लिखने पढ़ने वाले सब का हिसाब किताब शुरू से लेकर आखिरी तक रखते हैं और रुखसत होते हुए प्यार की मिठास से भरा एक तोहफा भी देते है।
भाजपा में किरकिरी.
पिछले दिनों भाजपा के धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में नगर के लाल खेमे के दो पदाधिकारी आपस में झगड़ पड़े थे। यह सबको पता है जिले के बीजेपी चीफ से भाजयुमो से ताल्लुक रखने वाले एक पदाधिकारी ने गाली गलौज कर उनके गालों को लाल कर दिया था ऐसा कहा जा रहा है।
भले ही दोनो कितना भी इस मामले को लेकर न नुकुर क्यो न कर रहे हो, मगर कुछ तो हुआ है वरना बीजेपी के महाधरना में सदा के लिए अमर रहने वाले इस बवाल की हवा बिना वजह तो नही उड़ती न, ठीक है पार्टी सत्ता में नहीं है। लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि नगर के लाल के इर्दगिर्द रहने वाले उच्च पदाधिकारी की पार्टी में इज्जत को चौक चौराहों पर उछाला जाए। अरे पार्टी में अनुशासन नाम की भी कोई चीज है मंच पर बोलने और बुलवाने का एक कायदा है जो पार्टी तय करती है कि कौन पदाधिकारी बोलेगा कौन नहीं, ऐसे में हर कार्यकर्ता बोलने के लिए जिद करे तो कार्यक्रम रात तक पूरा नहीं होगा बेकार में लोग सफेद कबूतर से उलझ बैठेते है।
हमर जिला पुलिस.
जिला मा नारी शक्ति के जोर चलथ हे, ऊपर से नीचे तक अउ जरूरी भी हे,लेकिन एखर जोर देखे ला नई मिले अइसे कोनो-कोनो गोठियात रहिस,सबो मन बूता के समय एती-ओती, ऑफिस ल तो फोन ले चलाथ हे कभू कभार दिख गे त जय गोपाला.
बड़े मेडम जहा आ गे ता जरूर आने काने दिखनाइच हे, जाए दे सब ला सब पता हे.
परे दिन गवई के थाना क्षेत्र मा चोर मन बिल-बिला गे आउ सब रपोट के निकल लीच अब बतावा भला व्यवहार कुशल थाना प्रभारी नए मेडम एको बार मौका मुआयना बर जाने के कोशिश नई करिच, बड़े साहब सुन के भागे आउ पहुच भी गे ए जान टीआई मेडम मुंह दिखाए के रस्म अदायगी बर पहुच गे रहिस,जेखर यहां चोरी होए हे ओ फड़फड़ात हे कब चोरहा मन के पता चलहि अइसे लगथ हे कि टीआई मेडम नइच जाए कोई मतलब नई रखो के कसम खाए हो, त घूम फिर के मामला क्राइम वाले देखत हे, अरे मेडम थाना एक सिपाही के भरोसे नही चलहि जेखर ऊपर तय सारा इंतजाम अली के बूता ला सौप दिए हस,सरकारी मोबाइल लगे नई अउ सबो मन के पास तोर प्राइवेट नंबर होना थोड़ा कठिन हे.