• या तो एसीबी/ईओडब्ल्यू पेलवा दो या इंतजाम करवा लो.
रायपुर. राज्य में सुशासन सरकार के आने के बाद एक काम तो बड़ा अच्छा हो रहा है वह यह कि भ्रष्टाचार में लिप्त घूसखोरों को एसीबी/ईओडब्ल्यू की विंग द्वारा कंप्लेंन मिलते ही तपाक से ट्रैप कर सरकारी तन्त्र की गंदगी को साफ किया जा रहा है। एक एक बाद एसीबी/ईओडब्ल्यू की साय साय कारवाई जारी भी है। जिसका सब से ज्यादा ग्रहण राजस्व विभाग में पड़ा है। एसीबी/ईओडब्ल्यू के अफसर खास तौर पर राजस्व अमले में नीचे से लेकर ऊपर तक नजर बनाए रखें है किसी घूसखोर की शिकायत मिली और उसका काम तमाम,लेकिन इसका दूसरा इफेक्ट भी सामने आ रहा है। एसीबी/ईओडब्ल्यू की लगातार कारवाई से अब राजस्व विभाग खिसयाने लगा है और नाराज होकर या तो पेलवा दो या इंतजाम करवा लो के मूड में आ गया है तो वही पटवारी संघ जमकर नाराज है और एसीबी/ईओडब्ल्यू की कारवाई के खिलाफ खुलकर विरोध जता रहा है।
भले हौले से ही सही लेकिन एक बात तो साफ है कि अंदर ही अंदर राजस्व अमला एसीबी/ईओडब्ल्यू की लगातार कारवाई से तनतना गया है। सूत्रों की माने तो आलम ये हो गया है कि राज्य के जिलेभर के तहसीलदार (कनिष्ठ प्रशासनिक संघ) पटवारी (कनिष्ठ संघ) ने तमाम तरह के इंतजाम करने से नाता तोड़ लेने का मन बनाया है तो वही डिप्टी कलेक्टर और उससे ऊपर तबके के अफसर (राज्य प्रशासनिक सेवा संघ) एसीबी/ईओडब्ल्यू की कारवाई के ग्रहण को लेकर साइलेंट नजर आ रहे है। बताया जा रहा है कि कनिष्ठ प्रशासनिक संघ के कुछ अफसर और कनिष्ठ संघ ने एक गुपचुप मीटिंग कर मंत्री, बड़े अफसर या कोई भी हो उसके लिए इंतजाम अली बनने से मुंह मोड़ लेने का फैसला लिया है। उनका कहना है कि इंतजाम अपनी तनख्वाह से तो करेंगे नहीं और करेंगे तो उसके लिए व्यवस्थाएं चाहिए और व्यवस्थाओं के लिए कुछ तो करना ही पड़ता है इसके बाद भी एसीबी/ईओडब्ल्यू की से पेलवाई न बाबा न.
असर तो पड़ेगा ही.
कनिष्ठ प्रशासनिक संघ का स्रोत नीचे वाले हैं और आन तान के काम से अलग लेकिन एसीबी/ईओडब्ल्यू की विंग तो इसका भी दामन नही छोड़ रही। जरा सी भनक लगी और शिकायत की पुष्टि कर राजस्व विभाग का नुमाइंदा इनकी जद में जिसका खासा असर भी पड़ रहा है। इसलिए या तो एसीबी/ईओडब्ल्यू पेलवा दो या इंतजाम करवा लो की स्कीम पर चर्चा होने की खबर है।
हर कोई परेशान इसलिए कारवाई जायज भी.
