रायपुर। छत्तीसगढ़ की विष्णु देव साय सरकार के प्रयासों से राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं. इसी कड़ी में दुड़मा वॉटरफॉल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया गया है, जिससे यह अब पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र बन गया है. छत्तीसगढ़ के विविध प्राकृतिक स्थलों में जलप्रपातों का विशेष स्थान है. ये जलप्रपात न केवल पर्यावरण की शोभा बढ़ाते हैं, बल्कि पर्यटकों के आकर्षण का भी प्रमुख केंद्र बनते हैं. ऐसा ही एक प्रसिद्ध जलप्रपात है दुड़मा वाटरफॉल, जो अपनी अविरल जलधारा, सुरम्य वातावरण और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है. छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार ने दुड़मा वाटरफॉल को विकसित करके देश और दुनिया के सामने प्रस्तुत करने का शानदार काम किया है. ये वाटरफॉल आज देश और दुनिया के पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है, और अब यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में उभर रहा है.
प्रकृति का अद्भुत नज़ारा है दुड़मा वाटरफॉल
छत्तीसगढ़ का सुकमा जिला अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है. ‘दुड़मा वाटरफॉल,’ इसी विरासत का अनमोल रत्न है जिसे राज्य के मुखिया ने बहुत ही कुशलता से संवारा है. ‘दुड़मा वाटरफॉल,’ अब न केवल स्थानीय लोगों के बीच बल्कि राज्यभर के पर्यटकों के लिए आकर्षण का प्रमुख केंद्र बन गया है. दुड़मा वाटरफॉल का सौंदर्य स्वर्ग से कम नहीं है. यहाँ का शांत वातावरण, दूर-दूर तक फैले पहाड़, झरने की तेज़ आवाज़ और आसपास की हरियाली इसे प्रकृति प्रेमियों के लिए जन्नत बनाती है. बारिश के मौसम में यह झरना अपनी पूरी भव्यता के साथ और भी खूबसूरत लगता है इसीलिए दूर-दूर से पर्यटक यहाँ इसकी अद्भुत छटा का आनंद लेने आते हैं.दुड़मा वॉटरफॉल, जो पहले स्थानीय लोगों तक ही सीमित था, अब सरकार की पहल से एक सुव्यवस्थित और आधुनिक पर्यटन स्थल में बदल चुका है. यहां अब आधुनिक विश्राम स्थल,
वॉच टावर, सुरक्षा बैरिकेड्स, कैफेटेरिया और एडवेंचर स्पोर्ट्स जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं. इसके अलावा पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए जैविक कचरा प्रबंधन और सोलर लाइटिंग जैसी हरित पहल भी की गई हैं.
दुड़मा वाटरफॉल का भौगोलिक परिचय
दुड़मा वाटरफॉल भारत के प्रमुख झरनों में से एक है, जो ओडिशा और छत्तीसगढ़ की सीमा में स्थित है. यह जलप्रपात माचकुंड नदी में स्थित है और लगभग 157 मीटर (515 फीट) की ऊँचाई से गिरता है यह जल प्रपात. इसके आसपास का क्षेत्र घने जंगलों, पहाड़ियों और प्राकृतिक गुफाओं से घिरा हुआ है, जो इसे और भी आकर्षक बनाता है.प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर यह जलप्रपात जिला मुख्यालय सुकमा से लगभग 28 किलोमीटर दूर छिंदगढ़ विकासखंड के ग्राम पंचायत चिपुरपाल में स्थित है जहां तक पहुँचना राज्य सरकार के प्रयासों ने बहुत आसान और सुविधाजनक बना दिया है.
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि उनकी सरकार का उद्देश्य राज्य में सस्टेनेबल टूरिज्म को बढ़ावा देना है. उन्होंने कहा, “छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक धरोहर को संरक्षित करते हुए उसे पर्यटन केंद्रों के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा”पर्यटन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इस क्षेत्र को विकसित करने के लिए सरकार ने करोड़ों रुपये का बजट स्वीकृत किया है, जिससे सड़क संपर्क, पार्किंग और पर्यटकों के लिए अन्य सुविधाओं को बेहतर बनाया गया है.
दुड़मा वाटरफॉल का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व
दुड़मा जलप्रपात का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व बहुत ज़्यादा है.स्थानीय आदिवासी समुदाय इसे पवित्र स्थल मानते हैं और यहाँ विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं. माचकुंड नदी को भी धार्मिक दृष्टि से पवित्र माना जाता है, जिससे इस स्थल की महत्ता और अधिक बढ़ जाती है.
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकारी प्रयास
सरकार ने दुड़मा वाटरफॉल को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए कई योजनाएँ शुरू की हैं. इसमें सड़क निर्माण, रिसॉर्ट्स और होटल्स की स्थापना, ट्रेकिंग ट्रेल्स का विकास और पर्यटकों के लिए आधुनिक सुविधाओं की व्यवस्था शामिल है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पर्यटन को प्रोत्साहन देने के लिए किए जा रहे प्रयासों का यह एक बेहतरीन उदाहरण है. सरकार और जिला प्रशासन की पहल से दुड़मा वाटरफॉल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर मूलभूत सुविधाओं से सुसज्जित किया गया है. यहाँ तक पहुँचने के लिए पक्की सड़क, मिनी गार्डन, दुकानों, पेयजल, शौचालय और बैठने की व्यवस्था जैसी सुविधाएं पर्यटकों के लिए उपलब्ध कराई गई हैं.
