मध्यप्रदेशः के सतना जिले से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है. चित्रकूट के जंगलों में डकैतों का सफाया करने के इरादे से पुलिस और एसएएफ की टीम उतरी, लेकिन इस सर्चिंग ऑपरेशन में उसके एक जवान की प्यास से तड़प तड़प कर मौत हो गई. कहा तो ये भी जा रहा है कि सर्च ऑपरेशन में साथ गई टीम उस जवान को जंगल में छोड़ आई. 48 घण्टे बाद गायब SAF जवान सचिन शर्मा का शव बटोही के जंगल से पुलिस ने बरामद कर लिया, जवान के परिजनों ने इस मामले में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए हैं.
पुलिस के अनुसार, चित्रकूट जंगलों में डकैतों की सर्चिंग ऑपरेशन के लिए एसएएफ और पुलिस टीम गई थी. ये टीम जंगलों में डकैत बबली कोल की तलाश में जंगल में उतरी थी. सर्चिंग टीम में एसएएफ जवान सचिन शर्मा भी दस्यु प्रभावित इलाके थरपहाड गया था. सर्चिंग से लौटते समय सचिन शर्मा सहित तीन जवानों की गर्मी और प्यास से तबीयत बिगड़ गई. तीनों जवानों को एक पेड़ के नीचे छोड़कर बाकी टीम पानी लेने के लिए आगे आ गई. कई घंटों बाद जब टीम वापस लौटी तो जवान गायब थे.सर्चिंग टीम बगधरा पोस्ट वापस आ गई. कुछ देर बाद दो जवान शिवमोहन और अशोक दो वापस आ गए, लेकिन सचिन वापस नहीं लौटा. उसे खोजने के लिए टीम फिर मौके पर गयी लेकिन वह नहीं मिला. इसकी सूचना पुलिस को दी गई. सतना एसपी पुलिस बल के साथ बगधरा पोस्ट पहुंचे और गायब जवान की सर्चिंग शुरू की. दो दिन तक सर्चिंग के बाद भी जवान का सुराग नहीं मिला. रविवार देर शाम चरवाहों की सूचना पर बटोही के जंगल से लापता जवान सचिन की लाश बरामद की गई. पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सुपुर्द कर भिंड के लिए रवाना कर दिया.
जवान सचिन शर्मा के परिजन सतना पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े कर गए. उन्होंने सचिन की मौत के मामले में पुलिस की लापरवाही से होने का आरोप लगाते हुए मौत की निष्पक्ष जांच की मांग कर दी. सतना एसपी ने चरवाहे की सूचना देने की बात सिरे से नकार दी. हालांकि उन्होंने जवान के प्यास से तड़प तड़प कर की मौत होने की बात स्वीकार कर ली. लेकिन पुलिस की लापरवाही मनाने को तैयार नही है, परिजनों द्वारा जांच की मांग पर एसपी गोलमोल जवाब दे रहे है.