छत्तीसगढ़ राज्य के बड़े छोटे जिलों के राजस्व विभाग में हर काम के लिए बिना चढ़ावा चढ़ाए काम नहीं होता यह तो जग जाहिर है। घूसखोरी का नंगा नाच राजस्व विभाग में होता है यह बात भी किसी से छुपी नहीं है। लेकिन जब से मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सुशासन सरकार की एसीबी/ईओडब्ल्यू की विंग ने राजस्व विभाग के घूसखोरी अफसर और कर्मचारियों पर कानून की बेडिया डाली है। उसके बाद से कुछ हद तक कसावट आने लगी है। खास तो नही लेकिन आम आदमी अब राज्य के अलग अलग जिलों की तहसील ऑफिस में कॉलर चढ़ा कर अपना काम करवाने कदम रख रहा है।
‘OMG NEWS NETWORK’ से इन्होंने फरमाया.
भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार एसीबी/ईओडब्ल्यू की विंग का एक प्रकार से टारगेट बन चुका राजस्व अमला (कनिष्ठ प्रशासनिक संघ) भले ही खुले तौर पर कुछ न बोले लेकिन अंदर ही अंदर अब इंतजाम से कन्नी काटने की खिचड़ी तो पक रही है। इस बारे में ‘OMG NEWS’ ने राज्य प्रशासनिक सेवा संघ और कनिष्ठ प्रशासनिक संघ से बात की तो वो कहते है कि.
1. आशुतोष पाण्डेय, अध्यक्ष राज्य प्रशासनिक सेवा संघ.
मुझे ऐसी किसी बात की भी जानकारी नहीं है। पहले तो मैं राज प्रशासनिक सेवा संघ के अध्यक्ष के तौर पर हूं और वैसे भी सरकार की हर कार्यवाही बिल्कुल सही होती है। इसमें मेरा कोई अभिमत नहीं है कि कुछ गलत हो रहा है। सब अपनी जिम्मेदारी तय करें हमारे राज्य प्रशासनिक सेवा संघ में करीब 350 अफसर शामिल है और हम करप्शन, ट्रांसफर, पोस्टिंग को सपोर्ट नहीं करते, काम तो काम है।
2. नीलमणि दुबे, अध्यक्ष राज्य कनिष्ठ प्रशासनिक संघ.
जो करप्शन करेगा उसे भुगतना तो पड़ेगा ही सरकार अपना काम भली भांति कर रही है और हमें अपना काम करना है। मुझे अभी तक ऐसी कोई जानकारी नहीं है।
3. अतुल वैष्णव, अध्यक्ष जिला कनिष्ठ प्रशासनिक संघ बिलासपुर.
हम अपना काम तो कर ही रहे हैं सरकार और बड़े अफसर की तरफ से जो आदेश आएगा वो सर्वोपरि है और हमारा कर्तव्य भी यही कहता है। जनता को निराश नहीं करना है। जिला कनिष्ठ प्रशासनिक संघ का अध्यक्ष होने के नाते मुझे कोई जानकारी नहीं है।
4. देव कश्यप,जिला पटवारी संघ अध्यक्ष बिलासपुर.
या तो एसीबी/ईओडब्ल्यू पेलवा दो या इंतजाम करवा लो के मुद्दे पर जिला पटवारी संघ के अध्यक्ष देव कश्यप जमकर फूटे, उन्होंने साफ तौर पर कहा कि एसीबी/ईओडब्ल्यू की कार्यवाही से हमारे पटवारी संघ में काफी रोष है। हमने अपने हड़ताल में इस बात का उल्लेख भी किया था। उन्होंने कहा बीते दिनों खैरागढ़ जिले में एक पटवारी पर होटल में चाय पीने के दौरान अचानक से किसी से पैसे दिए और एसीबी/ईओडब्ल्यू की टीम ने उक्त पटवारी को पकड़ लिया। इस तरह की कारवाई बिल्कुल गलत है पहले एसीबी/ईओडब्ल्यू अच्छे से संतुष्ट हो जाए फिर विधिवत कारवाई करें तो ठीक है नहीं तो ऐसे में हम किसी का भी काम नहीं कर पाएंगे। हमारे पटवारी संघ में काफी नाराजगी है और हड़ताल के वक्त राजस्व मंत्री को अवगत कराया गया था लेकिन मंत्री ने हमारी मांगों को लाइटली लिया ऐसा लगता है।