बिलासपुर. सेंट्रल जेल में नरक जैसी यातनाएं देने के लिए चार हेड साहब और उनके गुर्गे मुकरर है। इनके जिम्मे हर बैरक में कैदियों को पीटने और यातनाएं देने की विशेषज्ञता हासिल है,बरसो से जेल में जमे इन यमराजो की सजायाफ्ता कैदियों के गिरोह से अच्छी खासी साठगांठ है और इसी ताकत के बूते पर नए कैदियों को यातनाएं देकर मोटी रकम भी कमाते है,सब कुछ जेल अधीक्षक और जेलर के इशारे पर, पढ़िए जेल की यातनाओं की लाइव कहानी ‘OMG NEWS NETWORK’ की जुबानी.
सुधार नही यातनाओं का घर बने सेंट्रल जेल में हवालाती और सजायाफ्ता कैदियों की सोटाई सिर्फ इसलिए की जाती है ताकि उनसे मोटी रकम वसूल की जाए,पिटाई का डर दिखा के जेल के चार स्टाफ के एक गैंग के जिम्मे सारा कारोबार चलता है। ‘OMG NEWS NETWORK’ को नाम नही छापने की शर्त पर एक कैदी ने जेल के भीतर यातनाओं की दास्तान सुनाई और पहले और अब जेल अधीक्षक एस एस तिग्गा और जेलर आर आर रॉय पर सीधा आरोप लगाया कि जेल में जो कुछ भी होता है इन अधिकारियों के इशारे के बिना बिल्कुल सम्भव नहीं है।
सिर्फ मोटी रकम से जेब भरने के लिए जेल प्रबंधन किसी भी हद तक जा सकता है। दुनिया को नजरो से परे जेल की चारदीवारियों के अंदर चार हेड साहब और सिपाहियों जिन्हें हेड साहब या कहे यमराजो कि एक टीम काम कर रही है,जेल अधीक्षक तिग्गा और जेलर रॉय के इंतजाम अली इस टीम के सदस्य वर्षों से जेल में जमे हुए है इनमें से कई का तबादला भी हुआ मगर अपने आकाओं की जी हुजूरी के कारण जेल में जमे हुए है।
रसूखदारों का पैकेज, आम कैदी से वसूली.
कैदी ने बताया कि जेल में सारी बेहतर सुविधाओं के लिए किसी बड़े फाइव स्टार होटल से ज्यादा का पैकेज फिक्स है,इसमें जेल में पिटाई गैंग से दूर रखने का भी पैसा लगता है,वीआईपी कैदी अपने दाना पानी के साथ इस गैंग की भरपाई करते है ताकि पिटाई से बच सके,जेल के भीतर प्लास्टिक का मोटा पाइप रखा गया है जो कैदियों की पिटाई में इस्तेमाल किया जाता है,जेल के निरीक्षण में चाहे जज हो जिला – पुलिस प्रशासन के अफसरों की टीम के आने से पहले नाटकीय रूप से ऐसा सजा दिया जाता कि मानो सब कुछ ठीक चल रहा है वो भी दिखावे के लिए, खाने की क्वालिटी एक नम्बर, बैरकों के हालात बेहतर कैदियों का अनुशासन और पिटाई गैंग के द्वारा आवभगत सब से बड़ी बात तो निरीक्षण के समय जेल में प्लास्टिक पाइप का डंडा ऐसा गायब कर दिया जाता है, जैसे उसे जमीन खा गई या आसमान निगल गया हो, निरीक्षण तक सब कुछ अच्छा और बाद में यातनाओं की जेल.
ये है जेल के यमराज.
सेंट्रल जेल के उन यमराजो से मिले जिन पर कैदियों को यातनाएं देने का जिम्मा है,कैदी ने ‘OMG NEWS’ से सभी के नामों का खुलासा कर पोल खोली.
नाम- आनंद ध्रुव,हेड साहब.
काम- जेल में पैसों को लेकर सारी सेटिंग, जेल स्टाफ की ड्यूटी लगाना, आरोप है कि स्टाफ से भी अच्छी जगह ड्यूटी लगाने के एवज में कमीशन लेना, मेन गेट से लेकर सारी व्यवस्था का हेड,जेल से सिम्म और अपोलो हॉस्पिटल रिफर होने वाले कैदियों को वीआईपी ट्रिटमेंट और उनका हिसाब किताब, 10 से 15 हजार का रेट फिक्स.
नाम-सूर्यकांत तिवारी, हेड साहब.
काम- जेल प्रबंधन पर आरोप है कि सूर्यकांत तिवारी मानसिक रोगी है इसके बावजूद उसे चक्कर अधिकारी का जिम्मा काफी पहले से सौपा गया है।करीब दो साल से मानसिक रूप से अस्वस्थ सूर्यकांत तिवारी का इलाज रायपुर के मेकाहारा अस्पताल में चल रहा है और इसके इशारे पर सजायाफ्ता बंदियों द्वारा जो उसके गुर्गे के रूप में तैनात है कैदियों की बेदम पिटाई करवाई जाती है। वजह सिर्फ पैसा,इन यमराजो के पास 15 सजायाफ्ता कैदियों की टीम है जो उगाही में साथ देते है,सूर्यकांत तिवारी की हमेशा नशे में रहने वाले सिपाही भदौरिया से जमकर मारपीट हो चुकी है। जिसकी शिकायत अजाक थाने में दर्ज है।
नाम- रमेश ठाकुर,हेड साहब.
काम- चक्कर अधिकारी, ये भी जेल के यमराजो की टीम का हिस्सा है,कैदियों की पिटाई और फिर वसूली,जेलर रॉय का भरपूर संरक्षण.
नाम-सेन बाबू,हेड साहब.
काम- आरोप है कि ड्यूटी के समय भी गले तक नशे में मदमस्त, जेल अधीक्षक तिग्गा और जेलर राय का मुँहलगा होने का भरपूर फायदा कोई रोक टोक करने वाला नही,नशे में चूर कैदियों को पिटवाने का जिम्मा और वसूली, कैदी के बताए अनुसार सब कुछ जेल अधीक्षक एसएस तिग्गा और जेलर राय के इशारों पर होता है।
नाम- भूपेंद्र.
काम- वैसे तो भूपेंद्र जेल में सिपाही है,लेकिन यमराजो की टीम के हेड साहबो का करीबी, पिटाई गैंग की देखरेख और हेड साहबो की चापलूसी,कैदियों से वसूली का जिम्मा और आनंद ध्रुव का खास सिपासलाहकार,हेड साहब ध्रुव की अनुपस्थिति में उसके सारे काले कारोबार की देखरेख.