भारत के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले 634वें एस्ट्रोनॉट बन गए हैं। इसके अलावा वह दूसरे भारतीय हैं, जिन्होंने अंतरिक्ष की यात्रा की है। वहीं पीएम मोदी ने शनिवार को एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला से बात की है। इसकी तस्वीर भी सामने आई है। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से यह जानकारी दी गई है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पीएमओ की एक पोस्ट में लिखा है, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर मौजूद ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से बातचीत की।”
I had a wonderful conversation with Group Captain Shubhanshu Shukla as he shared his experiences from the International Space Station. Watch the special interaction! https://t.co/MoMR5ozRRA
— Narendra Modi (@narendramodi) June 28, 2025
पीएम मोदी की शुभांशु से बातचीत…
प्रधानमंत्री- वहां सब कुशल मंगल तो है।
शुभांशु- मैं ठीक हूं और सुरक्षित हूं। यह बहुत नया एक्सपीरियंस है। चीजें बहुत सारी हैं, वो दिखा रही हैं और भारत और देशवासी किस दिशा में जा रहे हैं। मैं छोटा था तो कभी नहीं सोचा था कि एस्ट्रोनॉट बन पाऊंगा। आपके नेतृत्व में देश अब अपने सपने साकार कर पा रहा है।
प्रधानमंत्री- आप जो गाजर का हलवा ले गए हैं, क्या उसे अपने साथियों को खिलाया है।
शुभांशु- जी गाजर और मूंग दाल का हलवा लाया था। बाकी देशों के साथियों को चखाना चाहता था, ताकि भारत के समृद्ध स्वाद का मजा लें। मैंने सबके साथ बैठकर खाया।
प्रधानमंत्री- आपको पृथ्वी माता की परिक्रमा का मौका मिला है, आप अभी कहां हैं?
शुभांशु- हम 16 बार परिक्रमा करते हैं, 16 सनराइज और 16 सनसेट देखते हैं। 28 हजार किमी/घंटे की रफ्तार से चलते हैं। यह गति दिखाती है कि हमारा देश कितनी गति से आगे चल रहा है।
प्रधानमंत्री- पहला विचार क्या आया था?
शुभांशु- पहला व्यू पृथ्वी का था। इसे देखकर पहला ख्याल ये आया कि पृथ्वी एक जैसी है। बाहर से सीमा रेखा, कोई बॉर्डर नहीं दिखता। भारत को देखा तो वो बहुत भव्य और बड़ा दिखता है। अनेकता में एकता दिखती है पृथ्वी की। पृथ्वी हमारा घर है और हम सब एक हैं।
प्रधानमंत्री- आप वास्तविक स्थिति में हैं, वहां की परिस्थितियां कितनी अलग हैं?
शुभांशु- हमने ट्रेनिंग की, प्रॉसेस पता थी, एक्सपेरिमेंट पता था, यहां आकर सब बदल जाता है। यहां ग्रेविटी, माइक्रो ग्रेविटी है। छोटी-छोटी चीजें मायने रखती हैं। आप से बात करते वक्त मैंने अपने पैरों को बांध रखा है।
शुभांशु ने कहा था- मेरी किस्मत
ISS पर वेलकम सेरेमनी में शुभांशु ने कहा था- ये मेरी किस्मत है कि मैं उन चंद लोगों में शामिल हो सका, जिन्होंने स्पेस स्टेशन से पृथ्वी का नजारा देखा।आपके प्यार और आशिर्वाद से मैं इंटरनेशनल स्पेस सेंटर पर पहुंचा हूं। यहां खड़ा होना बहुत आसान दिख रहा है, लेकिन ये सब काफी मुश्किल है।
अंतरिक्ष जाने के बाद सुभांशु शुक्ला ने दिया संदेश
इससे पहले शुभांशु शुक्ला ने 28 घंटे की अंतरिक्ष यात्रा पूरी करने और सफल डॉकिंग के बाद आईएसएस से अपना पहला संदेश हिंदी में भेजा था। उन्होंने कहा- यह भारत के लिए खास पल है और मैं अपना तिरंगा लेकर चल रहा हूं। इस दौरान वे बोले कि सिर भारी हो गया है, लेकिन आदत हो जाएगी। अंतरिक्ष स्टेशन पर औपचारिक स्वागत समारोह में संक्षिप्त टिप्पणी में शुक्ला ने कहा, ‘‘मैं 634वां अंतरिक्ष यात्री हूं। यहां आना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आपके प्यार और आशीर्वाद से मैं अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंच गया हूं। यहां खड़ा होना आसान लग रहा है, लेकिन मेरा सिर थोड़ा भारी है, कुछ कठिनाई हो रही है; लेकिन ये छोटी-मोटी बातें हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें इसकी आदत हो जाएगी। यह इस यात्रा का पहला कदम है।’’ आखिर में उन्होंने “जय हिंद, जय भारत का उद्घोष किया।”
14 दिन तक करेंगे अंतरिक्ष की यात्रा
शुभांशु शुक्ला ने कहा, ‘‘जिस क्षण मैंने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में प्रवेश किया और इस चालक दल से मिला, आपने मुझे इतना सम्मानित महसूस कराया, मानो आपने सचमुच अपने घर के दरवाजे हमारे लिए खोल दिए हों।’’ शुक्ला ने कहा, ‘‘यह शानदार था। अब मैं और भी बेहतर महसूस कर रहा हूं। यहां आने से मेरी जो भी अपेक्षाएं थीं, वे दृश्य से कहीं बढ़कर हैं। इसलिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। मुझे पूरा विश्वास है कि अगले 14 दिन अद्भुत होने जा रहे हैं, विज्ञान और अनुसंधान को आगे बढ़ाएंगे, और साथ मिलकर काम करेंगे।’’
बता दें कि, यह मिशन Axiom-4 का हिस्सा है, जो ह्यूस्टन स्थित Axiom Space द्वारा आयोजित किया गया है. इस मिशन में 14 दिनों तक ISS पर वैज्ञानिक प्रयोग किए जाएंगे.
शुभांशु और अन्य क्रू मेंबर्स को लेकर ड्रैगन कैप्सूल स्पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष स्टेशन तक गया है, जिसे स्पेसएक्स के Falcon 9 रॉकेट से 25 जून को भारतीय समयानुसार 12:01 PM पर अमेरिका के फ्लोरिडा में स्थित स्पेस सेंटर के लॉन्चपैड 39ए से लॉन्च किया गया था. ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट 26 जून 2025 को भारतीय समयानुसार शाम 4:01 PM IST पर ISS से डॉक किया.



