अंबिकापुर। सरगुजा और जशपुर क्षेत्र की समृद्ध कला परंपराओं को जीवित रखने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ जेल विभाग ने अंबिकापुर स्थित केन्द्रीय जेल में दीपावली के अवसर पर “सरगुजा स्कूल ऑफ आर्ट्स” की स्थापना की जा रही है। इस पहल का उद्देश्य जेल में बंद युवा बंदियों की ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में मोड़ना और उन्हें कला, चित्रकारी, और स्केचिंग में निपुण बनाना है।

“सरगुजा स्कूल ऑफ आर्ट्स” में बंदियों को उनके रुचि के आधार पर कला के विभिन्न रूपों में प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसे जेल में निरूद्ध अनुभवी बंदियों और बाहरी विशेषज्ञों द्वारा संचालित किया जाएगा। जेल के डीजी श्री हिमांशु गुप्ता ने बताया कि इस प्रयास के माध्यम से जेल विभाग बंदियों को समाज में एक नई पहचान और दिशा देने की कोशिश कर रहा है, जो सरगुजा और जशपुर की महान कला परंपराओं को बढ़ावा देगा।

विशेष यह है कि बंदियों द्वारा बनाई गई उत्कृष्ट कलाकृतियों को “हॉल ऑफ फेम” में प्रदर्शित किया जाएगा और एम्पोरियम में भी रखा जाएगा। यदि कोई कलाकृति बिकती है, तो उसके लाभ का आधा हिस्सा संबंधित बंदी के बैंक खाते में जमा किया जाएगा। रिहाई के समय बंदियों को उनकी बनाई हुई पेंटिंग फ्रेम कर भेंट की जाएगी, जिससे वे इस सकारात्मक यात्रा की यादगार अपने साथ ले जा सकें।
