रायपुर. छत्तीसगढ़ में रहने वाले उन लोगों के लिए अब समस्या बढ़ने वाली हैं जिन्होंने अपने घर का बिजली बिल भुगतान नहीं किया, या उनकी अब ये आदत बन गई है कि वे महीनों तक बिजली बिल भुगतान नहीं करते है. लेकिन अब चंद दिनों बाद जब तक आप मोबाइल की तरह अपने बिजली कनेक्शन को रिचार्ज नहीं करेंगे तब तक संभव है कि आपके घर में अंधेरा छाया रहेगा. दरअसल छत्तीसगढ़ में अब 60 लाख से अधिक घरों में स्मार्ट मीटर (Smart Meter) लगाने की तैयारी है.
प्रदेश में स्मार्ट मीटर (Smart Meter) लगाने का काम इस माह से प्रारंभ हो जाएगा. सबसे पहले सरकारी दफ्तरों और ट्रांसफॉमरों में स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे. इसके बाद घरेलू कनेक्शनों में स्मार्ट मीटर लगेंगे. केन्द्र सरकार की रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के तहत विद्युत अधोसंरचना को दुरूस्त करने के साथ ही स्मार्ट मीटर भी लगाए जाएंगे. प्रदेश के पांचों राजस्व संभागों में स्मार्ट मीटर के लिए सर्वे का काम पूरा हो चुका है. रायपुर राजस्व संभाग में टाटा पावर, बिलासपुर और सरगुजा राजस्व संभाग में हाइप्रिंट सॉल्यूशन तथा दुर्ग और बस्तर संभाग में मेसर्स जीनस पावर सॉल्यूशन को स्मार्ट मीटर लगाने और देखरेख की जिम्मेदारी मिली है. वहीं ट्रांसफॉर्मरों में इसलिए मीटर लगाए जाएंगे ताकि बिजली सप्लाई लॉस का आकलन किया जा सके. योजना में दी गई शर्तों के अनुसार पावर कंपनी प्रत्येक स्मार्ट मीटर का किराया देगी. स्मार्ट मीटर लगाने वाली एजेंसी 10 साल तक मेंटेनेंस भी करेगी. मीटर में गड़बड़ी अथवा खराब स्मार्ट मीटर लगाने में आने वाले खर्च की 85 फीसदी राशि एजेंसी को खर्च कंपनी प्रबंधन द्वारा अभियंताओं को स्मार्ट करना होगा.