रायपुर. राजधानी के संकल्प सोसाइटी में बोर का गंदा पानी पानी से हर घर कोई न कोई डायरिया की चपेट में आ गए हैं. बता दें कि पिछले साल भी इसी बोर का पानी पाने से 66 लोग डायरिया से पीड़ित हुए थे. वहीं दो लोगों की मौत हुई थी. इसके बाद टैंकर से वहां पानी सप्लाई हो रहा था पर 15-20 दिन से टैंकर नहीं आने से लोग बोर का पानी पी रहे थे जिसके चलते डायरिया की चपेट में आ गए.
अब सवाल उठने लगे हैं कि अब तक ज़िम्मेदार लापरवाह लोगों पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई ? आखिरकार किसके कहने पर पानी का सप्लाई रोका गया ? संकल्प सोसाइटी स्थित बोरवेल को पिछले बार भी सील किया गया था. यह मामला नगर निगम की जानकारी में भी था. क्या पीड़ित परिवारों को निगम मुआवज़ा देगा ? इलाज में जो भी ख़र्चा हुआ है क्या उसकी भरपाई निगम करेगा ? इस मामले में महापौर एजाज ढेबर ने कहा, मामले में कार्रवाई हुई है या नहीं, जानकारी ले लेता हूं. अगर कार्रवाई नहीं हुई है तो जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी.
नगर पालिका निगम रायपुर के कमिश्नर अबिनाश मिश्रा का कहना है कि 88 मरीज डायरिया से पीड़ित नहीं थे. जिनका हल्का फुल्का है उसको भी डायरिया कहोगे क्या, कमिश्नर को बताया कि यह हमारा डेटा नहीं बल्कि स्वास्थ्य विभाग का है. फिर कमिशनर ने कहा, नोटिस जारी किया जा चुका है.
शिकायत के बाद भी नहीं आई टैंकर
वहीं संकल्प सोसाइटी के लोगों ने कहा, पिछले साल भी 66 लोगों को डायरिया हुआ था. दो लोगों की मौत हुई थी तब से नगर निगम हमारी सोसाइटी में टैंकर से पानी सप्लाई कर रहे थे, लेकिन बीच में 15-20 दिनों तक पानी सप्लाई नहीं की. ऐसी स्थिति में मजबूरन फिर से बोरवेल का पानी पीना पड़ा. इसके चलते सभी डायरिया की चपेट में आ गए. पानी सप्लाई बंद होने की शिकायत कार्यालय में की गई, लेकिन सुनवाई नहीं हुई और हम सभी डायरिया की चपेट में आ गए. वहीं सवाल उठाते हुए लोगों ने कहा कि घर पीछे डायरिया से पीड़ित हैं. उस घर में नीचे से ऊपर तक पानी ले जाने में बहुत दिक़्क़त होती है. अब निगम बाहर टैंकर लाकर खड़ा कर देता है.