बिलासपुर/शहडोल.ममता की छाव तलाश रहे नन्हें बालक को लेने अबतक कोई नही आया है शिशु ग्रह की देखरेख में पल रहे दूध मूहे को वैसे तो नया नाम मिल गया है वही सोशल मीडिया और अखबारों में उसकी व्यथा के बारे में छपी खबरों के माध्यम से बच्चे को ऐसी परिस्थितियों में छोड़कर चले जाने वाले कलयुगी परिजनों की खोजबीन जारी है।
दुर्ग अम्बिकापुर 18241 ट्रेन के कोच एस 4 के बर्थ नंबर 7 में मिले दूध मूहे बालक को अब अज्ञात नही बल्कि ‘आभास’ के नाम से दुनिया जानेगी शहडोल जिले के सोहागपुर के शिवालय शिशु ग्रह में दो दिनों बाद उसका नामकरण किया गया है।‘OMG news network’ नन्हें आभास के परिजनों की खोजबीन में लग गया है हम अपने पाठकों को बता दे कि वह ट्रेन में भूलवश छूट गया या जानबूझकर छोड़ा गया इसकी पड़ताल हमारे न्यूज के द्वारा भी की जा रही हैं ‘Omg news’ द्वारा नन्हें आभास को लेकर जो भी नई जानकारी सामने आएगी उससे अपने पाठकों को अवगत कराया जाएगा इस पड़ताल में पता चला कि दूध मूहे बच्चे को लेकर कोई भी नई खबर नही आई है वही उसे लेने के लिए ऐसे किसी चेहरे ने संपर्क नही किया है जो उसे अपना बोल सके ममता की छाव तलाश कर टकटकी लगाए आभास शिशु ग्रह में सब को निहार रहा है।
अपने तो आए नही मगर दूसरों ने बढ़ाया हाथ..
नन्हें आभास का ट्रेन में मिलने की खबर आग की तरह फैलने के बाद भी उसे जिंदगी देने वाला कोई भी उसकी पूछ परख करने शिवालय शिशु ग्रह और अनूपपुर जीआरपी पुलिस के पास नही आया है इधर सोशल मीडिया और अखबारों के माध्यम से जिसे भी इस घटना को जाना वो आभास को गोद लेने आगे आ रहे है शिवालय शिशु ग्रह के अधीक्षक बृजेन्द्र कुमार दुबे ने ‘Omg news network’ से खास बातचीत में बताया कि नन्हें बालक के नामकरण के बाद सारी कागजी करवाई पूरी कर एमपी गवर्नमेंट की कारा और सारा साईड में जानकारी डाल दी गई है जिसके बाद लगभग 1500 लोगो ने उसे लेने हाथ आगे बढ़ाया है फिलहाल सभी आभास स्वस्थ है और उसे गोद लेने वालों को वेटिंग में रखा गया है मालूम हो कि सोमवार की तड़के 4 बजे नन्हा आभास दुर्ग अम्बिकापुर ट्रेन में रोता बिलखता हुआ मिला था।