रायपुर. प्रदेश के नौकरशाहों पर लगे गंभीर आरोपों के बाद भी पीड़ित पक्ष की सुनवाई नही होने का मामला जोरो पर है राज्य के करीब 20 ऐसे मामले है जिनमे अलग अलग जिले के आईएएस-आईपीएस पर विभाग के मातहतों को किसी न किसी विषय पर प्रताड़ित करने का आरोप नुमा दाग लगा है।जिसकी सुनवाई के लिए सर्किट हाउस में NHRC (नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन ) ने पीड़ितो को तलब किया वही इस दौरान एक वरिष्ट आईपीएस पर लगे यौन उत्पीड़न का मामला गरमाया रहा।
पवन देव के मामले में nhrc ने पुलिस को लगाई फटकार। पीड़िता का वारंट नही किया तामील। इसलिए नही आई पीड़िता। पुलिस पर जानबूझकर तामिली नही करने का आरोप।सर्किट हाउस में नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन की दिल्ली से आई टीम ने राज्य के आईएएस-आईपीएस यहां तक चीफ सेक्रेटरी से लेकर एडिशनल सेक्रेटरी और पुलिस महकमे के बड़े अफसरों पर लगे गंभीर आरोपों को लेकर पीड़ितों को तलब किया मिली जानकारी के अनुसार इस दौरान एडीजी पवन देव पर मुंगेली की एक महिला आरक्षक द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोप का मुद्दा उस वक्त गरमा गया जब उक्त महिला आरक्षक का केस NHRC के समक्ष आया और पीड़िता को बुलाया गया इधर जब पीड़िता Nhrc की टीम के सामने नही आई तो कारण पूछा गया जिससे पुलिस मुख्यालय के एक आईपीएस भी सकते में आ गए वही नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन ने जब पीड़िता के नही आने की पड़ताल की तब पता चला कि पीड़िता को इस बाबत मुंगेली जिले से जानकारी दी ही नही गई थी जिसके बाद NHRC की टीम ने
पवन देव के मामले में पुलिस को लगाई फटकार और कहा कि पीड़िता का वारंट नही किया तामील। इसलिए नही आई पीड़िता। जबकि इस मामले में राज्य सरकार द्वारा गठित विशाखा कमेटी ने पवन देव पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोप को सही पाया था यहां बताना लाजमी नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन ने आज प्रदेश के उन नौकरशाहों पर लगे गंभीर मामलों की सुनवाई की जिसमें अब तक कोई कारवाई नही हुई है।
मुझे जानकरी नही..एसपी
मुंगेली की पीड़िता आरक्षक को नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन का नोटिस तामिल नही होने के सवाल पर एसपी सी डी टंडन ने कहा कि नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन की टीम की रायपुर में आई है मगर उक्त महिला आरक्षक को नोटिस क्यों नही मिला इन बाबत जानकारी नही है मैं देख कर ही बता पाऊंगा।
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