बिलासपुर. प्रदेश में पिछली कांग्रेस की भूपेश सरकार में अपने नाम सिक्का चलाने वाले तंत्र मंत्र साधक के नाम से चर्चित और बड़े कारोबारी के.के श्रीवास्तव पर करोड़ों का फ्रॉड करने का आरोप लगने के बाद वह फरार होकर पुलिस से आंख मिचौली खेल रहे हैं। कारोबारी श्रीवास्तव की तलाश में राजधानी पुलिस की एक टीम शहर पहुंची और उनके घर व अन्य जगहों में उन्हें खोजने अपनी ताकत लगाई लेकिन फ्रॉड के आरोपी श्रीवास्तव पुलिस के हाथ नही लगे और पुलिस को बैरंग लौटना पड़ा।
बीते पांच सालों में राज्य की भूपेश सत्ता में ब्लैक स्मिथ कंपनी के नाम से सुर्खियों में रहे कारोबारी के.के श्रीवास्तव की तलाश में गुरुवार को राजधानी पुलिस की एक टीम ने शहर में दस्तक दी और उनके कुछ ठिकानों पर पहुंची। मिल रही जानकारी के अनुसार तेलीबांधा टीआई विजय बघेल पुलिस टीम को लेकर करोड़ों के फ्रॉड के मामले में आरोपी केके श्रीवास्तव को खोजने शहर पहुंचे थे। रायपु की पुलिस टीम ने जिला पुलिस से सहयोग के लिए एक महिला आरक्षक भी मांगा था। जिसके बाद पूरी तैयारी सेकरोड़ों की ठगी मामले में फरारी काट रहे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी के.के श्रीवास्तव की खोज में रायपुर पुलिस ने बिलासपुर में छापेमारी की टीम ने अज्ञेय नगर स्थित उनके घर पर छापा मारा, लेकिन श्रीवास्तव वहां मौजूद नहीं थे। जिसके बाद पुलिस ने लगभग 30 मिनट तक परिवार के सदस्यों से पूछताछ की और इसके बाद रायपुर गई।मालूम हो कि बीते दो महीनों में रायपुर पुलिस ने कई बार बिलासपुर के विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की, लेकिन अभी तक दोनों का कोई सुराग नहीं मिला है।
एक नजर घटनाक्रम पर.
कारोबारी श्रीवास्तव पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली की एक कंस्ट्रक्शन कंपनी को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत 500 करोड़ रुपये का ठेका दिलाने का झांसा दिया था। इस वादे के बदले रावत एसोसिएट्स के मालिक अर्जुन रावत ने 10 से 17 जुलाई 2023 के बीच 15 करोड़ रुपये श्रीवास्तव को दिए थे।
हालांकि कंपनी को कोई काम नहीं मिला, जिससे ठगी का मामला सामने आया। इसके बाद कंपनी की ओर से तेलीबांधा थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया गया। तब से पुलिस आरोपी श्रीवास्तव और उनकी पत्नी कंचन श्रीवास्तव की तलाश कर रही है।
पूर्व सीएम बघेल के बेहद करीबी माने जाते थे कारोबारी श्रीवास्तव.
जग जाहिर है कि के.के श्रीवास्तव पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेहद करीबी माने जाते हैं। इसी संबंध का फायदा उठाकर धोखाधड़ी करने की बात सामने आ रही है। पिछली सरकार में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का लगातार शहर के उसलापुर स्थित के के श्रीवास्तव के निवास पर आना-जाना लगा रहता था और इसी का फायदा उठाकर के के श्रीवास्तव ने दिल्ली के व्यापारी से लंबी रकम लेकर डील की थी। लेकिन उसे डील को पूरा नहीं करने पर अब उनकी शिकायत हुई है, मामले में इसकी शिकायत तेलीबांधा थाने में हुई है।
कुछ इस तरह से हुई करीबी.
