कोरबा. पुलिस ऐसा नाम जिसे सुनते या किसी के जहन में आते ही एक अजीब सी छवि दिल मे बनने लगती है लेकिन इसी छवि को अगर एक पेरेंट्स के रूप में देखा जाए तो कैसा होगा। जिले के पुलिस कप्तान भोजराम पटेल ने मानवता की मिसाल पेश कर नाबालिग बच्चों को बेहतर जिंदगी दिलाने खुद बालिका गृह तक पहुचाने का नेक काम किया है और टीचर स्वरूप सम्मान जनक जीवन जीने की शैली के टिप्स दिए।
एक पुलिस कप्तान दो रूप जिले के जिसने भी देखा बस ठहर सा गया। जिले के पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने आज परिजन और शिक्षक की दो भूमिका निभाई।
कुछ इस तरह हुई रविवार की सुबह.
जेल मे सजा काट रहे बंदी के नाबालिक बच्चो को उचित संरक्षण हेतु बालिका गृह में भेजकर पुलिस कप्तान पटेल ने एक बार फिर से संवेदनशील पुलिस अधिकारी होने का परिचय दिया है। उन्होंने बालिका गृह के डायरेक्टर के साथ बालिका गृह का निरीक्षण कर बालिका गृह में रह रही बालिकाओं को शिक्षक बनकर पढ़ाया और सम्मान जनक जीवन जीने के संबंध में नैतिक शिक्षा दी, साथ ही बालिकाओं का कुशलक्षेम पूछकर उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति करने का आश्वासन दिया।
पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल को सूचना मिली कि न्यू रेल्वे कॉलोनी निवासी एक परिवार में माता-पिता को धोखाधड़ी के प्रकरण में 03 वर्ष की सजा हुई है, जो जेल में सजा काट रहे हैं, जिनके पांच नाबालिक बच्चे है। घर में संरक्षक न होने से उनके जीवनयापन एवं संरक्षण का गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है। जिसके बाद पुलिस अधीक्षक ने अपने मातहतो को भेजकर जानकारी ली तब पता चला कि न्यू रेल्वे कॉलोनी निवासी एक परिवार में पति-पत्नि दोनो को 03 वर्ष की सजा हुई है, दंपति के कुल 06 संतान है जिसमें एक लड़का और पांच लड़कियां है। सबसे बड़ी लड़की बालिक है जो रायपुर में किसी कंपनी में प्राईवेट जॉब कर हॉस्टल में रहती है। उसके पास सभी बच्चों को अपने साथ रखने की सुविधा नही है। इनका भाई करीब 17 वर्ष का है जो अपने मौसा के साथ रहना चाहता है, लेकिन 4 नाबालिक बच्चियों के उचित संरक्षण एवं देखभाल की व्यवस्था नही है।
श्री पटेल ने मामलें में विशेष रूचि लेते हुए सभी नाबालिक बालिकाओं को बाल कल्याण समिति कोरबा के समक्ष प्रस्तुत कराया और बालिका गृह कोरबा में रहने का प्रबंध किया वही नाबालिक बालिकाओं को स्वंय साथ लेकर बालिका गृह पहुचे बालिका गृह की डायरेक्टर श्रीमति रूकमणी नायर से चर्चा कर बालिकाओं के उचित देखरेख का निर्देश दिया।
अन्य बच्चों के रहन सहन का लिया अपडेट.
पुलिस अधीक्षक पटेल ने बालिका गृह की डायरेक्टर श्रीमति रूकमणी नायर के साथ बालिका गृह का निरीक्षण कर अन्य बालिकाओं से मिलकर उनका हाल-चाल जाना । बालिकाओं के शिक्षा और रखरखाव के प्रबंध के संबंध में विस्तृत जानकारी ली गई। उन्होंने बालिकाओं को स्वंय पढ़ाया और महापुरूषों की जीवनी बताकर उनके नक्शे कदम पर चल आत्मनिर्भर बनकर सम्मान पूर्वक जीवन जीने के टिप्स दिए और नैतिकता का पाठ पढ़ाया।
एसपी ने सुनाई अपनी संघर्ष की कहानी और जरूरतों को पूछा.
एसपी ने बालिकाओं से उनकी आवश्यकताओं के बारे में पूछा कुछ बालिकाओं ने स्पोर्ट्स किट, स्पोर्ट्स शू की मांग की, एक बालिका ने सिलाई मशीन,बालिका गृह की डायरेक्टर द्वारा लाईट बंद होने की स्थिति में अंधेरा होना बताया और एक इनवर्टर की जरूरत बताई, जिसे सुन कर पुलिस अधीक्षक द्वारा अतिशीघ्र उपलब्ध कराने आश्वस्त किया। एसपी को अपने बीच पाकर बालिकाएं काफी खुश हुई और आईपीएस तक के सफरनामें तक पहुचने उनके संघर्ष के बारे में पूछा श्री पटेल ने जीवन में किए गए संघर्षो के बारे में बालिकाओं को विस्तृत तौर पर जानकारी देकर उन्हें भी लगातार संघर्ष करते हुए सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ने की सलाह दी।