वीडियो-फूड पॉइजनिंग से बच्ची की मौत सरकार की लचर व्यवस्था का प्रतीक,पक्ष- विपक्ष को आम आदमी पार्टी ने शून्य करार दे खुद को बताया विपक्ष की भूमिका में,पीड़ित परिवार के लिए दस लाख मुआवजे की मांग.

बिलासपुर. छतीसगढ़ के बिलासपुर जिले में बीते दिनों फूड पॉइजनिंग से हुई एक बच्ची की मौत और कई मासूमो के बीमार होने के मामले को आम आदमी पार्टी ने पकड़ लिया है। इसी बहाने आप पार्टी ने राज्य सरकार पर लचर स्वास्थ्य व्यवस्था का आरोप लगा, पक्ष और विपक्ष दोनों पर घोर लापरवाही का आरोप लगाया है। वही इसे अनदेखी करार दे आम आदमी पार्टी ने खुद को प्रदेश में विपक्ष की भूमिका अदा करने का दावा कर मृतक बच्ची के परिजनों को दस लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की है

बिल्हा के देवकिरारी में फूड पाइजिंग से एक बच्ची की मौत हो गई थी।इस मामले में पत्रकारों से चर्चा के दौरान आम आदमी पार्टी के पदाधिकारियों ने कहा कि सरकार इस मामले में पूरी इमानदारी के साथ रिपोर्ट प्रस्तुत कर मृत बच्ची के परिजनों को तत्काल प्रभाव से 10 लाख रूपये मुआवजा राशि दे। ऐसी घटना दोबारा नहीं होनी चाहिए इसके लिये स्वास्थ्य और खाद्य विभाग को सख्त निर्देशित किया जाये। बिल्हा विधानसभा क्षेत्र के हथनी, देवकिरारी, अमेरीकापा में बनाये गये सरकारी अस्पताल बंद पड़ा हुआ है। 50 बिस्तर के बिल्हा सरकारी अस्पताल केवल नाम मात्र के लिये खोला गया है। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक छट्ठी और शादी कार्यक्रमों में शामिल जाते हैं किंतु एक बार भी अपने क्षेत्र के जर्जर व बंद पड़े अस्पतालों का उन्होंने कभी निरीक्षण नहीं किया।

मुख्यमंत्री कौन बनेगा, सरकार में कौन बना रहेगा। इसके अलावा उनके पास जनहित को लेकर कोई मुद्दा नहीं है। आम आदमी पार्टी हालांकि सत्ता में नहीं है इसके बाद भी जनसुविधा और स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर सड़क पर उतर का विपक्ष की भूमिका निभा रही है।

प्रेस क्लब में पत्रकारों से चर्चा करते हुए आम आदमी पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता प्रियंका शुक्ला, प्रदेश कोषाध्यक्ष सरदार जसबीर सिंह, जिला अध्यक्ष सलीम काजी व रवि शुक्ला ने संयुक्त रूप से बयान देते हुए कहा कि बीते 6 जून को बिल्हा क्षेत्र के ग्राम देवकिरारी में 59 लोग फूड पाइजनिंग के शिकार हो गए। इनमें से 9 वर्षीय बच्ची मीनाक्षी पिता चंद्रप्रकाश कोशले की मौत हो चुकी है। घटना की सूचना पाकर आम आदमी पार्टी के नेता जब बिल्हा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचे तो वहां अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ था। यहां चार बच्चों की नाजुक स्थिति को देखते बिलासपुर रिफर किया गया।

सिम्स में उपचार के दौरान एक बच्ची की मौत हो गई। इधर बिल्हा अस्पताल में मात्र एक डॉक्टर उपलब्ध था। अस्पताल में चारो ओर गंदगी पसरा हुआ था, शौचालय की स्थिति देखने लायक नहीं थी। आम आदमी पार्टी ने जी जानकर लगाकर देर रात तक डॉक्टरों से निवेदन कर मोर्चा संभाला इसके बाद भी एक बच्ची की सिम्स में मौत हो गई। सिम्स अस्पताल में भी मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है। पूरे राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था बिगड़ी हुई है। आम गरीब जनता के पैसों का भूपेश सरकार दुरूपयोग कर रही है। गरीबों के लिये बनाये गये अस्पताल बंद पड़े हुए हैं, राज्य सरकार बंद अस्पताल के डॉक्टरों को वेतन देकर सरकारी पैस का बंदरबांट कर रही है।

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