स्कूलों को भेजे जा रहे बम की धमकी वाले फर्जी ई-मेल को केंद्र सरकार ने बेहद गंभीरता से लिया है. ऐसे मामलों के लिए सरकार जल्द सख्त कदम उठाने जा रही है. दिल्ली पुलिस को इसके लिए खास हिदायत दी गई है. गृह सचिव ने पिछले सप्ताह दिल्ली के कुछ स्कूलों को मिले फर्जी ई-मेल के मद्देनजर स्थिति की समीक्षा की. उन्होंने भविष्य में ऐसी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए विस्तृत प्रोटोकॉल और SOP तैयार करने की आवश्यकता पर बल दिया.
गृह सचिव ने दिल्ली पुलिस और स्कूलों से प्रभावी प्रतिक्रिया तंत्र के लिए समन्वय बनाने को कहा, ताकि गलत सूचना से अनावश्यक घबराहट पैदा न हो. स्कूलों में सुरक्षा बढ़ाने, सीसीटीवी कैमरे और ई-मेल की निगरानी पर भी जोर दिया. बैठक में दिल्ली के मुख्य सचिव और पुलिस कमिश्नर सहित अन्य अधिकारियों ने हिस्सा लिया.
‘सुरक्षा मुद्दे पर हलफनामा दाखिल करें’
दिल्ली हाईकोर्ट ने बम की धमकी की स्थिति में माता-पिता पर कम से कम निर्भरता और बिना किसी घबराहट के स्कूली बच्चों की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित करने के लिए पुलिस से उठाए गए कदमों का विवरण देने को कहा है. हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है. पुलिस व सरकार से अदालत ने कहा है कि वह बताए अब तक बम की धमकी मिलने पर कितनी कार्रवाई की गई. कितनी मॉकड्रिल पुलिस की निगरानी में आयोजित की गई. इसकी जानकारी हलफनामे में उपलब्ध कराएं.
जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने कहा कि हालांकि पुलिस ने बम का पता लगाने और निष्क्रिय करने वाले दस्तों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) और स्कूलों में बम के खतरों से निपटने के दिशानिर्देशों को सूचीबद्ध करते हुए एक स्थिति रिपोर्ट दायर की है, कई प्रमुख पहलुओं पर डेटा जमा नहीं किया है.
दिल्ली पुलिस और सरकार द्वारा दायर किए जाने वाले हलफनामे में बच्चों को स्कूलों से निकालने के लिए दूर-दराज के स्थानों पर काम करने वाले माता-पिता पर कम से कम निर्भरता सुनिश्चित करने के लिए की गई कार्रवाई शामिल होगी क्योंकि बच्चों को सुरक्षित निकालने की प्राथमिक जिम्मेदारी पुलिस व स्कूल प्रशासन समेत अन्य विभागों की होगी.
20 मई को मामले में सुनवाई होगी मामले को 20 मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया. हाईकोर्ट बम धमकियों के बारे में चिंता व्यक्त करने वाली एक याचिका पर सुनवाई कर रहा है.