इलेक्ट्रॉनिक और टेक्नोलॉजी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने जानकारी दी है कि आने वाले ढाई साल में टाटा ग्रुप्स भारत में ही iPhone का निर्माण शुरू कर देगा. बता दें कि ये डिवाइस भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर के आईफोन प्रशंसकों तक पहुंचाया जाएगा. राजीव चंद्रशेखर ने इस बारे में सोशल मीडिया X पर पोस्ट किया है. जहां पहले दुनियाभर में बिकने वाले ज्यादातर iPhone चाइना में मैन्युफैक्चर होते थे. वहीं अब भारत में धीरे-धीरे iPhone की मैन्युफैक्चरिंग होने लगी है. हालांकि, कुछ वक्त पहले तक भारत में पुराने iPhone मॉडल्स को असेंबल किया जा रहा था. वर्तमान में विस्ट्रॉन का भारतीय प्लांट अपनी 8 प्रोडक्शन लाइनों में आईफोन-12 और आईफोन-14 की मैन्युफैक्चरिंग कर रहा है. टाटा के अधिग्रहण के बाद विस्ट्रॉन पूरी तरह से भारतीय बाजार से बाहर हो जाएगा, क्योंकि यह भारत में ऐपल प्रोडक्ट्स का प्रोडक्शन करने वाला कंपनी का एकमात्र प्लांट है.
एक साल से चल रही थी बातचीत
विस्ट्रॉन फैक्ट्री कर्नाटक के साउथईस्ट में है. एक रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2024 तक विस्ट्रॉन इस फैक्ट्री से करीब 1.8 बिलियन डॉलर के Apple iPhone बनाएगी. टाटा इस फैक्ट्री में ग्लोबल मार्केट के लिए iPhone 15 की मैन्युफैक्चरिंग करेगी.विस्ट्रॉन फैक्ट्री का वैल्युएशन करीब 600 मिलियन डॉलर का है. इस डील को लेकर करीब एक साल से बातचीत चल रही थी.
विस्ट्रॉन क्यों बिकी?
रिपोर्ट की मानें, तो विस्ट्रॉन को नुकसान हो रहा है. क्योंकि ऐपल के शर्तों के तहत कंपनी को नुकसान उठाना पड़ रहा है. विस्ट्रॉन का कहना है कि ऐपल की तरफ से फॉक्सकॉन और पेगाट्रॉन के मुकाबले ज्यादा मार्जिन लिया जा रहा है. वही, चीन के मुकाबले भारत में अलग चुनौतियां है, जिससे भारत में कर्मचारियों के साथ काम करना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में विस्ट्रॉन अपनी कंपनी बेचनी जा रही है.