बिलासपुर. सेंट्रल जेल के अफसरी गिरोह की एक और करतूत ‘OMG NEWS NETWORK’ की पड़ताल में सामने आई है। एक कैदी ने बड़ा अजीबोगरीब खुलासा कर बताया है कि जेल परिसर में खुले मंगोड़ी सेंटर बगैर लाइसेंस के चल रहा है, वो भी इसलिए कि हर रोज इससे आने वाली कमाई से जेल प्रबंधन की जेब मोटी हो सके,यहाँ तक कि मंगोड़ी सेंटर की कमाई का भी कोई हिसाब किताब नियम के अनुरूप मेंटेन नही किया जाता, आश्चर्य की बात तो यह है कि किस मंगोड़ी सेंटर में बना समोसा, आलू चाप व अन्य चीजें जिसका शहरवासी बड़े चाव से स्वाद चखते है। उसे बनाने के लिए भी जेल प्रबंधन कच्चे माल में गुणा गणित करने से बाज नही आ रहा है।
बिलासपुर की सेंट्रल जेल ही क्या प्रदेश की हर बड़ी -छोटी जेलों में जेल अधीक्षक और उनके खास चमचों के इशारे के बिना एक पत्ता भी नही हिल सकता क्योंकि जेल के चारदीवारियों की जिंदगी ही कुछ और है जहाँ जेल के खाकी वर्दी की हुकूमत चलती है साहब...ये बात हम नही कह रहे, ‘OMG NEWS NETWORK’ को नाम नही छापने की शर्त पर एक कैदी ने जो बताया वो बड़ा अजीब सा लगता है,वाह रे बिलासपुर सेंट्रल जेल की अफसरी गिरोह,इस पड़ताल में कैदी ने खुलासा किया कि जेल परिसर में खुले मंगोड़ी सेंटर का कामकाज अवैध है। जेल अधीक्षक एस एस तिग्गा और जेलर आर आर राय की शह पर करीब 6 साल पहले इसे शहरवासियों के लिए खोल दिया गया था। कैदी का आरोप सुन के बड़ा आश्चर्य होगा कि मंगोड़ी, समोसा,आलू चाप, ब्रेड भजिया और इसके अलावा जो भी खाने का सामान कैदियों द्वारा यहां बनाया जाता है। उसमें भी बड़ा घालमेल होता है,रोजाना दो पहर खुलने वाले मंगोड़ी सेंटर की कमाई से अपनी जेब भरने जेल अधीक्षक तिग्गा और जेलर राय कहने पर खाने की चीजों का साइज छोटा कर बेच देते है।
कैदी की माने तो जैसे एक दिन में 500 पीस समोसे या अन्य सामानों को बेचना है तो उसे बनाने के लिए कच्चा माल देने के बाद डबल कमाई के जुगाड़ में साइज छोटा करने का धंधा बड़े जोरो पर चल रहा है। शहरवासियों को स्वाद का लॉलीपॉप देकर खुद जेल के अफसरी गिरोह मंगोड़ी सेंटर से भी मलाई छानने में पीछे नही है,बस कैसे भी हो मोटी रकम जेब में आनी चाहिए यही जेल के अफसरी गिरोह का टारगेट रहता है।
अवैध मंगोड़ी सेंटर की कहानी.
‘OMG NEWS’ की पड़ताल में पता चला कि वर्ष 2016 में जेल के अफसरी गिरोह के सब से खास इंतजाम अली मुख्य प्रहरी मार्कण्ड बारिक कान फूंकने पर मंगोड़ी सेंटर खोला गया था। उस वक्त भी जेल अधीक्षक की कुर्सी एस एस तिग्गा संभाल रहे थे,(कोरोना काल में करीब दो साल मंगोड़ी सेंटर में ताला लटका रहा),मुख्य प्रहरी बारिक ने जेल अधीक्षक तिग्गा समेत अपने आकाओं को न जाने किस बारीकी से पाठ पढ़ाया की बिना लाइसेंस या कहे लिखा पढ़ी के मंगोड़ी सेंटर खोल दिया गया।
कैदी का आरोप है कि प्रतिदिन यहां से आने वाली कमाई 10 से 15 हजार का कोई लेखा जोखा नही रहता जो आया उसका भी फायदा जेल अफसरी गिरोह की जेब मे,बल्कि नियम कहता है कि किसी भी सरकारी दफ्तर का हिसाब-किताब एकाउंट सेक्शन में दिया जाता है, लेकिन सेंट्रल जेल के अफसरी गिरोह के आगे कोई नियम कानून नही है और मनमाना तरीके से सब कुछ चल रहा है। फिलहाल मंगोड़ी सेंटर का कामकाज सुमित केरकेट्टा सिपाही संभाल रहा है।