बिलासपुर. सिम्स में नौ साल से जड़े जमा कर कैटरिंग का काम कर रहे ठेकेदार ने शुरू से अब तक बिजली बिल नहीं पटाया और अब 7 लाख रुपए का बिल आने से सिम्स प्रबंधन सकते में है। डीएम और पॉलिटिकल लेवल पर ठेकेदार फर्म की अच्छी फिक्सिंग की वजह से सिम्स के अधिकारी इस मामले में कुछ बोल नहीं पा रहे हैं।
‘OMG NEWS NETWORK’ को मिली जानकारी के अनुसार सिम्स में वर्ष 2016 से सीएच फिलिप्स कैटरर्स, रायपुर की फर्म अब तक मरीजों को नाश्ता, चाय और भोजन करा रही है। ठेकेदार हर महीने 10 से 12 लाख रुपए का बिल बनाकर लंबी कमाई कर रहा है लेकिन इसके बावजूद उसने किसी महीने बिजली का बिल जमा नहीं किया और नतीजा यह की बकाया बिजली बिल की रकम सात लाख रुपए तक पहुंच चुकी है। टैगोर स्कूल के पीछे शिवनंदन नगर रायपुर के इस ठेकेदार को हर साल ठेका डीएमई लेबल पर और पॉलिटिकल सेटिंग की वजह से मिलता रहा है।
कलेक्टर ने कैटरिंग के किचन में पाई थी गंदगी.
इसके अलावा कई बार उसने ठेके को हर तीन माह करके बढ़वाया है। कोरोना काल में ठेका नहीं होने का लाभ भी ठेकेदार को मिलता रहा है। करीब 9 साल से लगातार यही फॉर्म मरीज को सुबह का नाश्ता दोनों टाइम का भजन और चाय का इंतजाम कर रही है। इसके काम का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अभी हाल में कलेक्टर अवनीश शरण ने निरीक्षण के दौरान कैटरिंग के किचन में गंदगी पाई थी और ₹100000 का जुर्माना ठोका था। इसके बाद भी ठेका फॉर्म नहीं सुधरी और उसने सिम्स को चपत लगाने का नया तरीका ढूंढा है। बिजली बिल नहीं पटने की वजह से अब बिल की बकाया राशि 7 लाख रुपए हो चुकी है। इस बकाया रकम का भुगतान कौन करेगा और कैसे होगा इसको लेकर सिम्स प्रबंधन मुंह नहीं खोल रहा है।