बिलासपुर. सेंट्रल जेल में माफिया राज किस शासन काल मे आया यह तो नही पता लेकिन सब लोग इतना जरूर कहते हैं कि सरकार कांग्रेस की है फिर भी जेल भाजपा मुक्त नहीं हो पाया है। सरकार द्वारा मनोनीत अशासकीय संदर्शक दरो- दीवार पर मूकदर्शक ही है। आरोप है कि जेल अफसरों का (कोकस) गिरोह इनको भीतर इंट्री तक नही देता,बैरक में भी नो एंट्री और कैदियों से भेंट मुलाकात तक से दूरी,बेचारे अब करें क्या,लेकिन पुराने भाजपाई संदर्शको की जेल में आज भी चलती है।
कांग्रेस की सरकार को राज्य में तीन साल हो गए लेकिन सरकार और उसके नुमाइंदे सेंट्रल जेल की चारदीवारियों के भीतर अपनी पैठ नही जमा पाए है। ये हम नही एक कैदी बया कर रहा है। पहचान छुपाने की शर्त पर ‘OMG NEWS NETWORK’ को इस कड़ी में कैदी ने जेल की अफसरी के आगे पंगू बने अशासकीय संदर्शको की दुर्दशा के बारे में बताया,उसने आरोप लगाया है कि जेल में कांग्रेस राज के अशासकीय संदर्शको की एक नही चलती जेल अधीक्षक एस एस तिग्गा और जेलर आर आर राय एन्ड टीम के आगे मानो संदर्शक नही मूकदर्शक बन गए हो,भूपेश सरकार ने सेंट्रल जेल में आधा दर्जन से अधिक अशासकीय संदर्शक की नियुक्ति की है। मगर जेल की अफसरी के आगे अशासकीय संदर्शको रत्ती भर तव्वजो नही मिलती। जेल के भीतर चाहे कुछ भी हो जाए अशासकीय संदर्शको को हर मामले में नो एंट्री है। बस दिखावे के लिए कभी कभी थोड़ी बहुत आवभगत का नजराना पेश कर दिया जाता है। कैदी ने जेल प्रबंधन पर सीधा आरोप लगाया कि अफसरों के इस व्यवहार के कारण संदर्शक भी जेल में कम ही आते है और नाराज रहते है। इसके पीछे का राज यह है कि जेल में चल रहे काले कारनामों की खबर अशासकीय संदर्शको के माध्यम से सरकार तक न जाए।
इससे अच्छे तो पहले वाले थे.
कैदी ने बताया कि भाजपा सरकार में अशासकीय संदर्शको का जेल में अलग की जलवा था। जेल के अफसरों और उनके इंतजाम अली स्टाफ की हर कारगुजारियों पर भाजपाई नजर रखते थे। जेल में सब्जी से लेकर पूरे रसद की सप्लाई भी भाजपाई या उनके बन्दे करते थे, जो आज भी जारी है।
अशासकीय संदर्शको को नो एंट्री.
जेल के अफसरों पर कैदी ने आरोप लगाया है कि कुछ भी हो जाए सरकार के अशासकीय संदर्शको जेल में नो एंट्री है। किसी कैदी से पूछपरख नही कर सकते तो लाचार कैदी भी अपना हाल कैद की चारदीवारियों से बाहर कैसे निकाले, जो तव्वजो संदर्शको मिलनी चाहिए जेल के अफसरों और उनकी टीम बिल्कुल भी देते। जेल अफसरों के गिरोह के आगे मानो में सिर्फ दिखावे की संदर्शगी चल रही है।
ये है जेल के संदर्शको की टीम.
अंकित सिंह ठाकुर
शेख निजामुदीन
सैयद मोहम्मद
लम्मीनाथ साहू
पुष्पेन्द्र शर्मा
संदीप बाजपेयी
श्रीमती सुमन साहा
श्रीमती चित्रलेखा कांसकार
गणेश प्रसाद रजक
‘OMG NEWS’ की खबर के बाद संदर्शक पहुंचे जेल.
