बिलासपुर. अपनी संतान की कस्टडी के लिए दर-दर भटक रही एक दुखी मां को आखिरकार हाईकोर्ट से न्याय मिला और ट्विंस बच्चों को अपने पास रखने दुखयारी मां से लड़ रहे पुलिस अफसर पति से निजात दिला बच्चों की कस्टडी माँ को देने का आदेश हाईकोर्ट की डबल बैंच ने सुनाया है। हाईकोर्ट के इस आदेश से बच्चों को पाकर खुश हुई माँ और उनकी महिला वकील इसे देश मे एक बार फिर महिलाओं की जीत करार दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार जरहाभाठा निवासी टैरो कार्ड रीडर फरहा खान के दो ट्विंस बच्चे हैं काफी समय पहले से फरहा खान का उनके पति इरफान उल रहीम खान जो कि पीटीएस राजनांदगांव में कमांडेट के पद पर पदस्थ है से चला आ रहा है। इस विवाद के कारण दोनो बच्चों को अपने-अपने पास रखने के लिए पति- पत्नी में खींचतान होने लगी,थकहारकर फरहा खान ने वर्ष 2016 में बच्चों की कस्टडी के लिए कोर्ट में याचिका लगाई थी।
अधिवक्ता श्रीमती त्रिपाठी ने कहा.
मामले के ट्रायल के बाद आखिरकार कस्टड़ी का विवाद वर्ष 2019 में हाईकोर्ट पहुंचा और दोनो पक्षो की सुनवाई शुरू की गई। फरहा खान की वकील इंद्रिरा त्रिपाठी ने इस मामले की पैरवी की और हाईकोर्ट के जस्टिस गौतम भादुड़ी और रजनी दुबे के समक्ष पीड़ित मां का तर्क रखा,हाईकोर्ट ने पूरी सुनवाई कर अहम फैसला देकर बच्चों की कस्टडी माँ को देने का अहम फैसला सुनाया है।
तीज त्यौहार में मिल सकते हैं- पिता.
हाई कोर्ट की डबल बेंच ने बच्चों के पिता पुलिस अफसर इरफान खान को आदेशित करते हुए कहा कि आप बच्चों से महीने में एक बार घर पर मिल सकते हैं और फोन पर बातचीत कर उनका हाल-चाल जान सकते हैं वही तीज त्यौहार में भी बच्चों से मिलकर परिवार के साथ घूमने जा सकते हैं।
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