बिलासपुर. सकरी क्षेत्र में शासकीय जमीन पर लगातार कब्जे के मामले सामने आते जा रहे हैं। सकरी बटालियन के पास खसरा नंबर 291 के करीब 1 एकड़ 32 डिसमिल जमीन पर देवीदास साहू और परिवार ने कब्जा जमा रखा है। इसमें से 64 डिसमिल जमीन तो सरकारी है। यहीं नहीं इस कब्जे के कारण सड़क भी संकरी हो गई है। लोगों की शिकायत और तहसीलदार के आदेश के बाद भी कब्जा खाली नहीं किया जा रहा है।
सकरी क्षेत्र में बटालियन जाने वाले रास्ते में सरकारी के साथ नंबरी जमीन भी है। इसमें खसरा नंबर 291 के करीब 1 एकड़ 32 डिसमिल जमीन का विवाद पिछले कुछ सालों से लगातार चल रहा है। तीन से अधिक लोगों द्वारा आपस में कई बार सीमांकन कराया जा चुका है लेकिन इसका हल नहीं निकल पा रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक खसरा नंबर 291 में देवीदास साहू और परिवार के साथ ही एक अन्य व्यक्ति मनोहर सिंह और एक अन्य ग्रामीण की जमीन है। एक दूसरे के खिलाफ जमीन कब्जे का आरोप लगाते हुए तहसीलदार कोर्ट में आवेदन भी किया गया है।
सरकारी जमीन पर कब्जा.
सरकारी और नंबरी जमीन पर विवाद को देखते हुए सकरी के मनोहर सिंह द्वारा सकरी तहसीलदार के कोर्ट में सीमांकन का आवेदन लगाया गया है। साथ ही आवेदन देते हुए देवीदास साहू और परिवार पर सरकारी जमीन पर कब्जे का आरोप भी लगाया गया है। तहसीलदार ने सीमांकन कराया तो सकरी बटालियन की मुख्य सड़क जो कि सरकारी पट्टी है पर देवीदास साहू और परिवार का कब्जा पाया गया। इसकी रिपोर्ट भी पेश कर दी गई है। कोर्ट ने कब्जा खाली करने का आदेश भी दिया है लेकिन इसका पालन नहीं हो पा रहा है।
सकरी तहसीलदार ने कोटा एसडीएम को जो रिपोर्ट सौंपी है उसमें भी कब्जे की बात लिखी गई है। जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि देवीदास और अन्य के नाम पर राजस्व रिकार्ड में 84 डिसमिल जमीन दर्ज है। स्थानीय किसानों ने शिकायत करते हुए सीमांकन कराया तो मौका जांच के अनुसार कुल एक एकड़ 32 डिसमिल जमीन पर कब्जा कर लिया गया था। साथ ही पूरे क्षेत्र को कांटों के तार से घेर भी दिया गया था। जांच रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख है कि कई किसानों की जमीन भी इस कब्जा की हुई सरकारी जमीन से लगी है। इसी जमीन से रास्ता भी इन किसानों को मिलता है। अब इसी पर कब्जा कर लिया गया है। इससे किसानों को परेशानी हो रही है। यही नहीं कब्जा की गई जमीन पर दुकान और मकान भी बना लिए गए हैं। इस मामले में सकरी तहसीलदार अश्वनी कुमार का कहना है कि सरपंच को भी पत्र लिखा गया है। जल्द ही स्थिति की समीक्षा करते हुए कोर्ट के फैसले के मुताबिक आदेश का पालन कराया जाएगा।