बीजापुर. तर्रेम में हुई घटना से अभी जिले की पुलिस उबर नहीं पाई है कि नक्सलियों को रसद समेत अन्य सामानों की सप्लाई करने वाले एक व्यापारी की तस्दीक करना एसडीओपी और उनकी टीम पर भारी पड़ गया। शक के आधार पर व्यापारी के पास पहुंचे एसडीओपी पर उल्टा मारपीट करने का आरोप लगाया जा रहा है। जिसकी शिकायत व्यापारी ने केंद्र से लेकर राज्य के मुखिया समेत तमाम आला अधिकारियों से की है। इधर पुलिस टीम पर इस मामले को रफादफा करने फर्जी मार्कशीट बनाने की शिकायत को निपटाने के एवज में दबाव बनाया जा रहा है तो वही तीन माह पहले हुए इस घटनाक्रम में जांच अधिकारी ने पुलिस पार्टी को क्लीनचिट दी है।
नक्सलियों के मददगार होने के शक में किराना दुकान के व्यापारी अनिल जंगम से भोपालपट्टनम के एसडीओपी अभिषेक सिंह और टीआई वीरेंद्र चंद्रा व धर्मा राम द्वारा मारपीट करने का मामला काफी चर्चा में है। बीते दिसंबर माह के लास्ट में हुई यह घटना मानो किसी अलादीन के चिराग के जिन की तरह बरसों बाद बाहर आ रहा है।
व्यापारी का आरोप..
एसडीओपी सिंह और दोनो टीआई पर व्यापारी ने आरोप लगाया है कि पिछले साल 21 दिसंबर को नशे की हालत में पुलिस अफसर फिल्मी स्टाइल में आए और बिना कुछ कहे अनिल जंगम से मारपीट करने लगें। इस बीच उनकी पत्नी बीच बचाव करने आई तो पुलिस अफसरों ने उसे भी धमकाया वही एसडीओपी पर लाख रुपया महीना देने का आरोप व्यापारी ने लगाया है इधर पूरा घटनाक्रम दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया।
इस घटना के बाद व्यापारी ने केंद्र से लेकर राज्य में मुखिया भूपेश बघेल,गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू समेत पुलिस के आला अधिकारियों समेत तमाम जगह रायता फैला कर शिकायत कर दिया।
फिर आया यू टर्न..
मिली जानकारी के अनुसार इस मामले में शिकायत देने का बाद अचानक एक यू टर्न आया जो कि व्यापारी अनिल जंगम के दोस्त रवि रापर्ति की कारगुजारियों से जुड़ा है। नक्सल प्रभावित जिले में जहा एक तरफ शिक्षा की कमी है तो वही रवि रापर्ति का नाम फर्जी मार्कशीट बनाने को लेकर सामने आया है जिसकी शिकायत करीब एक माह पूर्व एसडीओपी अभिषेक सिंह के पास आई थी। घटना की जांच के वक्त जांच अधिकारी एएसपी पंकज शुक्ला के समक्ष अनिल जंगम के द्वारा लिखित में एसडीओपी और उनके साथी टीआई द्वारा ऐसी कोई भी मारपीट, धमकी न दिए जाने का बयान भी दिया गया था। लेकिन अचानक फिर से पुलिस अफसरों पर आरोप मढ़ा जा रहा है वो भी रवि रापर्ति को फर्जी मार्कशीट के मामले से बचाने के एवज में, पुलिस का आरोप है कि अनिल जंगम अपने दोस्त को फर्जी मार्कशीट की शिकायत से पाक साफ निकलवाना चाहता है नही तो बेबुनियाद आरोप लगाकर शिकायतें कर रहा है। व्यापारी अनिल जंगम पर नक्सलियों को रसद समेत अन्य सामानों की सप्लाई के साथ क्षेत्र में जुए का कारोबार भी आरोप है और सब कुछ उसकी दुकान से संचालित होता है। पुलिस टीम इसी बात की तस्दीक करने गई हुई थी।
एसडीओपी सिंह कहिन..
वही इस मामले में एसडीओपी अभिषेक सिंह ने बातचीत में बताया कि मैं अपने दो टीआई को लेकर तस्दीक करने अनिल जंगम की दुकान जरूर गया था बातचीत के दौरान मेरी उससे हाथापाई भी हुई थी, मगर जो सीसीटीवी फुटेज में दिखाया जा रहा है वो मैं या मेरी टीम के लोग नही है।
अनसुलझे सवाल..
भोपालपट्टनम के एसडीओपी सिंह और टीआई वीरेंद्र चंद्रा और धर्मा राम पर व्यापारी अनिल जंगम ने आरोप बीते साल 21 दिसंबर को लगाया फिर 30 दिसबंर को जंगम एंड कंपनी ने तमाम जगहों पर शिकायत की और घटना के जांच अधिकारी एएसपी पंकज शुक्ला के पास बयान दर्ज कराने गए और कहा था कि मैंने कोई शिकायत नही की है ऐसा कौन कर रहा है मालूम नही, इधर लिखित में एसडीओपी और दोनों टीआई द्वारा किसी तरह की मारपीट नही करने का आवेदन दिया,इसके बाद एसडीओपी के गनमैन को भी इस मसले पर लपेट दिया और आरोप लगा कुछ भी बोलने से मना करने का बयान दिया। घटना के तीन महीने बाद एक बार फिर अनिल जंगम एंड कंपनी फिर एक्टिव हुआ और अपने दोस्त रवि रापर्ति के मामले को दबाने पुलिस अफसरों को एक केस के बदले दुकान में हुए घटनाक्रम को डील करने लगें। इधर पुलिस के अनुसार अनिल जंगम और रवि रापर्ति के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज है।
जांच तो पूरी हो गई अब आगे का मालूम नही..एएसपी शुक्ला.
इस घटना के जांच अधिकारी एएसपी पंकज शुक्ला से ‘OMG NEWS’ फोन पर चर्चा की,उन्होंने बताया कि उस दौरान अनिल जंगम को बयान के लिए बुलाया गया था। उसने कहा था कि मेरे द्वारा किसी तरह की कोई शिकायत नही दी गई है ये कौन और किसके इशारे पर कर रहा है मुझे नही मालूम, एएसपी ने कहा कि पूरा बयान अनिल जंगम के हस्ताक्षर के साथ ऑन द रिकॉर्ड है। सभी प्रक्रिया होने के भी एसडीओपी और उनकी टीम पर लग रहे आरोपों के सवाल पर एएसपी ने कहा इसके आगे का मुझे मालूम नही मैंने अपनी पूरी जांच कंप्लीट कर दी थी।