गरियाबंद. उदंती सीतानदी अभ्यारण (Udanti Sitanadi Sanctuary) में अतिक्रमणकारियों पर एक और बड़ी बेदखली की कार्रवाई की तैयारी हो गई है. उपनिदेशक वरुण जैन ने बताया कि अभ्यारण्य के बफर जोन में आने वाले तौरेंगा रेंज के टांगरान जंगल में 29 अतिक्रमणकारियों को बेदखली करने की कार्रवाई 3 जनवरी को किया जाना है. इसमें 25 ओडिशा नवरंगपुर जिले के रहवासी हैं. इनके खिलाफ जून में ही नोटिस जारी किया गया था. आरोपी कार्रवाई को अवैध बताते हुए न्यायालय के शरण तक भी गए. न्यायालय के निर्देश के बाद विभाग के आला अफसरों ने सुनवाई किया. 4 महीने की सुनवाई के बाद अभ्यारण्य प्रशासन ने कार्रवाई को जायज बताया गया. 13 दिसंबर को विभाग के उप सचिव द्वारा कार्रवाई को यथावत रखने के निर्देश दिए गए हैं.
वैधानिक कब्जे का दावा निकला झूठा
अभ्यारण प्रशासन की कार्रवाई को आरोपियों ने चुनौती देने अपने कब्जा को वैध बताया था. अपने दावा में 2005 से पहले काबिज और फर्जी तरीके से पाए गए वन अधिकार पट्टे का हवाला दिया था. सुनवाई के दौरान विभाग ने इसरो द्वारा जारी उस सेटलाइट इमेजरी को पेश किया जिसमें काबिज वाले स्थानों पर 2008 से लेकर 2011 तक जंगल नजर आ रहे थे. विभाग ने 2015 के बाद किए गए उस कार्रवाई का भी हवाला दिया जिसमें ताजा अतिक्रमण का सबूत मिटाने आरोपियों ने 265 पेड़ और 105 ठूठ को जलाने का प्रयास किया था.
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वन अमले पर हमला
जून महीने में वन अमला इचरादि में काबिज लोगों को बेदखल करने पहुंचा तो वहां के लोगों को टांगरान के अतिक्रमणकारियों ने भड़काकर वन अमले पर हमला करवाया था. इस हमले में कुछ कर्मी घायल हुए थे. सरकारी गाड़ी में भी टूट फूट हुई थी. आरोपियों का मकसद टांगरान पर होने वाली कार्रवाई को रोकना था. लेकिन उपनिदेशक वरुण जैन के ठोस इरादे के आगे इचरादी में विभाग पर भय बनाने की कोशिश नाकाम साबित हुई थी.
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अब तक 600 हेक्टयर हो चुका खाली
कई राजनीतिक दबाव के बावजूद वरुण जैन बेदखली अभियान को जारी रखे हुए हैं. जनवरी में धमतरी के घोरा गांव को खाली कराने के बाद इंदागांव और तौरेंग रेंज में कार्रवाई जारी है. मई और जून महीने में सोरनामाल, गोहरामाल और इचरादी में 250 से ज्यादा अतिक्रमणकारियों को अभ्यारण्य के 600 हेक्टेयर जमीन से बेदखल किया. ये वन, पर्यावरण और वन्य प्राणियों के सुविधा के लिए कार्य किया जा रहा है.
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