गरियाबंद। देवभोग के आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल को बड़ी उपलब्धि मिली है. अब यह जिले का पहला स्कूल बन गया है, जहां भारतीय वायुसेना के एनसीसी (नेशनल कैडेट कोर) का संचालन किया जाएगा. स्कूल को वायुसेना जूनियर एनसीसी संचालन की मंजूरी मिल चुकी है, जिसके तहत पहले ही सत्र में 10 छात्राओं और 14 छात्रों का चयन किया गया है.
आज, वायुसेना के जूनियर वारंट अफसर एस एन पॉल, सर्जेंट सुनील कुमार और शशांक थपलियाल ने स्कूल पहुंचकर एनसीसी कैडेट्स के लिए छात्रों का चयन किया. प्राचार्य गिरीश चंद्र बेहेरा और एनसीसी प्रभारी गणेश सोनी की मौजूदगी में छात्रों का फिजिकल और इंटरव्यू के माध्यम से छात्रों का चयन किया गया. इस प्रकार देवभोग का आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल जिले का पहला विद्यालय बन गया है जहां वायुसेना के एनसीसी का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा.
साल भर पहले निरक्षण में आए थे अफसर
विंग कमांडर विवेक साहू के विशेष रुचि से देवभोग को यह बड़ी उपलब्धि मिली.दरअसल इस स्कूल में एनसीसी एयर विंग सी सर्टिफिकेट होल्डर गणेश सोनी शिक्षक के रूप में पदस्थ है. इन्हें वेकेंसी की जानकारी के साथ ही इसे हासिल करने की प्रकिया का पता था. पिछले डेढ़ साल से गणेश सोनी प्राचार्य गिरीश चंद्र के साथ मिल एनसीसी के अफसरों के संपर्क में थे. 22 सितंबर 2023 की अफसरों ने स्कूल का विजिट भी किया था.जिसमे विद्यालय परिसर,ग्राउंड की उपलब्धता ,ड्रिल के लिए माकूल स्थान की उपलब्धता का जायजा लिया था.
ग्रामीण बच्चों को मिलेंगे कई फायदे
भारतीय वायुसेना के नेशनल कैडेट कोर का हिस्सा रह चुके सेजेस देवभोग के NCC प्रभारी गणेश सोनी ने बताया की 2 वर्षीय जूनियर डिवीजन के प्रशिक्षण के पश्चात विद्यार्थियों को “A” सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा. जिसकी महत्ता सभी जगह है. विद्यालय परिसर में ही इन विद्यार्थियों का प्रशिक्षण सप्ताह में एक बार वायुसेना के अधिकारी द्वारा लिया जायेगा, इन विद्यार्थियों को सप्ताह में एक दिन परेड, विमान उड़ाने और फायरिंग का सैन्य प्रशिक्षण दिया जाएगा. द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों को रायपुर में विशेष ट्रेनिगं कैंप के अंतर्गत प्रशिक्षण दिया जायेगा, जिसमें उन्हें उड़ने का सुअवसर प्राप्त होगा.
एनसीसी (नेशनल कैडेट कोर) भारत में एक सैन्य प्रशिक्षण संगठन है, जिसका उद्देश्य युवाओं को सैन्य अनुशासन, राष्ट्रीय एकता और सामाजिक सेवा की भावना से भरना है.
एनसीसी के मुख्य उद्देश्य
- युवाओं को सैन्य प्रशिक्षण देना.
- राष्ट्रीय एकता और सामाजिक सेवा की भावना को बढ़ावा देना.
- युवाओं को नेतृत्व और प्रबंधन कौशल विकसित करने में मदद करना.
- देश की सुरक्षा और रक्षा में योगदान देना.
एनसीसी के घटक
- आर्मी विंग
- नेवी विंग
- एयर फोर्स विंग
एनसीसी के प्रशिक्षण कार्यक्रम
- बेसिक लीडरशिप कोर्स (बीएलसी)
- एडवांस लीडरशिप कोर्स (एएलसी)
- सर्टिफिकेट ए और बी
- एनसीसी कैडेट्स के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम
एनसीसी के लाभ
- सैन्य प्रशिक्षण और अनुशासन
- नेतृत्व और प्रबंधन कौशल विकसित करना
- राष्ट्रीय एकता और सामाजिक सेवा की भावना को बढ़ावा देना
- देश की सुरक्षा और रक्षा में योगदान देना
- शैक्षिक और पेशेवर अवसरों में बढ़त
एनसीसी में शामिल होने के लिए योग्यता
- आयु: 13-26 वर्ष
- शैक्षिक योग्यता: 8वीं से 12वीं कक्षा
- शारीरिक योग्यता: एनसीसी के मानकों के अनुसार
एनसीसी की महत्ता
- देश की सुरक्षा और रक्षा में योगदान
- युवाओं को सैन्य प्रशिक्षण और अनुशासन देना
- राष्ट्रीय एकता और सामाजिक सेवा की भावना को बढ़ावा देना
- युवाओं को नेतृत्व और प्रबंधन कौशल विकसित करने में मदद करना