वीडियो-सूरजपुर थप्पड़ कांड:पीड़ित युवक का बयान दर्ज,बढ़ सकती है आईएएस शर्मा की मुश्किलें, एफआईआर को लेकर एडवोकेट शर्मा कहते हैं की..

बिलासपुर.सूरजपुर के तत्कालीन कलेक्टर के द्वारा युवक को थप्पड़ मारने की गूंज अभी खत्म नही हुई है भले ही सरकार ने आईएएस शर्मा को मंत्रालय में अटैच कर दिया है। लेकिन उनकी इस हरकत से अभी भी सरकार द्वारा की गई कार्रवाई को लेकर जनता जनार्दन संतुष्ट नजर नहीं आ रही है इस मामले में एफआईआर को लेकर हाईकोर्ट के अधिवक्ता का कहना है कि..

त्रिपुरा के बाद छत्तीसगढ़ के सूरजपुर में एक जैसी घटना हुई जिनमें सरकार के सबसे बड़े शासकीय अधिकारी यानी की डीएम ने खुद कानून अपने हाथ में लिया। दोनों ही मामलों में दोनों सरकारों ने एक्शन भी लिया। एक तरफ जहां त्रिपुरा के डीएम को सस्पेंड कर दिया गया वहीं दूसरी तरफ सूरजपुर के कलेक्टर रणबीर शर्मा के ऊपर भी कार्रवाई करते हुए राज्य सरकार ने उन्हें पद से हटाते हुए मंत्रालय में अटैच कर दिया।

(अधिवक्ता रोहित शर्मा)

सूरजपुर कमिश्नर के सामने पूर्व सूरजपुर के कलेक्टर ने जिस लड़के पर थप्पड़ बरसाया था उस पीड़ित का आधे घंटे तक बयान भी दर्ज किया गया जिसके बाद अब उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले समय में कलेक्टर रणबीर की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। ऐसे मामलों में सरकार कि जहां एक तरफ अपनी कार्रवाई चल रही है वहीं अगर बात करें आम नागरिक की तो उसके पास क्या ऑप्शन बचते हैं ऐसी स्थिति में जब सरकार का सबसे बड़ा अधिकारी ही खुद सड़कों पर उतर कर कानून हाथ में लेने लगे। कानून के जानकारों की माने तो ऐसे मामलों में आम नागरिक के पास कुछ ऐसे अधिकार हैं जिनका वह इस्तेमाल कर सकता है। ऐसे मामलों में सीआरपीसी की धारा 154 के तहत संबंधित थाने में एफ आई आर दर्ज कराई जा सकती है, या फिर अगर थाने में रिपोर्ट दर्ज करने से इंकार कर दिया जाता है तो धारा 154 के सब क्लॉज 3 के अंतर्गत जिले के पुलिस अधीक्षक को पोस्टल सर्विस के जरिए शिकायत भेजी जा सकती है, जिसे एफ आई आर के रूप में स्वीकार किया जाएगा। वही दोनों ही मामलों में अगर शिकायत दर्ज नहीं होती है तब जुडिशल मैजिस्ट्रेट के सामने सीआरपीसी की धारा 200 का इस्तेमाल करते हुए आप अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।जिसके बाद कानून ऐसे मामलो में अपनी कार्यवाई करेगा।

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