बिलासपुर. रेलवे जोन मंडल के गतोरा रेलवे स्टेशन में यूपी की एक गर्भवती महिला को अचानक उठे प्रसव पीड़ा से निजात दिलाने आरपीएफ पोस्ट के प्रधान आरक्षक मदद स्वरूप भगवान बनकर सामने आए। दर्द से व्याकुल गर्भवती महिला को अस्पताल ले जाने जब समय मे महतारी एक्सप्रेस नही पहुची तो प्रधान आरक्षक ने अपने स्टाफ और अन्य महिला टीम के साथ साहस का परिचय दिया और स्टेशन में ही गर्भवती महिला की डिलीवरी करवाई।
हे नारी तेरे रूप अनेक, इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है। बिलासपुर आरपीएफ पोस्ट की महिला विंग ने मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार की देर रात गतोरा रेलवे स्टेशन पर फूलजहाॅं पिता नजर मोहम्मद उम्र 32 वर्ष निवासी ईतियाथोक थाना ईतियाथोक जिला गोण्डा उत्तरप्रदेश निवासी को अचानक प्रसव पीड़ा होने लगा। महिला की दर्द से बिगड़ते हालत की जानकारी स्टेशन में केम्पिंग ड्युटी कर रही आरपीएफ पोस्ट के प्रधान आरक्षक व्ही. एन. सेन को लगी,जिसके बाद प्रधान आरक्षक तत्काल प्लेटफार्म पहुचा और महिला को दर्द से व्याकुल होता देख इस मामले की सूचना से आरपीएफ पोस्ट को अवगत कराया।
वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त रेलवे सुरक्षा बल ऋषि कुमार शुक्ला ने बताया कि जच्चा बच्चा को सुरक्षित अस्पताल पहुंचाने के लिए महतारी एक्सप्रेस से संपर्क किया गया था वही आरपीएफ पोस्ट प्रभारी भास्कर सोनी को प्रधान आरक्षक सेन की मदद के लिए अन्य स्टाफ को गतोरा रेलवे स्टेशन रवाना करने कहा गया। आनन-फानन में आरपीएफ पोस्ट के वाहन से उप निरीक्षक मनीष कुमार, महिला आरक्षक सोनिया साहु, नेंहा, आरक्षक गजेन्द्र और शिवा गतोरा रेलवे स्टेशन पहुच गए। तब तक महतारी एक्सप्रेस मौके पर नहीं पहुंची थी काफी देर हो जाने के कारण गर्भवती महिला की हालत और बिगड़ती चली गई।
महिला विंग ने कराई डिलीवरी.
गर्भवती महिला की बिगड़ती हालत को देख आरपीएफ की आरक्षक सोनिया साहू और नेहा ने स्टेशन के पास ही विमला नाम ही महिला को दर्द से कराह रही गर्भवती महिला की स्थिति बताई जिसके बाद उक्त महिला की बेटी सुमन और आरपीएफ की महिला टीम ने साहस का परिचय देते हुए गर्भवती महिला की स्टेशन में ही डिलीवरी करवाई, इधर इस बीच महतारी एक्सप्रेस के गतोरा रेलवे स्टेशन पहुंचते ही माँ के साथ उसके नवजात पुत्र को आरपीएफ पोस्ट की महिला विंग ने सुरक्षित सिम्स अस्पताल तक पहुचाया। जहा दोनो की देखभाल की जा रही है।