बिलासपुर. बुधवार को शहर की जीवनदायिनी अरपा का नजारा कुछ लगी दिखा चारों ओर लबालब पानी भरा देख शहर वासियों की खुशी का ठिकाना नहीं था कुछ ने कहा कि गौरेला पेंड्रा की ओर भारी बारिश हुई है। जिसकी वजह से अरपा नदी अपने पूरे शबाब पर है लेकिन ऐसा नहीं था बाद में पता चला कि अरपा नदी के बराज गेट को बंद कर दिया गया था। जिसके कारण नदी में पानी दिख जो दुर्गा समितियों के विसर्जन की तैयारी के साथ एक ट्रायल था।
अरपा नदी में निर्माणाधीन बराज का गेट बंद कर दिया गया है। दुर्गा विसर्जन के लिए यहां पानी भरा जा रहा है। बुधवार सुबह 8 बजे तक बराज में लगभग पांच फिट पानी भर गया था।
विधायक पांडेय ने देखा नजारा.
इधर अरपा नदी का निरीक्षण करने पहुंचे शहर विधायक शैलेश पांडेय ने कहा शहर के लोग सालों से जो सपना देख रहे थे वह आज पूरा हो रहा है। जबकि भाजपा के नेता शहर वालों को टेम्स नदी का सपना दिखाते रहे। पहली बार अरपा नदी में भरपूर पानी के बीच दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन किया गया।
शहर वासियों में खुशी.
सालों से शहर के लोग अरपा में बारहों महीना पानी भरा हुआ देखना चाहते थे वह जल्द ही पूरा होने वाला है। अरपा नदी में शिवघाट और पचरी घाट में बन रहा बराज लगभग पूर्णता की ओर है। पचरी घाट के बराज में सभी गेट लग गए है यही कारण है की प्रशासन ने यहां दुर्गा विसर्जन के लिए पानी रोकने का निर्णय लिया। बुधवार को सिंचाई विभाग ने बराज के सभी गेट बंद कर दिए। इसके बाद बराज में पानी भरना शुरु हो गया और सुबह होते तक बराज में लगभग पांच फिट पानी भर गया। अरपा नदी ने रपटा के पीछे तक पानी भर गया। अब गुरुवार को शहर भर की समितियां दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन बराज में ही किया।
बिलासपुर वासियों का सपना हुआ पूरा.विधायक.
शहर विधायक शैलेश पांडेय ने कहा कि शहर के लोग सालों से सपना देख रहे थे की अरपा नदी में साल भर पानी भरा रहे। अब वह सपना पूरा होने जा रहा है। नदी में बराज बनाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सौ करोड़ रुपए दिए थे। सिंचाई मंत्री रविन्द्र चौबे ने भी इस प्रोजेक्ट को प्राथमिकता दी और नतीजा ये है की आज पचरीघाट में बराज बनकर तैयार है। मां दुर्गा की प्रतिमा को विसर्जन करने के लिए पानी भी भर दिया गया है। एक समय था नदी में पानी नहीं होता था, प्रतिमा विसर्जन का संकट था। भाजपा की सरकार और उनके मंत्री अमर अग्रवाल शहर के लोगों को कभी टेम्स का सपना दिखाते थे तो कभी साबरमती का सपना दिखाते थे। लेकिन काम कुछ नही हुआ। हमने पांच साल में ही अरपा नदी को बारहमासी बहने वाली नदी में बदल दिया। काम पूरा होने के बाद सालभर पानी रहेगा।