‘रवि शुक्ला’
मुस्कुराहट और मौन.
परिवर्तन प्रकृति का नियम है प्रदेश की कांग्रेस सरकार में चल रहे सियासी भूचाल के बीच सिंहदेव की मुस्कुराहट और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की गंभीरता बहुत कुछ बयां कर रही है। जैसे फ्री रेसलिंग गेम में रेफरी जीत के बाद भरी भीड़ के बीच विनर का हाथ उठा देता है उसी हिसाब से दिल्ली दौड़ के बाद राहुल गांधी के छत्तीसगढ़ दौरे को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। राज्य को उम्मीद से ज्यादा तोहफे में मिले कांग्रेसी विधायको से बनी सरकार में ढाई ढाई साल का किस्सा जमकर उछला है।
कही ऐसा न हो जाए कि दो रैसलरो के बीच रेफरी बने राहुल गांधी किसी एक का हाथ खड़ा कर दे, अच्छी बात यह है कि दाऊ और बाबा ने खुद को संभाले रखा और अनुशासन में रहे जो कांग्रेस पार्टी के लिए अच्छा भी है लेकिन कहते हैं न कि राजनीति में सब जायज है भले ही दोनो नेताओं ने अपना मतभेद उजागर न किया हो मगर मनभेद होना जायज सी बात है, करीब 28 दिन बाबा राज्य से बाहर रहे चर्चा है कि राजपरिवार ने दिल्ली ढाई ढाई साल को लेकर दिल्ली में अपनी भूमिका अदा की है तो वही उनके समर्थन में विधायक भी बड़ी खामोशी से डटे रहे। दिल्ली से वापस आते ही इस फील्डिंग का नाम दिया ‘आपकी सरलता और सादगी ही हमारी पूंजी है’.
अब दाऊ भी बहुत गंभीर मुद्रा में है कोई कह रहा था कि राहुल गांधी एक को राज्य की कमान तो दूसरे को सर्व सम्मान संगठन के एक बड़े पद पर बिठा के सारा टंटा ही न खत्म कर दे। चलो भी जो भी हो मगर बाबा के समर्थकों के चेहरे को काफी खिले हुए हैं तो दाऊ समर्थक अपनी हामी भर रहे है अब कब क्या होगा इसका पता तो राहुल गांधी के दौरे के साथ ही सारी स्थिति जल्द क्लियर भी हो जाएगी।
महिला अफसर संग लिकर वाला.
जिस तरह विस्की कहे या शराब के साथ पानी घुलमिल जाता है ठीक उसी तरह जिले की महिला अफसर (आबकारी) की एक शराब बेचने वाले से गहरी दोस्ती हो गई है भई दोस्ती जरूरी भी है, क्योंकि जगह- जगह सारे बार के ठेके जो उनके है दूसरा तो कोई दूर दूर तक नजर नही आता। प्रभार में चल रही महिला अफसर को सैर सपाटे का भी बड़ा शौक है,शौक भी ऐसा की शराब वाले ने दोस्ताना निभा अपनी महंगी गाड़ी में कोटा की वादियों का लुफ्त उठाने के लिए मैंडम को दे दी।
इसे कहते है न आम के आम और गुठलियों के भी दाम, घूमना का घूमना हो गया और गाड़ी की लक्जरी का मजा भी वैसे महोतरमा और शराब वाले कि दोस्ती की कहानी विभाग में खासा चर्चा में है लेकिन बेचारे मातहत करे तो क्या करे किसी न किसी वजह से दबे कुचले जो है।
नौसिखिया डीएसपी.
हाल ही में जिले से प्रमोट होकर बस्तर गई एक महिला डीएसपी का नौसिखिया पन गया नही है लगता है यही कारण है कि कुछ कर गुजर जाने की तमन्ना लिए यहां से रवानगी के लिए सरकंडा के कबाड़ी की कार से बस्तर तक का सफर तय किया। अरे मैंडम कुछ कर गुजरजाने का इतना जुनून होना अच्छी बात है विभाग का खूब नाम रोशन करे आल द बेस्ट, लेकिन बीच रास्ते फोटो सेशन करा खुद ही हल्ला मचवा दिया न जिसकी भी कार पर नजर पड़ी तपाक से बोला अरे ये कार तो फलाना कबाड़ी की है।
सरकार ने पद के हिसाब से गनमैन और ड्राइवर के साथ सरकारी गाड़ी विभाग के कामकाज के लिए दी है न कि रौब झाड़ने के लिए अब भला उस 407 वाहन चालक का क्या कसूर था जो सिविल ड्रेस में किसी के कहने पर उसे धमका चमका थाने भिजवा दिया। तमाशा देख रही पब्लिक से भी आनतान बात हद हो गई । ऐसे में क्या इमेज बनेगी पुलिस की, चलिए यह तो समझ आ ही गया कि अभी नौसिखिया डीएसपी को बहुत कुछ सीखना बाकी है और एक फ्री में सलाह भी,की सलीके से रहिए हद में नौकरी कीजिए क्योंकि इंसान नही सिस्टम काम करता है किसी दिन इस सिस्टम में कोई सिर फिरा मिल गया न तो गई भैस पानी मे।
हड़ताल और गुलाबी गैंग.
सिम्स में करीब एक सप्ताह से सैलरी बढ़ाने को लेकर छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के बैनर तले कामकाज बंद कर 316 स्टाफ हड़ताल पर चले गए हैं हो सकता है कर्मचारियों की मांग जायज हो मगर कोई ये तो बताए कि इस हड़ताल के पीछे गेम कौन खेल रहा है सिम्स में स्टाफ भर्ती में हुए घोटाले का खेल किसी से छुपा नही है नगर के लाल उस वक्त विभाग के मंत्री भी हुआ करते थे कोई बता रहा था कि सारा खेल उनके ही चंगू मंगूओ का है।
प्रदेश में सरकार होने का पूरा फायदा उठाया गया और सिम्स में जहा जो मिला वहां अपने नजदीकियों को फिट कर दिया गया। अब मांग कर रहे कि पैसा बढ़ाओ भला बताओ इस हड़ताल में वो लोग क्यो पीस रहे है जिनका भर्ती फर्जीवाड़े से कोई लेना देना नही है उम्मीद है जबतक जांच रिपोर्ट नही आएगी सरकार इस ओर ध्यान देने के मूड में नही है, लड़ाई तो इस बात की है कि आखिर वो लोग कहा है जो बिना पात्रता सिम्स में नेतागिरी के दम पर नौकरी कर रहे हैं पूरे मामले की जाँच भी हो चुकी है लेकिन उसकी रिपोर्ट ओपन नही की गई।
अब 316 कर्मचारियों को उनका हक दिलाने का बीड़ा एक नेता ने उठा लिया है, नेता है इतना तो हक बनता है हड़ताल वाली जगह पर कुर्सी पर बैठ केक काट अपना जन्मदिन भी मना लिया केक देख लोगो ने कहा आप तो गुलाबी गैंग वाले नजर आ रहे हो अरे नेता जी एक बार खुद से भी तो सिम्स में हुए फर्जीवाड़े की आग में घी डालने का काम करो न कि हड़ताल।