बिलासपुर.अरपा को लेकर शहर विधायक से कांग्रेस सड़क की लड़ाई पर उतर चुकी है। पहले तो डैमेज कंट्रोल के लिए मंत्री ने महापौर, सभापति से लेकर एल्डरमैन और पार्षद तक को फील्डिंग में लगाया, अब कमान आयुक्त सँभालते दिख रहे हैं । मीडिया में आयुक्त का बयान दिलवाकर भ्रम फैलाने की कोशिश हो रही है।
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता शैलेश पांडेय ने आयुक्त के बयान जिसमें अरपा का विकास का मास्टर प्लान 2033 बनकर तैयार होने को आढ़े हाथ लेते हुए कहा कि यह प्लान आज से 5 साल पहले ही ली एसोसिएट्स साउथ एशिया प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा 2013 में ही बनाकर प्रकाशित किया जा चुका है । 5 वर्ष पूर्व प्रकाशित विकास योजना के चौथे अध्याय जल विज्ञान एवं नदी चैनलाइजेशन की कंडिका 4.4.3 में दो ब्रिज और 7 वाटर वेयर बनाने की बात लिखी है । इसी मास्टर प्लान के पांचवे अध्याय में उपलब्ध भूमि की जानकारी दी गई है । और जितनी भी रिटेनिंग वॉल घाट में बोटिंग, भैसाझार से पानी लाने की व्यवस्था ,सिटी म्यूजियम या कमर्शियल दुकानें सड़कें, गार्डन ,पार्क भवन बनाने की सारी बातें इस वर्ष इस विकास प्लान में लिखी हुई है। मंत्री पिछले चुनाव में गुणगान भी इसका कर चुके हैं, लेकिन अब आयुक्त के माध्यम से पुरानी बातों को दोहराया जा रहा है ।
भूमि के सैकड़ों आवेदन पेंडिंग..
आठ करोड़ 20 लाख शासन के द्वारा फिर से स्वीकृत किए गए हैं डीपीआर बनाने के लिए लगभग 1200 एकड़ निजी भूमि आ रही है और किसी भी निजी भूमि अधिग्रहण के लिए 70 त्न भू-धारकों की सहमति होना आवश्यक है। प्रशासन अब सिंगल विंडो की बात कह रहा है लेकिन कई लोगों को सैकड़ों आवेदन पेंडिंग हैं। लोगों को हाईकोर्ट की शरण में जाना पड़ रहा है और अपनी जमीन की खरीदी बिक्री नहीं कर पा रहे हैं।
कांग्रेस ने ये उठाए सवाल..
१.प्राधिकरण को प्रशासकीय स्वीकृति व पर्यावरणीय स्वीकृति के शासकीय पत्र जारी नहीं किए गए हैं । इसके गजट नोटिफिकेशन को उच्च न्यायालय ने विधि शून्य घोषित किया है ,तब यह कैसे हो सकता है ।
२. निगम आयुक्त ने योजना 16.8 किमी की बताई फिर दोनों ओर की चैड़ाई बताने से क्या डर है ।
३. योजना में 91 किमी सड़क निर्माण होना है तो जनता स्वयं यह अनुमान लगा लेगी कि अरपा के दोनों ओर 200 मीटर भूमि क्यों ली जा रही है, तय नहीं कि मुआवजा मिलेगा ।
४. योजना में निजी भूमि 291.41 हेक्टेयर तथा शासकीय भूमि 360.05 हेक्टेयर है । लेकिन निजी भूमि को विकसित कर उसका 35 प्रतिशत भु-स्वामी को का क्या मतलब है। भू-अर्जन का नगद मुआवजा देगी या नही इस पर आयुक्त खामोश है ।
५. प्राधिकरण को पूर्व में तीन करोड़ स्वीकृत हुआ अब 8 करोड़ 20 लाख देने की घोषणा है पर सब जानते है कि राज्य शासन ने अपने इस वर्ष के बजट में राशि आबंटित नही की थी ।
सावधान किया आयुक्त को
एक मद का पैसा दूसरे मद में डलवाने का रिवाज है । पांडे ने कहा कि आयुक्त सजग रहें यही सभापति और महापौर काम निकल जाने के बाद सिविल लाइन थाने में धोखा धड़ी की एफआईआर दर्ज कराते है । पूर्व आयुक्त हनीफी के खिलाफ पूर्व महापौर विनोद सोनी ने सिविल लाइन थाने अपराध दर्ज कराया था ।
क्यों उत्तेजित हो रहे भाजपाई-शैलेश..
शैलेश ने कहा कि अरपा विकास प्राधिकरण पर प्रश्न उठने से सभापति इतना उत्तेजित क्यों हो रहे है । अरपा अरपा (अमर) विकास प्राधिकरण को बचाने में लगे है । इस मुद्दे पर वे स्वत: सफाई दे रहे है तो पुछने वाले फर्जी कैसे हुए। सत्तापक्ष बौखला जाता है। तथा तार्किक जवाब नहीं दे पाता क्योंकि सत्ता के पास तार्किक जवाब है ही नही। अरपा जहां खारून से मिलती है वहां लगा ईंट भ_ा किसका है ? कुछ माह पूर्व इसी निगम के तीन देवेभो कर्मचारियों ने सभापति के निजी आवास पर काम करने से इंकार किया था । साथ ही यह भी कहा था कि सभापति उनसे ईंट भट्टे पर बंधवा मजदूर के रूप में काम कराते है ।