महासमुंद. टीबी मुक्त भारत के लिए चलाया जा रहा अभियान अब धरातल पर दिखने लगा है. इस अभियान के परिणामस्वरूप महासमुंद जिले की 292 ग्राम पंचायतें टीबी मुक्त हो गई है. इस उपलब्धि के लिए भारत सरकार ने जहां पंचायतों को ‘टीबी मुक्त पंचायत’ का प्रमाण पत्र दिया है, वहीं स्वास्थ्य अमला सहित ग्रामीण भी इस उपलब्धि से खुश हैं.
राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत महासमुंद जिले को 2025 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य था. यह लक्ष्य संयुक्त राष्ट्र संघ के सतत विकास लक्ष्यों (SDG) द्वारा निर्धारित समय सीमा 2030 से पांच वर्ष पहले हासिल करने का है. जिले में जनवरी 2023 से दिसंबर 2023 के बीच जिले के 551 पंचायतों मे से 292 पंचायतों का चयन कर संभावित ग्राम पंचायतों में प्रति हजार जनसंख्या पर 30 लोगों की जांच की गई. टीबी उन्मूलन के इस अभियान में जिले की स्वास्थ्य विभाग, पंचायत प्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संगठनों और ग्रामीणों ने मिलकर मेहनत की है.
साल के अंत तक सौ फीसदी पंचायतें टीबी मुक्त हो जाएगी : CMHO
नियमित जांच, समय पर उपचार और जन जागरूकता अभियानों के माध्यम से टीबी के मामलों की पहचान और उपचार किया गया, जिसका परिणाम रहा कि जिले के 292 ग्राम पंचायते अब टीबी मुक्त हो गई है. इस सफलता पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी का डॉ. पी कुदेशिया का कहना है कि यह प्रक्रिया सतत जारी रहेगी और इस वर्ष के अंत तक जिले की सौ फीसदी पंचायते टीबी मुक्त हो जाएगी.
टीबी मुक्त अभियान में तीसरे नंबर पर है छत्तीसगढ़
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्च 2023 को वाराणसी में आयोजित विश्व टीबी दिवस कार्यक्रम में टीबी मुक्त पंचायत की पहल की थी. इसके अंतर्गत महासमुंद जिले के इन 292 ग्राम पंचायतों ने मान्य संकेतकों का मापन एवं सत्यापन कर टीबी उन्मूलन के लक्ष्यों को प्राप्त किया है. भारत में छत्तीसगढ़ राज्य तीसरे नंबर पर है और छत्तीसगढ़ में महासमुंद जिला टीबी मुक्त अभियान में प्रथम स्थान पर है.