नईया पार लगाने यहां से ताल ठोक सकते हैं पीएम मोदी, इन नेताओं की हो सकती है छुट्टी !

देश में लोकसभा चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है. महज एक से डेढ़ महीने के अंदर चुनावी बिगुल बज सकता है. संभवत: फरवरी के अंत तक या मार्च के शुरुआत में आचार संहिता लग सकती है. ऐसे में पार्टियों ने आगामी आम चुनाव के लिए कमर कस ली है. इसमें भारतीय जनता पार्टी भी एक्टिव मोड में नजर आ रही है. खबर ये भी है कि भाजपा ने अपने प्रत्याशियों की लिस्ट तैयार कर ली है. बस चंद दिनों में पार्टी नामों का ऐलान (BJP Candidates List) कर सकती है.

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बीजेपी की पहली लिस्ट इस महीने के अंत में आ सकती है. 31 जनवरी तक कभी भी केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हो सकती है, जिसमें नामों का ऐलान किया जा सकता है. वहीं माना जा रहा है कि पहली सूची में जेपी नड्डा और प्रधानमंत्री मोदी समेत 164 उम्मीदवारों के नाम हो सकते हैं.

इन राज्यों की सीटों पर फोकस

सीटों की बात करें तो भाजपा का फोकस इस बार हारी हुई सीटों पर हो सकता है. वहीं 164 सीटों की जिम्मेदारी केंद्रीय मंत्रियों और दिग्गजों को सौंपी गई है. भाजपा अपनी स्थिति को पंजाब, महाराष्ट्र, बिहार, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश में 14 सीटों पर कमजोर मानती है. इसलिए भाजपा इस बार इन सीटों पर ज्यादा फोकस कर सकती है.

नइया पार लगाने फिर वाराणसी से उतर सकते हैं मोदी

राजनीतिक गलियारों में खबर ये भी है कि प्रधानमंत्री मोदी इस बार भी वाराणसी से ही चुनाव लड़ेंगे. इसका कारण कहीं ना कहीं उत्तर प्रदेश और बिहार को एक साथ साधना हो सकता है. दोनों राज्यों की 120 लोकसभा सीटें हैं. यानी लोकसभा की 545 सीटों में से एक चौथाई सीटें इन दोनों राज्यों की हैं. इस बार भाजपा पंजाब, बिहार, राजस्थान, महाराष्ट्र और तमिलनाडू में भी सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है.

70 प्लस को दिखाया जा सकता है बाहर का रास्ता

चर्चा है कि इस बार 70 साल से ज्यादा उम्र के उम्मीदवारों की टिकट कट सकती है. इसका कारण युवाओं और ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को मौका देना माना जा रहा है. वर्तमान में भाजपा के कुल 56 लोकसभा सांसद 70 या इससे ज्यादा उम्र के हैं. इनमें राजनाथ सिंह, वीके सिंह जैसे केंद्रीय मंत्री भी शामिल हैं. राव इंद्रजीत सिंह, श्रीपद नाइक, अर्जुन राम मेघवाल, गिरिराज सिंह और वरिष्ठ नेता राजेंद्र अग्रवाल, रविशंकर प्रसाद, एसएस अहलूवालिया का टिकट भी कट सकता है. 3 बार से ज्यादा सांसद रह चुके नेताओं की टिकट भी कट सकती है. हालांकि कुछ सांसदों को नियमों में छूट दी जा सकती है.

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