बिलासपुर. छत्तीसगढ़ में कद्दावर सांसद बृजमोहन अग्रवाल की बजाय में नए नवेले सांसद तोखन साहू को केंद्र में राज्य मंत्री का पद दिए जाने से बिलासपुर में अमर अग्रवाल के मंत्री बनने की संभावनाएं कमजोर पड़ गई है, कारण यह है कि बिलासपुर में पहले से डिप्टी सीएम अरुण साव नगरी कल्याण विभाग लेकर मौजूद है दूसरी ओर तोखन साहू को केंद्रीय राज्य शहरी आवास मंत्रालय मिल गया है।
ऐसे में बिलासपुर शहर से और मंत्री बनाने का मतलब अन्य जिलों का सियासी समीकरण बिगाड़ना होगा।
क्या कहते है भाजपा और संघ की राजनीति के गणितज्ञ.
भाजपा और संघ की राजनीति को करीब से जानने वाले कहते हैं कि भाजपा में दिग्गज लोगों को टाटा बाय-बाय करने का दौर चल रहा है। इस कड़ी में वन प्लस वन का फॉर्मूला पार्टी आगे लेकर चल रही है यानी एक अनुभवी और एक नया फ्रेश लीडर छत्तीसगढ़ में पार्टी का नेतृत्व करेगा.
अनुभवी और फ्रेश लीडर की बात करें तो.
जैसे लंबे अनुभवी विष्णु देव साय को सीएम की आसंदी दी गई है तो वही रायगढ़ से पहली बार चुनकर आए ओपी चौधरी को प्रदेश के खजाने की चाभी (वित्त मंत्रालय) दिया गया है। इसी तरह पूर्व मंत्री मॉडल में एक सीनियर एक फ्रेशर का बैलेंस बीजेपी पार्टी ने बनाया है पर बिलासपुर में यह कोटा पूरा हो चुका है।
सीनियर प्रदेश के डिप्टी सीएम अरुण साव है तो जूनियर तोखन साहू को भी सेंट्रल मिनिस्ट्री मिल गई है ऐसे में संघ के लोग मानते हैं अब बिलासपुर नगर के लाल अमर अग्रवाल के मंत्री बनने की कोई खास गुंजाइश नजर नहीं आ रही है। लेकिन भाजपा में चमत्कार होते रहते हैं अगर ऐसा चमत्कार हुआ और अमर अग्रवाल मंत्री बने तो शहर को एक तरह से फायदा ही फायदा ही पहुंचेगा।