बताया जाता है कि के के श्रीवास्तव पूर्व सीएम बघेल से आध्यात्म के चलते करीब आए। बिलासपुर – रायपुर रोड़ पर स्थित सरगांव में अनुरागी धाम का आश्रम है। अनुरागी धाम में पूजा अर्चना के दौरान ही पूर्व सीएम से उनकी पहचान हुई। आध्यात्म से जुड़े होने के कारण वे धीरे-धीरे करीब आते गए और नजदीकियां बढ़ती ही गई।
पूर्व प्रधानमंत्री बघेल का उसलापुर रहा ठिकाना.
अनुरागी धाम में पूजा अर्चना के बाद उसलापुर स्थित के के श्रीवास्तव के घर में पूर्व सीएम का पूजा पाठ के लिए आना जाना लगा रहता था। महीने में पूर्व सीएम का उसलापुर एक चक्कर हो ही जाता था। श्रीवास्तव का रसूख ऐसा कि पूजा के दौरान पूर्व सीएम के अलावा किसी को एंट्री नहीं मिल पाती थी। बाउंसर खड़े रहते थे। करीबियों को मुलाकात करनी होती थी तो रास्ते में खड़े रहते थे। तब पूर्व सीएम रायपुर से सीधे बिना किसी तामझाम के कभी चकरभाठा एयरपोर्ट से उसलापुर या फिर कभी सीधे सीएम हाउस से सड़क मार्ग होते उसलापुर। उनकी तरफ से भी हिदायत रहती थी कि पूजा के दौरान उसलापुर कोई ना आए।
भूपेश बघेल से नजदीकियों का लाभ फिर शुरू किया ब्लैक स्मिथ कंपनी का कारोबार.
पूर्व सीएम से नजदीकी का लाभ उठाते हुए करोड़ों की ठगी के मामले में फरार केके श्रीवास्तव ने ब्लैक स्मिथ कंपनी बनाई। इसके जरिए फ्लाई एश के धंधे में उरते फिर कोरबा से लेकर रायगढ़ और सीपत एनटीपीसी पावर प्लांट से निकलने वाले फ्लाई एश के परिवहन में एकाधिकार कर लिया। उस दौर में चर्चा भी इस बात की खूब रही कि कोरबा जिले में उनकी राजनीतिक और प्रशासनिक हस्तक्षेप भी खूब हुआ करती थी।
आरोपी श्रीवास्तव का नौकरी से लेकर कारोबारी बनने तक का सफर.
श्रीवास्तव मूलत: चिरमिरी के रहने वाले हैं। वर्ष 1994-95 में रतनपुर साडा के सीईओ के पद पर काम किया। नौकरी छोड़ने के बाद वे कोरबा के एक औद्योगिक घराने से जुड़े, आज तक उनके लिए काम करते आ रहे हैं। कांग्रेस शासनकाल में नहर निर्माण से लेकर सड़क का ठेका भी लेते रहे हैं। जल संसाधन विभाग ने उनके रिश्तेदार ऊंचे ओहदे पर काम कर रहे थे। पूर्व सीएम से सीधे ताल्लुकात और रिश्तेदार के जल संसाधन विभाग में महत्वपूर्ण पदों पर होने का भी भरपूर फायदा उन्हें मिला।
अपडेट.
‘OMG’ पड़ताल: कंचन पत्नी नही पुत्र का नाम.
कारोबारी के के श्रीवास्तव पर करोड़ो की ठगी के मामले में लगें गंभीर आरोप के बाद मिडिया में लगातार कंचन श्रीवास्तव को उनकी धर्मपत्नी बताया जा रहा है। ‘OMG NEWS’ में ‘चर्चित ब्लैक स्मिथ कंपनी के कारोबारी श्रीवास्तव दंपत्ति की तलाश में राजधानी पुलिस पहुंची शहर, करोड़ों की ठगी के मामले में फरार आरोपी नही मिले तो बैरंग लौटी टीम,की खबर अपडेट होने के बाद पता चला कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। जब इसकी पड़ताल ‘OMG NEWS’ ने कि तो पता चला कि कंचन श्रीवास्तव के के श्रीवास्तव के सुपुत्र का नाम है जिसकी भी तलाश रायपुर पुलिस कर रही है।