OMG एक्सक्लुसिव वीडियो- पैरोल पर छूटने के बाद पता चला ‘हाईकोर्ट से जमानत के बाद भी उन्हें 7 माह जेल में बंद रखा प्रशासन ने ‘..

रवि शुक्ला’

बिलासपुर. हाईकोर्ट से रिहाई का आदेश जारी होने के बाद भी एक व्यक्ति की हत्या के आरोप में दो युवकों को 7 माह बेजबरिया जेल में सड़ना पड़ा मामले का खुलासा तब हुआ जब पैरोल में जेल की चारदीवारी से बाहर आया एक युवक अपनी रिहाई की गुहार लेकर वकील के पास पहुचा इधर जब वकील ने उसे हाईकोर्ट उस आदेश के पन्ने पलटे तो दोनों सन्न रह गए। अब जेल से बाहर आने के बाद पीड़ित पक्ष अपने संविधान का हनन को लेकर दोषियों पर कार्रवाई के साथ उचित मुआवजे की मांग लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहा है।

वे खुद की बेगुनाही को लेकर चीखते रहे मगर पुलिस ने उनकी एक न सुनी 6 साल पूर्व 23-24 दिसंबर के बीच भाटापारा जिले के ग्राम कोसमन्दा निवासी एक गुरुजी की जमीन विवाद के कारण अज्ञात लोगों द्वारा हत्या कर दी गई थी इस मामले में भाटापारा के देहात थाने की पुलिस जब आरोपियों तक पहुंचने में सफल नही हो सकी तो पुलिस ने अपने एक रिश्तेदार से कोसमन्दा मिलने आए मुंगेली जिले के ग्राम पथर्रा थाना लोरमी निवासी पेशे से किसान (मजदूर) प्रभु शंकर उर्फ लारा कौशिक व उसके साथी चित्रांग उर्फ मनीष ध्रुव पर सारा इल्जाम मढ़ हत्या का आरोपी बना बलौदा बाजार की उपजेल की चारदीवरियों में कैद कर दिया।

‘OMG NEWS NETWORK’ को अपनी आप बीती सुनाते हुए दोनों युवकों ने खुद को बेगुनाह बता कर पुलिस पर आरोप लगाया कि भाटापारा देहात तत्कालीन थाना प्रभारी आर के राजपूत की न जाने हमसे क्या दुश्मनी थी हमें तो जरा भी एहसास नही था कि गुरुजी की हत्या के एक हफ्ते बाद कोसमन्दा जाना मुश्किल में डाल देगा रात को घर वापस लौटते समय बस स्टैंड में पुलिस टीम ने हमसे पूछताछ की और नाम पता दर्ज कर जाने दिया इधर जैसे ही दोनों युवक कमाने खाने पुणे गए भाटापारा क्राइम ब्रांच की टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर वापस भाटापारा ले आई। बिना कुछ पूछे जांचे हमें बलि का बकरा बना दिया गया और हत्या का आरोप लगा 3 दिन रिमांड पर रखने के बाद सेशन कोर्ट में पेश कर जेल दाखिल करवा दिया।

सब कुछ साफ फिर भी जेल..

पीड़ित युवकों ने पुलिस पर आरोप लगाया कि गुरुजी को वो जानते भी नही आजतक मृतक का नाम तक नही मालूम जांच में मृतक की पत्नी पुलिस के सामने हमे बेकसूर बता कर अपने रिश्तेदारों द्वारा उसके पति की हत्या करने की बात तक कहि मगर पुलिस नही मानी युवकों को बस इतना समझ आया कि गुरुजी की हत्या जमीन संबंधित विवाद को लेकर हुई थी वही इससे पूर्व भी मृतक के बड़े भाई की हत्या ही चुकी थी। इधर कोर्ट के आदेश पर प्रभु शंकर और चित्रांग ध्रुव को अंडर ट्रायल डेढ़ साल पुलिस ने जेल की सलाखों के बीच धकेल दिया।

फिर हो गई आजीवन सजा,रायपुर ट्रांसफर..

खुद को बेगुनाह साबित करते डेढ़ साल की सजा काटने के बाद दोनों युवकों को सेशन कोर्ट ने 30 अप्रैल 2015 को आजीवन कारावास की सजा सुना दी जिसके बाद उनका रायपुर सेंट्रल जेल में तबादला कर दिया गया 4 साल की सजा काटने के बीच युवकों के परिजनों ने इस मामले को हाईकोर्ट तक पहुचाया और 4 अप्रैल 2019 को हाईकोर्ट ने दोनों युवकों को दोषमुक्त करार देकर रिहा करने का आदेश जारी किया। इसके बाद भी दोनों 7 माह तक जेल में सड़ते रहे। प्रभु शंकर ने बताया कि अगर वह पैरोल पर जेल से बाहर नही आता तो उनके हाईकोर्ट से रिहाई की जानकारी भी शायद नही लगती।

संविधान का हनन और उचित मुआवजे की मांग..

दोनों युवकों के साथ हुए अन्याय का केस लड़ रहे हाईकोर्ट अधिवक्ता अख्तर हुसैन ने ‘OMG NEWS NETWORK’ को बताया कि इस मामले में युवकों ने अपने संविधान का हनन और उचित मुआवजे के साथ कार्रवाई की मांग कर रिट याचिका दायर किया है।

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