'OMG' लगातार फॉलोअप: प्रतिदिन सौ रूपए की परची यानी तीन हजार रूपए महीना किराए की वसूली संडे मार्केट में ठेले, गुमटियां सजीं, निगम असमंजस में, और जानिए क्यों फेल हो गई वेंडिंग जोन की प्लानिंग

बिलासपुर. रविवार को शहर के ठेले खोमचे वाले बड़े असमंजस में रहे किसी ने अपनी दुकान सजाई तो कई मुंगेली नाका स्थिर वेंडिंग जोन के शुरू होने की राह ताकते रहे। देर शाम को शहर के कई इलाके ठेले वालों से गुलजार हो गए उधर संडे मना रहा नगर निगम का अमला कंपनी गार्डन, बहस्पति बाजार और मुंगेली नाका के आसपास धौंस जमाता रहा। संडे होने के बाद भी मुंगेली नाका का खेल मैदान में ठेले खोमचे वालों के लिए वेंडिंग जोन में तब्दील नहीं हो पाया। जो ठेले वाले निगम अमले की कारवाई से डर रहे थे। उन्होंने ने भी रविवार को अपनी दुकान लगाई और धंधा किया। सुबह कंपनी गार्डन, बहस्पति बाजार और मुंगेली नाका के आसपास भी ठेले लगे जिन्हें निगम के दस्ते ने समझाइश देकर हटवाया और कुछ ठेलों को जप्त भी किया। निगम की तरह असमंजस में कुछ ठेले खोमचे वाले. रविवार को ठेला लगाने को लेकर भारी असमंजस की स्थिति बनी रही। शनिवार की रात कुछ सोशल मीडिया में आई खबरों को सच मानकर ठेले खोमचे वाले नगर निगम कमिश्नर अमित कुमार के आदेश के कैंसिल होने की खबर आने के बाद से यह स्थिति निर्मित हुई। जबकि निगम प्रशासन की ओर शहर में पुन: ठेले लगाने या नहीं लगाने का कोई नया फरमान नहीं जारी किया गया है। फिर भी रविवार की सुबह से देर शाम तक ठेले खोमचे वालों ने अपना व्यापार किया। कई ठेले वालों का मन, पर कइयों को नामंजूर. मुंगेली नाका के व्यापारियों का कहना है कि कुछ ठेले खोमचे वाले मजबूरी में वेंडिंग जोन शिफ्ट होने को तैयार है लेकिन कई ऐसे भी है। जो रोज निगम प्रशासन द्वारा 100 रुपए की पर्ची काटने को लेकर नाराज है। इधर ठेले खोमचे वालों की माने तो 100 रुपए के हिसाब से महीने का 3 हजार रुपए होता है जिसे गरीब पसीना बहाने वाले देने में सक्षम नहीं है। सोमवार अपडेट,फेल हो गई प्लानिंग. आखिरकार ठेले खोमचे वालों के आगे निगम प्रशासन ने घुटने टेक दिया। निगम आयुक्त अमित कुमार के फरमान को रद्दी की टोकरी में डाल अपने परिवार के पेट की आग बुझाने शहर में जमकर ठेले वालों ने अपनी दुकान सजाई। जोन तीन की कमिश्नर सवीना अनंत ने बताया कि फिलहाल मुंगेली नाका के खेल मैदान में वेंडिंग जोन बनाने की प्लानिंग को रोक दिया गया है। कोई भी तैयार नहीं हो रहा और स्थानीय लोग भी विरोध कर रहे हैं। इसलिए अब कोई कारवाई नहीं की जाएगी। जिन्होंने 100 रुपए की पर्ची कटवाई है वो निगम ऑफिस में आकर अपना पैसा वापस ले सकते हैं।





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