साल के अंतिम चंद्र ग्रहण में क्या करें क्या नही, सूतक काल और राशियों पर प्रभाव.

पंडित अनिल पाण्डेय.

🔶खण्डग्रास चन्द्रग्रहण🔶

दिनांक 28 अक्टूबर 2023 दिन शनिवार अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि है, यथा जब सूर्यदेव तुला राशि में 11 अंश 6 कला 47 विकला के होकर तथा स्वाति नक्षत्र के दूसरे चरण में है, चन्द्रमा मेष राशि के होकर रेवती नक्षत्र में 13 अंश 4 कला 55 विकला के रहेंगे तब भारत के मानक समयानुसार बिलासपुर के स्थानीय समय से मध्यरात्री 01:05 बजे से चन्द्रग्रहण प्रारंभ होगा जो रात्रि के 02:24 बजे समाप्त होगा! यह चन्द्रग्रहण रात्रि के समय लगेगा! इस चन्द्रग्रहण में चन्द्रमा पूरी तरह से ग्रसित नही होंगे केवल चन्द्रमा का दक्षिणी हिस्सा थोड़ा सा ही ग्रसित होगा !

🔴 यह चन्द्रग्रहण और उसके सुतक-पातक की शुरुआत आज दिनांक 28 अक्टूबर 2023 को ही सायं 16 बजकर 05 मिनट से ही प्रारंभ हो जायेगा! सूतक काल में भोजन बनाना और भोजन करना निषेध माना जाता है! परन्तु रोगी, आसक्त, असमर्थ, अबोध बालकों के लिये प्रतिबंधित नही है! इसके अलावा ग्रहण काल में शयन करना, मैथून करना, बाल संवारना, नया वस्त्र धारण करना, मंदिर में प्रवेश करना आदि भी निषेध माना गया है! ऐसा करने पर नकारात्मक प्रभाव जीवन पर पड़ता है!

🛑 सूतक परिहार :- जिन महिलाओं के गर्भ में शिशु पल रहा हो अर्थात जो महिला गर्भवती हो उन्हें चाकू आदि से फल नही काटना चाहिए और ना ही धारदार अस्त्र शस्त्र चाकू, कृपाड़ आदि का स्पर्श करना चाहिए, ना ही उन्हे कैची आदि से कोई वस्त्र आदि काटना और सिलाई आदि करना चाहिए! गर्भवती महिलाओं को अपने पेट पर गाय के गोबर का टीका या गेरू का लेप अपने आंचल पर करके पेट को ढ़ककर रखना चाहिए!
ग्रहण काल में सभी गर्भवती महिलाओं को भगवान का स्मरण, मंत्रजाप, धर्मशास्त्रों का श्रवण, भगवान की आराधना आदि करना चाहिए, जिसका बहुत ही शुभ प्रभाव बच्चे पर पड़ता है!

🌘 यह चन्द्रग्रहण भारत के साथ साथ श्रीलंका, नेपाल, चीन, थाईलैंड, मलेशिया, इण्डोनेशिया, आस्ट्रेलिया, जापान, कोरिया, ब्राजील के पूर्वी हिस्से, पाकिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, रूस, अफगानिस्तान, मंगोलिया, कजाकिस्तान, ईरान, इराक, सउदी अरब, सूडान, नाईजीरिया, अल्जीरिया, दक्षिण अफ्रीका, जर्मनी, पोलैंड, यूक्रेन, फ्रांस, इटली, स्पेन, ब्रिटेन, नार्वे, स्वीडन, यूरोप के सभी देशों में देखा जा सकेगा!

♦️चन्द्रग्रहण के समय सभी ग्रहों का स्थान.

सूर्य – तुला राशि में,
चन्द्र – मेष राशि में,
मंगल – तुला राशि में,
बुध – तुला राशि में,
गुरू – मेष राशि में,
शुक्र – सिंह राशि में,
शनि – तुला राशि में,
राहु – मेष राशि में, तथा
केतु – तुला राशि में होंगे!

☀️ राशियों पर ग्रहण का प्रभाव.

▪️मेष :- चुंकि मेष राशि के चन्द्रमा पर ही यह ग्रहण लग रहा है अत: मेष राशि के लोगों के लिए यह ग्रहण अशुभ, कष्टप्रद तथा दुखद रहेगा!

▪️वृषभ :- राशि के लोगों के लिये ना तो लाभकारी रहेगा और ना ही दुखद!

▪️मिथुन :- मिथुन राशि वाले लोगों के लिए यह ग्रहण शुभफलदायी भी रहेगा और समय साकारात्मक परिवर्तन भी लायेगा!

▪️कर्क :- चुँकि कर्क राशि के स्वामी चन्द्रमा है और चन्द्रमा को ही ग्रहण लग रहा है अत: उनकी अवस्था विकल ग्रह की होगी इस लिये कर्क राशि के लोगों के लिए यह ग्रहण अच्छा नही रहेगा!

▪️सिंह :- सिंह राशि के लोगों के लिए यह ग्रहण लाभकारी और शुभ रहेगा!

▪️कन्या :- कन्या राशि वालों के जीवन पर इस ग्रहण का कोई प्रभाव नही पड़ेगा!

▪️तुला :- जो लोग तुला राशि के हैं उनके लिए यह ग्रहण शुभ रहेगा तथा उनको इस ग्रहण का साकारात्मक लाभ मिलेगा!

▪️वृश्चिक :- वृश्चिक राशि के लोगों के लिये यह ग्रहण ठीक नही रहेगा, उनके बनते काम बिगड़ेंगे तथा स्वास्थ्य तथा धन सम्बन्धित हानि हो सकती है!

▪️धनु :- धनु राशि के लिए यह ग्रहण एक श्रेष्ठ अवसर प्रदान करेगा तथा अन्य लाभ भी देगा!

▪️मकर :- मकर राशि वालों के लिए यह ग्रहण आर्थिक व भौतिक तथा पारिवारिक दृष्टि से लाभान्वित कर सकता है! यदि वह इस ग्रहण काल में दान – ध्यान आदि करें तो!

▪️कम्भ :- कुम्भ राशि के लोगों के जीवन पर बहुत आंशिक रूप से इस ग्रहण का प्रभाव पड़ेगा और उन्हें इसका कुछ अच्छा तो कुछ बुरा दोनों तरह का प्रभाव देखने को मिलेगा!

▪️मीन :- मीन राशि के जातकों को सतर्क और सुरक्षित रहने की जरूरत है उन्हे किसी तरह की दुर्घटना से सावधान रहना चाहिए!

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