कांग्रेस के तीन पार्षदों ने दिया इस्तीफा, MIC सदस्य भी भाजपा के संपर्क में, शहर सरकार बचाने में जुटी कांग्रेस, पार्षदों को गोवा ले जाने की तैयारी

दुर्ग. जिले की राजनीति में एक बार फिर खलबली मच गई है. कांग्रेस की सत्ता जाने के बाद पार्टी में गुटबाजी और असंतोष बढ़ता जा रहा है. अपने ही नेताओं से असंतुष्ट होकर कांग्रेस से इस्तीफा देने का दौर भी शुरू हो चुका है. भिलाई नगर निगम के तीन कांग्रेसी पार्षदों ने तीन दिन पहले ही पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने जिलाध्यक्ष मुकेश चंद्राकर को अपना इस्तीफा सौंपा है. वहीं एक एमआईसी सदस्य मीरा बंजारे ने भी अपना फोन स्विच ऑफ कर कांग्रेस नेताओं का फोन उठाना बंद कर दिया है. ऐसे में कांग्रेस अपने पार्षदों की बाड़ेबंदी करने के लिए सभी पार्षदों को गोवा ले जाने की तैयारी कर रही है.

भिलाई नगर निगम चुनाव को अभी ढाई साल बचे हैं, लेकिन कांग्रेस की शहर सरकार पर अभी से संकट के बादल मंडराने लगे हैं. अब भिलाई नगर निगम के इन बागी पार्षदों में वार्ड 3 के दो बार के पार्षद हरिओम तिवारी, वार्ड 6 के पार्षद रवि कुर्रे और वार्ड 9 की पार्षद रानू साहू ने महापौर नीरज पाल के बंगले में जाकर कांग्रेस के भिलाई जिलाध्यक्ष मुकेश चंद्राकर को पार्टी से इस्तीफा सौंप दिया है. इतना ही नहीं एक एमआईसी सदस्य मीरा बंजारे ने भी कांग्रेस नेताओं के फोन से परेशान होकर अपना फोन स्विच ऑफ कर गुप्त वास में चली गई है.

कांग्रेस के कई पार्षद भाजपा के संपर्क में : नेता प्रतिपक्ष

वहीं भाजपा नेता कांग्रेस में मची सियासी खलबली पर चुटकी ली रहे हैं. भाजपा पार्षद और निगम के नेता प्रतिपक्ष भोजराज सिन्हा ने कहा, कांग्रेस विधायक और महापौर की गुटबाजी के चलते कांग्रेस पार्षद परेशान हैं. अभी और भी पार्षद पार्टी छोड़ने वाले हैं, क्योंकि वे पार्षद स्वयं को ठगा महसूस कर रहे हैं. वहीं बाकी पार्षदों को गोवा ले जाकर पता नहीं क्या कराना चाहते हैं.

27 को गोवा टूर पर जा रहे सभी कांग्रेस पार्षद

विधायक देवेंद्र यादव और महापौर नीरज पाल ने पार्षदों को मनाने की कोशिश की, लेकिन कांग्रेस के नेता अब भी इस बात को स्वीकार करने से बच रहे हैं, क्योंकि इन तीनों पार्षद ने पूर्णतः पार्टी छोड़ने का मन बना लिया है. वहीं कांग्रेस अपने नेताओं की बाड़ेबंदी करने गोवा ले जाने की तैयारी कर ली है. 27 अगस्त को सभी कांग्रेस पार्षद गोवा टूर पर जा रहे हैं. पार्टी में खलबली की जानकारी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज और पूर्व सीएम भूपेश बघेल को भी दी गई है. तीनों पार्षदों ने उनके वार्ड में विकास कार्य ना होने और निगम में उपेक्षित होने का आरोप लगाया है.

पार्षदों की नाराजगी दूर कर ली गई है : कांग्रेस जिलाध्यक्ष

पार्षदों का कहना है कि भिलाई निगम को सबसे अधिक राजस्व वैशाली नगर से मिलता है, लेकिन विकास कार्यों में खर्च टाउनशिप में किया जाता है. टाउनशिप में बीएसपी सफाई कराती है, लेकिन सफाई विभाग के प्रभारी (एमआईसी) टाउनशिप में रहने वाले लक्ष्मीपति राजू को बनाया गया है. उनका कहना है कि लक्ष्मीपति राजू ने पिछले ढाई सालों में एक भी बार वैशाली नगर की गंदगी का जायजा नहीं लिया. वहीं जिलाध्यक्ष मुकेश चन्द्राकर का कहना है कि पार्षदों की नाराजगी दूर कर ली गई है. उन्होंने गोवा जाने के मामले में कहा कि हर साल सभी पार्षदों के साथ टूर पर जाते हैं. बाड़ेबंदी जैसी कोई बात नहीं है.

जानिए भिलाई निगम का समीकरण

वर्तमान में भिलाई निगम की दलीय समीकरण की बात करें तो 70 वार्ड वाले निगम में 68 पार्षद हैं. कांग्रेस के दो पार्षदों की सदस्यता फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में समाप्त हो चुकी है. इसके बाद निगम में कांग्रेस के 40, भाजपा के 26 और 2 निर्दलीय पार्षद हैं. वहीं अब 4 पार्षदों ने पार्टी से दूरी बनाने का मन बना लिया है. अगर इन सभी नाराज पार्षदों ने भाजपा जॉइन की तो ऐसे में भाजपा (विपक्ष) के 30 और कांग्रेस (शहर सरकार) के पास 36 पार्षद व निर्दलीय 2 पार्षद होंगे. भाजपा जिलाध्यक्ष महेश वर्मा ने कहा कि पूर्व सरकार में किए गए भ्रष्टाचार को लेकर यह घमासान मचा है. अपने परिवार को ही कांग्रेस संभाल नहीं पा रही है. कांग्रेस के 15 पार्षद उनके सम्पर्क में है. अगर वे आवेदन करते हैं तो उनके गुण दोष के आधार पर पार्टी फैसला करेगी.

You May Also Like

error: Content is protected !!