बिहार कटिहार,(omgnews.co.in): सरकार शिक्षा व्यवस्था में सुधार के कितने ही दावे कर लें लेकिन बिहार सरकार के हर दावों की पोल खुलती नज आ रही है. बिहार के कटिहार जिले के एमजेएम कॉलेज में इन दिनों पार्ट वन की परीक्षा चल रही है और यहां परीक्षा देते छात्रों की तस्वीरें देख शायद आपको विश्वास भी ना हो कि ये वाकई परीक्षा दे रहे हैं.
सभी विद्यार्थी यहां बेफिक्र होकर कदाचार युक्त परीक्षा दे रहे हैं. इस भीषण गर्मी में भी सैकड़ों छात्र-छात्राएं बिना पंखों के जमीन पर बैठकर परीक्षा दे रहे हैं और एक दूसरे की नकल कर लिखने में परीक्षार्थी व्यस्त दिखे. बिजली नहीं होने से भी उन्हें कोई समस्या नहीं हो रही क्योंकि सभी एक दूसरे की कॉपियों से देखकर लिखने में इतने व्यस्त दिख रहे कि ऐसा लग रहा कि इन्हें गर्मी भी नहीं लग रही हो.
यहां तक कि परीक्षार्थी खुद भी कुबूल कर रहे हैं कि वो नकल कर परीक्षा लिख रहे हैं. पूछे जाने पर उन्होंने दोष कॉलेज प्रशासन पर मढ़ दिया और कहा कि बिहार में शिक्षा व्यवस्था का हाल नहीं सुधरने वाला है. साथ ही कई छात्रों ने तो ये भी कहा कि वो नकल कर परीक्षा देने के लिए मजबूर हैं.
वहीं जब परीक्षा के बारे में कॉलेज के प्राचार्य से बात की गई तो विश्वविद्यालय को इसका जिम्मेदार ठहराया. प्राचार्य ने कहा कि कॉलेज में परीक्षार्थी की कैपिसिटी 400 से 500 विद्यार्थियों की है लेकिन 1000 विद्यार्थियों की परीक्षा ली जा रही है. विश्वविद्यालय का कहना है कि किसी तरह अरेंज कीजिए परीक्षा लीजिए.
लेकिन बड़ा सवाल यह उठता है कि अगर शिक्षा व्यवस्था इतनी लचर होगी तो विद्यार्थियों के भविष्य का क्या होगा. कब तक शिक्षा व्यवस्था में सुधार के बड़े-बड़े दावे तो किए जाते हैं लेकिन जमीनी सच्चाई कुछ और ही निकल कर सामने आती है.