बिलासपुर. सेंट्रल जेल में भोजन की मात्रा इतनी कम और घटिया दी जाती है कि कैदियों में कुपोषण के मामले सामने आ रहे हैं। लेकिन इसका खुलासा तब होगा जब इसकी जांच जेल के बाहर कराई जाएगी। ‘OMG NEWS NETWORK’ की पड़ताल में नाम ना छापने की शर्त पर कैदी ने यह दावा किया है कि खुराक घोटाला कर कैदियों को मारने का सिलसिला कई सालों से चल रहा है।
सेंट्रल जेल के अफसरी गिरोह का अत्याचार इतना ज्यादा है कि इसकी गाथा सुन हर कोई जेल प्रबंधन को कोसने लगेगा, जेल की चारदीवारियों में अपना काला राज चला कर तोड़ी -बोड़ी करने में मस्त इनकी कारगुजारियों की एक और सच्चाई सामने आई है। ‘OMG NEWS NETWORK’ से पहचान छुपाने की शर्त पर एक कैदी ने दावा किया कि जेल के अधिकतम कैदी कुपोषण का शिकार हो चुके है। खासकर इनमें आम कैदियों की तादात ज्यादा है। जेल में खाने की क्वालिटी इतनी घटिया परोसी जाती है। जिससे कैदियों में खून बनना कम हो गया है। पानी से भरी दाल, कच्ची रोटी और चावल के कौर का कोई माईबाप नही है। सब कुछ जेल अधीक्षक एस एस तिग्गा और जेलर आर आर राय के इशारो पर चलता है। कैदी का आरोप है कि जेल के डॉक्टर्स और लैब टेक्नीशियन इस मिली भगत में बखूबी शामिल है।
जेल के भीतर लैब में जो रिपोर्ट तैयार की जाती है उसमें किसी भी कैदी के शरीर मे कोई कमी नही नजर आती (कुल मिलाकर फर्जी रिपोर्ट) जेल के अफसरी गिरोह के द्वारा पैसे और तमाम सुविधाओं को लेकर एक तो भरसक पिटाई की जाती है ऊपर से खाने का स्तर भी ऐसा की जानवर भी सूंघ कर छोड़ दे। ऐसे में कैदियों की मौत का जिम्मेदारी कैदी ने जेल प्रबंधन के सिर पर फोड़ा है।
जेल में कैंप की जरूरत.
कैदी ने ‘OMG NEWS’ से कहा कि सेंट्रल जेल में बाहर से मेडिकल टीम बुलाकर कैदियों के जांच की आवश्यकता है। जिसके बाद सब कुछ साफ हो जाएगा, लेकिन इस कैंप में जेल प्रबंधन और उनके डॉक्टर व टीम कोई शामिल नही होना चाहिए, कैदी ने सरकार और जिला प्रशासन से गुहार लगाई है कि एक बार जेल में बिना साठगांठ के कैंप लगाए ताकि कैदियों की जान से हो रहे खिलवाड़ का सिलसिला बंद हो सके।
डॉक्टरों की टीम पर आरोप.
कैदी ने खुलासा किया कि जेल हॉस्पिटल का कामकाज डॉक्टर चंद्राकर,लैब टेक्नीशियन श्रीमती चंद्रा शर्मा और महिला सेल के लिए डॉक्टर श्रद्धा दास की देखरेख में चलता है। इन तीनो की डोर जेल अधीक्षक तिग्गा और जेलर राय के हाथों में है जैसे अफसर कहते हैं वैसा डॉक्टरों की टीम करती है। आरोप है कि कैदियों के शरीर में खून की कमी का सारा लेखा जोखा इनके पास ही रहता है। कुपोषण का शिकार हो रहे कैदियों की फर्जी रिपोर्ट जेल के लैब में बनाई जाती है। जिसकी अगर बाहर जांच करवा ली जाए तो जेल के अफसरी गिरोह के अत्याचार का सच सामने आ जाएगा।
खतरे का संकेत डॉक्टर.
इस बारे में ‘OMG NEWS’ को डॉक्टरों ने चर्चा के दौरान बताया कि महिला एवं पुरुषों में 12.5 से अधिक शरीर में हीमोग्लोबिन होना चाहिए। अगर इससे कम खून होगा तो एनेमिया की शिकायत आती है। डॉक्टरों ने माना कि अगर दोनों टाइम के खानपान में बेहतर डाइट नहीं दी जाती है शरीर मे आयरन की कमी होगी। जिससे हीमोग्लोबिन की कमी आएगी और व्यक्ति कुपोषण का शिकार होगा जो खतरे का संकेत है।