बिलासपुर. कांग्रेसी जब अरपा बचाने ऩिकले तब भाजपा शासन ने अरपा विकास प्राधिकरण के लिए डीपीआर व पर्यावरणीय के साथ 8 करोड़ 20 लाख की स्वीकृति दी है। शुरुआती चरण में जल्द ही कंस्लटेंट चयन की प्रक्रिया पूरी होगी।
इधर भूमि से संबंधित प्रक्रियाओं के लिए सिंगल विंडो प्रणाली लागू की गई है समस्त आवेदनों का निराकरण सिटीजन चार्टर के तहत समय सीमा पर किया जा रहा है। नगर निगम के आयुक्त सौमिल रंजन चौबे ने बताया कि अरपा विकास प्राधिकरण का मास्टर प्लान 2033 तक के लिए बनकर तैयार है। ली एसोसिएट साउथ एशिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा इसे तैयार किया गया है। इसी रिटेनिंग वाल डिजाइन परीक्षण का कार्य आईआईटी रूढ़की द्वारा किया गया है। विकास योजना की लंबाई 16.8 किलोमीटर है, जिसमें शासकीय भूमि 360.05 हेक्टेयर और निजी भूमि 291.41 हेक्टेयर का उपयोग होगा। इसमें शासकीय भूमि का निःषुल्क आबंटन के लिए कलेक्टर व शासन को पत्र लिखा गया है। शासकीय भूमि आबंटन के बाद निर्माण कार्य शुरू होंगे। अरपा के दोनों तरफ विकास के लिए 1673 करोड़ 80 लाख रुपए प्रस्तावित लागत का स्टेज वाइज डीपीआर तैयार करने का निर्णय पीपीपी मूल्यांकन समिति द्वारा लिया गया है, जिसमें आरपा के दोनों ओर डामरीकृत व कांक्रीट की 91 किलोमीटर सड़क का निर्माण होगा।
चार ब्रिज और दो बैराज..
योजना के तहत चार नए ब्रिज का निर्माण होगा। इसमें बिलासा पार्क, इंदिरा सेतु फोर लेन, शनिचरी रपटा के पास सस्पेंशन ब्रिज व मोपका के पास ब्रिज का निर्माण होगा। इसी तरह दोनों किनारे 100 फुट चौड़ी सड़का का निर्माण होगा। इधर अरपा में साल भर पानी भरने के लिए मधुबन ब्रिज अपस्ट्रीम और इंदिरा सेतु अपस्ट्रीम में बैराज का निर्माण होगा। चार ब्रिज और एप्रोच सड़क बनने के कारण शहर पर ट्रैफिक दबाव कम हो जाएगा।
निजी भूमि का होगा विकास..
निजी भूमियों का अधिग्रहण नहीं करके लैंडफील के माध्यम से निजी भूमिस्वामियों को इस योजना का भागीदार बनाया जाएगा। इसमें पूर्ण रूप से विकसित 35 प्रतिषत भूमि उन्हें प्रदान की जाएगी। पूर्व में व्यापार विहार व नर्मदा नगर का विकास ऐसी कार्ययोजना के तहत की गई है।
आवासीय से व्यावसायिक..
अरपा विकास मास्टर प्लान बनने के कारण भूमि आवासीय से स्वतः ही व्यावसायिक हो गई है। सड़क किनारे एप्रोच रोड होने से भूस्वामियों को सीधा इसका लाभ मिलेगा और भूमि की कीमत कई सौ गुना तक बढ़ेगी।
सिंगल विंडो से निराकरण
अरपा विकास प्राधिकरण द्वारा योजना के क्रियान्वयन में भूमि से संबंधित प्रक्रियाओं के लिए सिंगल विंडो प्रणाली लागू की गई है। कमिश्नर श्री चौबे ने बताया कि समस्त आवेदनों का निराकरण सिटीजन चार्टर में उल्लेखित समय सीमा में किया जाता है। इससे किसी भी आवेदक को प्रक्रिया के लिए भटकने की जरूरत नहीं है।
प्लान में यह भी है शामिल..
१.क्रांक्रीट रिटेनिंग वाल
२.घाट व बोटिंग
३.भैंसाझार बराज से पाइप लाइन के माध्यम से नदी में पानी लाएंगे