दुड़मा वाटरफॉल की प्राकृतिक सुंदरता सोशल मीडिया पर भी वायरल है. वीडियो मेकर्स और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स ने इस स्थल की मनमोहक तस्वीरों और वीडियो को साझा कर इसे और भी लोकप्रिय बना दिया है. दुड़मा में पिकनिक मनाने पहुंचे मडियम सोड़ी ने कहा, मैंने इस जगह की खूबसूरती के बारे में सुना था, लेकिन यहाँ आकर इसकी प्राकृतिक छटा को देखकर मन प्रसन्न हो गया. यह जगह परिवार के साथ समय बिताने के लिए शानदार है. वहीं दंतेवाड़ा जिले से आए मनसा बघेल ने बताया, मुझे दुड़मा की जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से मिली. मैंने अपने दोस्तों को यहाँ चलने के लिए कहा और हम सभी ने यहाँ आकर खूब आनंद लिया.
दुड़मा वाटरफॉल के चारों ओर का हरा-भरा जंगल और ठंडी हवाएं इसे और भी खास बनाती हैं. यहाँ की शांतिपूर्ण और सुरम्य वातावरण पर्यटकों को एक अद्भुत अनुभव प्रदान करता है. यह जलप्रपात हर उम्र के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है, चाहे वह प्रकृति प्रेमी हों या एडवेंचर के शौकीन. दुड़मा वाटरफॉल को बेहतर बनाने के लिए जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. यहाँ आने वाले पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए मूलभूत ढांचे को और मजबूत किया गया है. इसके अलावा, पर्यटन विभाग भविष्य में और अधिक सुविधाओं को जोड़ने की योजना बना रहा है.छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक संपदा में दुड़मा वाटरफॉल ने एक नई पहचान बनाई है. यह स्थल न केवल राज्य के पर्यटन को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि स्थानीय लोगों के रोजगार और आजीविका का भी साधन बन रहा है. पर्यटकों के उत्साह और साय सरकार की पहल से यह स्पष्ट है कि दुड़मा वाटरफॉल छत्तीसगढ़ के पर्यटन मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण स्थल बन चुका है.
दुड़मा वाटरफॉल में पर्यटन और रोमांचक गतिविधियाँ
दुड़मा वाटरफॉल केवल प्राकृतिक सौंदर्य ही नहीं बल्कि रोमांचक गतिविधियों के लिए भी जाना जाता है.जो लोग रोमांच पसंद करते हैं, उनके लिए यह स्थान बेहतरीन ट्रेकिंग रूट्स प्रदान कर रहा है. यहाँ के पहाड़ों और घने जंगलों के बीच ट्रेकिंग करना एक रोमांचक अनुभव प्रदान करता है. इसके अलावा, यहाँ रॉक क्लाइम्बिंग और रिवर राफ्टिंग जैसी गतिविधियाँ भी की जा सकती हैं.
दुड़मा वाटरफॉल का क्षेत्र वन्यजीवन के लिए भी प्रसिद्ध है. यहाँ कई दुर्लभ पक्षी और जानवर पाए जाते हैं, जो वाइल्डलाइफ फोटोग्राफरों के लिए स्वर्ग के समान हैं. खासकर मानसून के समय यह क्षेत्र फोटोग्राफी के लिए बेहतरीन अवसर प्रदान करता है.पर्यटकों के लिए यहाँ कैम्पिंग की भी सुविधा उपलब्ध है. जंगलों और नदी के किनारे कैम्पिंग करना एक अनोखा अनुभव देता है. साथ ही, परिवार और दोस्तों के साथ यहाँ पिकनिक का भी आनंद लिया जा सकता है.
स्थानीय लोगों को मिला रोजगार
दुड़मा वॉटरफॉल के पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होने से स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिले हैं. सरकार ने गाइड, सुरक्षा गार्ड, दुकानदारों और स्थानीय कलाकारों के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई हैं, जिससे यहां के लोगों की आजीविका में सुधार हो रहा है.
पर्यटकों में उत्साह
पर्यटकों ने सरकार की इस पहल की सराहना की है. देशभर से आने वाले सैलानी इस खूबसूरत जलप्रपात को देखने आ रहे हैं. एक पर्यटक ने कहा, “पहले यहां आने में कई दिक्कतें थीं, लेकिन अब सुविधाएं बेहतर हो गई हैं, जिससे यात्रा आसान और सुखद हो गई है”
भविष्य की योजनाएं
सरकार की योजना है कि दुड़मा वॉटरफॉल के साथ-साथ अन्य पर्यटन स्थलों को भी इसी तरह विकसित किया जाए. राज्य सरकार आने वाले समय में इको-टूरिज्म, जंगल सफारी और रिसॉर्ट्स जैसी परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जिससे छत्तीसगढ़ देश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल हो सके.
दुड़मा वाटरफॉल एक प्राकृतिक चमत्कार तो है ही बल्कि साय सरकार की दूरदर्शिता से अब यह एक प्रमुख पर्यटन केंद्र भी बनता जा रहा है. इस वाटरफॉल का अद्भुत सौंदर्य, रोमांचक गतिविधियाँ और धार्मिक महत्व इसे पर्यटकों के लिए एक अनूठा स्थान बना रहा है. प्रकृति की गोद में समय बिताने की चाह रखने वालों के लिए और रोमांचक गतिविधियों का आनंद उठाने वालों के लिए दुड़मा वाटरफॉल एक बेहतरीन विकल्प बना हुआ है.
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