मुंगेली. चार साल पूर्व जिले की एक महिला आरक्षक के साथ हुए यौन उत्पीड़न का मामला एक बार फिर सुर्खियों में आया है। न्याय पाने की उम्मीद लेकर पीड़िता ने पुनः भूपेश सरकार में महिला आयोग का दरवाजा खटखटाया है।
मुंगेली में आयोजित महिला सम्मेलन में शिरकत करने महिला आयोग की अध्यक्ष बनने के बाद किरणमयी नायक पहली बार जिले के दौरे पर पहुंची थी। इस दौरान चार साल पूर्व वरिष्ट आईपीएस और तत्कालीन बिलासपुर आईजी पवन देव के द्वारा देर रात फोन पर अश्लील बातें कर बंगले बुलाकर परेशान किए जाने से पीड़ित महिला आरक्षक का मामला फिर उठ गया। इस मामले की पीड़िता ने चार साल पूर्व से लेकर अब तक हुई आप बीती महिला आयोग के अध्यक्ष को सुनायी। उन्हें बताया गया कि तत्कालीन पुलिस प्रशासन ने यौन उत्पीड़न के आरोपी आईपीएस पर एक्शन नही लिया था। महिला आयोग के समक्ष पीड़िता ने अपने पूरे दस्तावेजों समेत आंतरिक शिकायत समिति की जांच रिपोर्ट जिसमे पवन देव दोषी पाए गए है उसे लेकर सर्किट हाउस में पेश हुई थी।
नायक बोलीं, अब होगी कार्रवाई..
मीडिया से मुखातिब होते हुए श्रीमती नायक ने कहा कि महिला कांस्टेबल की शिकायत मिली है। पहले क्या हुआ इसकी मुझे जानकारी नहीं है। मैंने शिकायत को संज्ञान में ले लिया है इस पर आयोग कार्रवाई करेगा। उन्होंने कहा की उत्पीड़न से संबंधित हर पेंडिंग मामलों को देखा जा रहा है। न्यायपीठ में सुनवाई के बाद उचित कार्रवाई होगी।
एक नजर में घटनाक्रम..
30 जून 2016 को महिला आरक्षक ने बिलासपुर के तत्कालीन आईजी पवन देव द्वारा उसके साथ फ़ोन पर अश्लील बातें करने तथा दबाव पूर्वक अपने बंगले बुलाने की शिकायत की थी। इस की जांच आईएएस श्रीमती रेणु पिल्ले सहित 4 सदस्यों की समिति ने की और कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट 15 दिसम्बर 2016 को ही पूर्ववर्ती भाजपा की सरकार को सौप दी थी। कमेटी की जांच रिपोर्ट में पवन देव लगे सारे आरोपो को सही पाया और उन्हें दोषी ठहराया गया। वही आज तक इस रिपोर्ट पर कार्रवाई के बजाय पवन देव को आईजी से एडीजी पद पर प्रमोशन दे दिया गया।