•भय की राजनीति के अध्याय का हुआ समापन, चुनाव में जनता ने दिया साफ संदेश.
बिलासपुर. महमंद ग्राम पंचायत में 25 साल से चले आ रहे बाहुबली राज का अंत हो गया है। राय परिवार, जो लंबे समय से इस क्षेत्र की सत्ता पर काबिज था, इस बार के पंचायत चुनाव में जनता के रोष का शिकार हुआ। चुनाव परिणामों ने साफ कर दिया कि अब ग्रामीणों ने भय की राजनीति को खारिज कर दिया है।
राय परिवार का नाम हमेशा से विवादों में रहा है। पूर्व में हत्या जैसे संगीन मामलों में भी इस परिवार के लोगों का नाम सामने आया था। इसके अलावा, चुनाव से पहले पूर्व विधायक डॉ. बांधी के खिलाफ भाजपा नेता को फोन पर गाली देने का मामला भी सुर्खियों में रहा। यह घटना चुनावी माहौल को और गरमा देने वाली साबित हुई।
महमंद और लालखदान इलाके में राय परिवार का दबदबा सालों से कायम था। स्थानीय लोगों का आरोप था कि यह परिवार भय और दबंगई के बल पर ही सत्ता में बना हुआ था। हालांकि, इस बार के चुनाव में जनता ने अपना फैसला सुनाते हुए राय परिवार को सत्ता से बाहर कर दिया।
चुनाव परिणामों ने साबित कर दिया कि अब ग्रामीणों ने बदलाव का रास्ता चुन लिया है। नए नेतृत्व के साथ महमंद ग्राम पंचायत में एक नए युग की शुरुआत होने की उम्मीद है। स्थानीय लोगों का मानना है कि अब उनकी आवाज सुनी जाएगी और विकास के मुद्दों पर ध्यान दिया जाएगा।
इस चुनाव ने साबित कर दिया कि लोकतंत्र में जनता की ताकत सबसे बड़ी होती है। भय और दबंगई की राजनीति का अंत हो चुका है, और अब महमंद में एक नई सुबह की शुरुआत होने की उम्मीद है।
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