बिलासपुर. धरना प्रदर्शन आंदोलन को लेकर प्रदेश सरकार द्वारा जारी आदेश को लेकर बीजेपी हमलावर मूड में आ गई है। विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने बीजेपी नेताओं के साथ प्रेस कांफ़्रेस कर प्रदेश सरकार के इस आदेश को दमनकारी बताया और 16 मई को कलेक्ट्रेट के सामने प्रदर्शन की बात कही है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा श्रमजीवियों ने परिश्रम किया आंदोलन किए जिसकी वजह से आजादी मिली। प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने लोकतंत्र को कुचलने जैसा आदेश जारी किया है। राजनीतिक, धार्मिक, सामाजिक और आंदोलनों के लिए अंकुश लगाने का काम किया जा रहा है। छग सरकार द्वारा तुगलकी फरमान जारी किया गया है। एक बार इसी कांग्रेस की सरकार ने देश मे आपातकाल लगाया गया था, अब भूपेश सरकार मिनी आपातकाल लाया है।
उन्होने आगे कहा, कि कांग्रेसियों ने सरकार में आने से पहले लोक लुभावन वादे किए, अब साढ़े तीन साल बीत गए, अब वादा खिलाफी कर रहे हैं। मितानिन, मनरेगाकर्मियों, बिजली संविदाकर्मी, किसान समेत कई वर्ग अपनी मांगों को लेकर रायपुर से लेकर बस्तर तक और रायपुर से अम्बिकापुर तक लोग हलाकान है, और लोग सरकार बदलने की बात कह रहे हैं। भूपेश सरकार ने जनता का विश्वास खो दिया है। हर वर्ग के लोग परेशान हैं, लोगों की खिलाफत के कारण भूपेश सरकार डरी हुई है।
आयोजन को लेकर सरकार ने जो पॉइंट्स दिए हैं, उसे कोई भी पूरा नहीं कर पाएगा, धरना प्रदर्शन आंदोलन को लेकर कार्रवाई की जा सकेगी, ऐसा नियम बनाया गया है। दमनात्मक नीति बनाई गई है। नेता प्रतिपक्ष ने कांग्रेसियों से सवाल पूछा, कि 15 साल में कांग्रेसियों ने कितने आंदोलन किए, कितना अनुमति लिया। यह आदेश अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दबाने का प्रयास है, संविधान में प्रदत्त अधिकारों का दमन करने की कोशिश है। उन्होंने कहा, वे भूपेश सरकार से मांग कर रहे है, कि ये जो काला कानून है, उसे वापस लें, नहीं तो 16 मई को भाजपा बड़ा प्रदर्शन करेगी। यदि हमें जेल भेजा जाएगा, तो हमें मंजूर है। कर्मचारी, सामाजिक संगठन समेत सबको जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। छग के लोगों के साथ ये अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 16 को प्रदर्शन होगा, उसकी कोई अनुमति नहीं ली जाएगी। यदि 16 को प्रदर्शन के बाद भी आदेश वापस नहीं हुआ तो आगे भी आंदोलन होगा।