ज्योतिष के अनुसार, हमारी हथेली पर कई महत्वपूर्ण उभार होते हैं, जिन्हें हस्तरेखा विज्ञान में पर्वत कहा जाता है। इन पर्वतों का महत्व क्या है और ये हमारे जीवन पर कैसे प्रभाव डालते हैं, आइए जानते हैं।
गुरु पर्वत: हस्तरेखा ज्योतिष के अनुसार, इस पर्वत से व्यक्ति की महत्वाकांक्षा, नेतृत्व क्षमता और भाग्य संबंधी बातें मालूम की जा सकती है,यदि गुरु पर्वत पर खड़ी रेखाएं होती हैं तो ये शुभ फल देती है,इन रेखाओं के कारण व्यक्ति अच्छा प्रबंधक भी बन सकता है,इस पर्वत पे क्रॉस का चिन्ह प्रेम संबंधों और विवाह को खुशहाल बनाता है।
हस्त रेखा ने पर्वतो का खास महत्व होता है, गुरु शनि सूर्य बुध शुक्र चंद्र मंगल पर्वत आदि.
शनि पर्वत: शनि पर्वत का उभरा होना व्यक्ति की सफलता में वृद्धि करता है,हस्तरेखा शास्त्र कहता है कि शनि पर्वत पर बनने वाले सारे निशान या चिह्न अशुभ ही नहीं होते। कुछ चिह्न लाभ भी दिलाते हैं। कहा जाता है कि अगर किसी की शनि उंगली सीधी समान और बाकी उंगलियों से लंबी हो तो यह भाग्यशाली होने का संकेत होता है,मान्यता है कि ऐसी उंगली वाले लोगों को कला के क्षेत्र में अपार सफलता मिलती है।
सूर्य पर्वत :अनामिका उंगली के मूल में तथा हृदय रेखा के ऊपर का भाग सूर्य पर्वत कहलाता है। यदि सूर्य पर्वत विकसित है तो सफलता का सूचक होता है। हाथ में सूर्य पर्वत का न होना व्यक्ति के लिए साधारण स्थिति व उपेक्षित जीवन का परिचय होता है।
सूर्य पर्वत यदि पूर्णरूपेण उन्नत, विकसित तथा आभायुक्त हो तो ऐसा लोग उच्च स्थान पर पहुँचने वाला होता है। ऐसा व्यक्ति हँसमुख तथा मित्रों में घुल-मिलकर चलने वाला होता है। ऐसे जातक विख्यात होकर जनसाधारण में लोकप्रिय होते हैं। ये व्यक्ति सफल कलाकार, श्रेष्ठ संगीतज्ञ, यशस्वी चित्रकार भी होते हैं। इनमें प्रतिभा जन्मजात होती है। व्यावहारिक दृष्टि से ये ईमानदार तथा वैभवशाली जीवन जीने के इच्छुक होते हैं। ऐसे लोग सफल व्यापारी एवं उत्तम आय वाले होते हैं। सूर्य रेखा को यश रेखा भी कहा जाता है।
बुध पर्वत: सबसे छोटी उंगली के नीचे बुध पर्वत बना होता है। हस्तरेखा ज्योतिष विद्या के अनुसार इस पर्वत से व्यक्ति की बौद्धिक क्षमता और व्यक्ति के मान-सम्मान के बारे में पता चलता है।
शुक्र पर्वत: हथेली में अंगूठे के नीचे वाले भाग को शुक्र पर्वत कहते हैं। इस पर्वत से व्यक्ति की भावनाएं, प्रेम, जीवनसाथी और सुख-सुविधा के बारे में जानकारी मिलती है। शुक्र पर्वत व्यक्ति की जीवन शैली और वैभवता भी बताती है,अति विकसित शुक्र पर्वत विपरीत लिंग के प्रति अति आकर्षित करती है.
जिन लोगों की हथेली में बुध पर्वत पर खड़ी रेखाएं होती हैं, उन्हें घर-परिवार और समाज में मान-सम्मान मिलता है। इन्हें कई उपलब्धियां हासिल होती हैं। इनका दिमाग बहुत sharp होता है।
2. अगर इस पर्वत पर रेखाओं की जाली हो तो ये अशुभ चिह्न होता है। इसकी वजह से बुद्धि संबंधी कामों में बाधाएं आती हैं।
3. बुध पर्वत उभरा हो तो व्यक्ति का मानसिक स्तर काफी ऊंचा होता है। अपनी बोलने शैली से दूसरों को प्रभावित कर लेते हैं।अधिकार सफल व्यापारियों का बुध पर्वत विकसित और उभरा होता है।
इस पर्वत के उभार और रेखाओं से हम व्यक्ति के आकर्षक, प्रभावी और संपन्नत जान सकते है ।विकसित शुक्र पर्वत वाला व्यक्ति आकर्षित होता है । यह कोई सेलिब्रिटी हो सकता है। भौतिक वस्तुओं की इसे कोई कमी नहीं होती।
चंद्र पर्वत:चंद्र पर्वत व्यक्ति की कल्पना शक्ति को दर्शाता है। चंद्र पर्वत हथेली में मस्तिष्क रेखा से नीचे का भाग होता है।
इस ग्रह को सुन्दरता और भाँवना का ग्रह कहा जाता है ।
जिन जातकों के हाथों में चंद्र पर्वत विकसित होता है वे जातक भावुक , कल्पनात्म , रशिक होते है।
ये जातक प्रकर्ति प्रिय सौन्दर्य प्रिय होते है ये जातक इंसानी दुनिया से हट कर सपनो की दुनिया में विचरण करना पसन्द करते है। इनकी दुनिया में सपनो की कोई कमी नही होती इनके पास सपनो की दुनिया इतनी बड़ी होती है की ये लोग उस ही दुनिया में खोए रहते है। ये जातक जीवन में कठनाइयों को ज्यादा झेल नही पाते थोड़े समय में ही विचलित हो जाते है,कला के क्षेत्र में यह सफल होते है।
इस पर्वत से आकस्मिक दुर्घटनाओं को भी जान सकते हैं. यह पर्वत व्यक्ति के स्वभाव और सोच को भी बताता है.
इसकी उन्नत स्थिति व्यक्ति को सुंदर और आकर्षक व्यक्तित्व का धनी बनाती है। क्रोधी स्वभाव के बावजूद ये लोग देश और समाज के काम आते हैं और हथेली में कमजोर स्थिति में मंगल पति-पत्नी के संबंधों में दरार का कारक बनता है।
मंगल पर्वत:मंगल पर्वत का विकसित होना जातक के उत्साह एवं उमंग का प्रतीक होता है और इससे जातक के लगनशील होने का पता चलता है। साथ ही नीचे के मंगल का शुक्र के बराबर उन्नत होना जीवन में समृद्धि देता है।