कांग्रेस सरकार की ओर से जिले में पार्टी संगठन के दो फाड़ के मद्देनजर सेंट्रल जेल दोनो गुट के समर्थकों को अशासकीय संदर्शक नियुक्त किया गया है, पिछले दिनों दो बंदियों की मौत से सदर्शक समिति के सदस्य भी जेल प्रशासन से नाराज हैं। एक संदर्शक ने कहा कि ‘OMG NEWS’ की वजह से ही हम जेल का निरीक्षण करने गए थे और खबरों के माध्यम से ही हमे जेल के भीतर चल रही कारगुजारियों को सरकार तक पहुचाने में मदद मिलेगी।
उन्होंने बताया कि संदर्शक समिति के सदस्य सेंट्रल जेल गए थे और सभी बैरको का गहराई से निरीक्षण किया। बंदियों से बात की तथा जेल प्रशासन से छोटे लाल यादव एवं विदेशी केवट की मौत के मामले में जानकारी ली। जेल प्रशासन द्वारा जो जवाब दिया गया उससे समिति के सदस्य असंतुष्ट नजर आए और जेल के भीतर अव्यवस्था को लेकर नाराजगी जताई तथा प्रदेश शासन के जेल गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू को इस घटना से अवगत कराने की बात संदर्शक समिति के सदस्यों ने कही है। सबसे पहले उन्होंने छोटेलाल यादव की मौत के मामले में जेल अधीक्षक तथा जेलर से पूरी जानकारी ली। जिस बैरक में छोटे लाल यादव को रखा गया था कुछ बैरक का सदस्यों ने निरीक्षण भी किया तथा अस्पताल में छोटे लाल यादव के इलाज एवं विदेशी राम के स्वास्थ्य को लेकर जेल के चिकित्सकों से जानकारी भी ली।सदस्यों ने कहा है कि जेल में कुछ अव्यवस्था मिली है। आखिर छोटे लाल यादव की मौत के लिए आबकारी विभाग दोषी है या सेंट्रल जेल का प्रबंधन इन सब बातों को लेकर गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू को पत्र लिखकर सेंट्रल जेल की वस्तु स्थिति से अवगत कराया जाएगा । सदस्यों ने यह भी कहा है कि अब सेंट्रल जेल में किसी बंदी की मौत ना हो इसके लिए जेल प्रशासन को आवश्यक दिशा आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं। सदस्यों ने पाकशाला में बंदियों के बनने वाले भोजन की भी जानकारी ली तथा भोजन का स्वाद भी चखा। इसके अलावा जेल के अस्पताल में बीमार बंदियो के स्वास्थ्य एवं दवा एवं आवश्यक चिकित्सा सुविधाओं को लेकर भी जानकारी एकत्र की, कुछ बंदियो से सदस्यों में चर्चा भी की कुछ शिकायतें मिली है। जिसकी जानकारी जेल मंत्री ताम्रध्वज साहू को दी जाएगी।संदर्शको ने बंदियों के खानपान रखरखाव रहन-सहन तथा उनके इलाज के लिए समुचित व्यवस्था करने के निर्देश जेल प्रशासन को दिए।
मालूम हो कि एक सप्ताह पहले 14 मई को चिल्हाटी के रहने वाले छोटे लाल यादव की सेंट्रल जेल में इलाज के दौरान मौत हो गई। दो दिन बाद ही सिंदरी गांव के रहने वाले विदेशी राम की मौत सिम्स में हुई आबकारी विभाग मदिरा बेचने के आरोप में छोटे लाल यादव को हिरासत में लिया था और जेल में छोटेलाल की तबीयत बिगड़ी। इसी तरह चोरी के आरोप में विदेशी राम को जेल ले जाया गया था और जेल प्रशासन ने विदेशी राम की मौत के लिए कुत्ते काटने की बात कही,जबकि छोटेलाल की परिजन आबकारी विभाग तथा जेल प्रशासन पर हत्या का आरोप लगा रहे हैं। इस मामले में दंडाधिकारी जांच भी चल रही है।