•छत्तीसगढ़ी, हिन्दी और क्लासिकल गीतों पर थिरके कलाकार.
•ट्रांसजेंडरों के कत्थक तिहाई, परन और ठुमरी नेे किया मंत्रमुग्ध.
रायपुर.सांझ एक शाम सांस्कृतिक कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के तृतीय लिंग (ट्रांसजेंडर) कलाकारों ने अपनी प्रतिभा से दर्शकों का दिल जीत लिया। इस समूह के कलाकारों ने छत्तीसगढ़ी, हिन्दी और क्लासिकल गीतों से मनोरंजक और दिल को छू देने वाली प्रस्तुतियां दी। दर्शकों ने ट्रांसजेंडरों की प्रतिभा को सराहा। कलाकारों ने दर्शकों की खूब तालियां बटोरी।
रविवार को सांझ एक शाम तृतीय लिंग कलाकारों के नाम संस्कृति विभाग छत्तीसगढ़ शासन के सहयोग से तृतीय लिंग वर्ग के कलाकारों ने एक सुंदर शाम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की शुरुआत विगत वर्ष संस्कृति संचालक विवेक आचार्य के मार्गदर्शन में की गई थी। छत्तीसगढ़ में किन्नर समाज की प्रतिभा को साँझ के मंच पर राष्ट्रीय स्तर पर प्राथमिकता मिल रही है। सांझ एक शाम कायर्क्रम की मुख्य अतिथि पूर्व महापौर रायगढ़ तृतीय लिंग समूह की मधु बाई थीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्कृति विभाग के संचालक विवेक आचार्य ने की। तृतीय समुदाय के कलाकारों को मौका देने के लिए आयोजित सांझ एक शाम कार्यक्रम के लिए तृतीय लिंग समूह की ओर से विद्या राजपूत ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत को धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम में तृतीय लिंग समूह के कलाकारों ने उत्साह से हिस्सा लिया। जांजगीर चांपा से आए प्रतिमा ग्रुप के कलाकारों द्वारा मां काली वंदना एवं नृत्य से कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इसके बाद स्वरागिनी ग्रुप के कलाकारों ने सुआगीत, कर्मा गीत, ददरिया व होली के गीतों में अपनी प्रस्तुति देकर लोगों को झूमने के लिए मजबूर कर दिया। रायपुर के युवराज बाघ एवं साथी द्वारा कत्थक में शिव वंदना की प्रस्तुति दी गई। इसके साथ-साथ उन्होंने कत्थक तिहाई, परन और ठुमरी में अपने अंदाज से लोगों का दिल जीत लिया।
दुर्ग के कांता एली महानंद ने क्लासिकल नृत्य की प्रस्तुति दी। प्रतिमा डांस ग्रुप द्वारा किन्नर के जीवन पर आधारित आकर्षक एवं संगीतमय कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।